रांची: बेघरों को घर देने की बात लगातार सरकार करती आई है. पूर्व की रघुवर सरकार ने राजधानी रांची में 4656 फ्लैट साल 2020 तक तैयार करने की घोषणा की थी. इस पर काम भी हुआ, लेकिन टारगेट पूरा नहीं हो पाया. लगभग 1500 फ्लैट का ही निर्माण कराया जा सका. लाभुकों को फ्लैट आवंटित भी किए गए, लेकिन 2020 तक का जो लक्ष्य था, वह पूरा नहीं हो पाया है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक सभी शहरी बेघरों को पक्का घर देने का वादा किया है. झारखंड में पूर्व की रघुवर दास सरकार ने बेघरों को घर देने का टारगेट 2 साल कम कर दिया था और तब के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2020 तक सभी शहरी बेघरों को पक्का घर देने की बात कही थी. इसके तहत राजधानी रांची में 4656 फ्लैट बनाए जाने की योजना थी, लेकिन यह टारगेट पूरा नहीं हो पाया. इसके पीछे कई वजहें हैं, जिसमें सबसे बड़ी वजह भूमि अधिग्रहण की रही है. हालांकि साल 2021 में राजधानी के पंडरा बाजरा और तिरिल के लीप्रोसी कॉलोनी में 1733 फ्लैट बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है. बाजरा में 1008 फ्लैट, पंडरा में 477, तिरिल में 255 फ्लैट बनाए जाएंगे. इन फ्लैटों के निर्माण की कागजी प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसके साथ ही धुर्वा में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत 1008 फ्लैट बनाने की तैयारी चल रही है.
लाभुकों को दिया जाएगा फ्लैट
वहीं, राजधानी रांची में अब तक बनहोरा में 180 फ्लैट, बिरसा मुंडा पुराने जेल परिसर में 204 फ्लैट, मधुकम में 336, इस्लाम नगर में 291, सुखदेव नगर खड़गदा में 300 से ज्यादा फ्लैट बनाए जा चुके हैं. ज्यादातर फ्लैट को लाभुकों को आवंटित भी किया जा चुका है और बचे हुए फ्लैट को लॉटरी के माध्यम से आवंटित किया जा रहा है. वहीं, कुछ लाभुक, जिन्होंने प्रक्रिया पूरी नहीं की है. उनके आवेदन की वापसी भी होगी. दूसरे लाभुक, जिन्होंने प्रक्रिया पूरी कर ली है, उन्हें फ्लैट दिया जाएगा.
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बीजेपी ने की रघुवर सरकार की तारीफ
प्रदेश बीजेपी का दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में राज्य में बड़े पैमाने पर विकास के कार्य किए गए. बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल का कहना है कि सड़कों का जाल बिछाने, स्वास्थ्य में अभूतपूर्व परिवर्तन या फिर गरीबों को घर मुहैया कराने की बात हो, इसमें बड़े पैमाने पर रघुवर दास की सरकार में कार्य किया गया और 2022 तक शहरी और ग्रामीण गरीबों को पक्का मकान देने का संकल्प लिया गया था, उसे पूरा भी किया गया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में किसी योजना को पूरे होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. बल्कि कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को बंद किया जा रहा है. युवाओं को रोजगार देने की जगह बेरोजगार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया है और जनता के बीच निराशा है.
रघुवर सरकार में बेघरों को घर देने का प्रयास
शहर की मेयर आशा लकड़ा का मानना है कि पूर्व की रघुवर सरकार में बेघरों को घर देने के लिए बेहतर प्रयास किए गए थे और अब लाइटहाउस के माध्यम से भी बड़े पैमाने पर लोगों को आवास मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बनहोरा, मधुकम, खादगढ़ा, पुराना जेल परिसर में बड़े पैमाने पर लोगों को फ्लैट दिए गए, साथ ही जिनके पास जमीन थी, लेकिन पक्का मकान नहीं था, उनको भी आवास योजना का लाभ दिया गया. उन्होंने कहा कि स्लम एरिया में भी आवास निर्माण कराए गए, कुछ लोग छूट गए हैं, उन्हें भी आवास देने के लिए कार्य किए जा रहे हैं. वही जिन्हें आवास नहीं मिल पाया है. उनके आवेदन लगातार नगर निगम के माध्यम से सरकार तक पहुंच रहे हैं, ताकि उन्हें आवास मुहैया कराया जा सके और उन्हें भी वर्ष 2022 तक पक्का मकान मिल सके. जिन लाभुकों को आवास मिल गया है. वह अपनी खुशी भी जाहिर कर रहे हैं, जो कभी गंदगी और जलजमाव के बीच जिंदगी गुजार रहे थे. वह फ्लैट मिलने के बाद बेहतर तरीके से रह रहे हैं.
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2021 तक बेघरों को मिलेगा घर
वहीं, सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी का दावा है कि साल 2021 तक बड़ी संख्या में बेघरों को घर मिलेगा, इसके लिए सरकार गंभीर है. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पिछले 9 महीने कोरोना काल में बीत गया, फिर भी विकास को जो गति देना चाहिए था, उसे लेकर काम किया गया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जो बजट आ रहा है, उसमें भी सारी बातों पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार उन्हीं लोगों को केंद्र बिंदु में रखकर काम कर रही है, जिनके पास कुछ नहीं है.