रांची: राजधानी के कांके स्थित केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान के पीएसडब्ल्यू विभाग ने झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन समाज के सहयोग से शुक्रवार (22 अक्टूबर) को मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता प्रशिक्षण पर संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया. जिसका मुख्य उद्देश्य ब्लॉक और जिला स्तर पर काम कर रहे रिसोर्स पर्सन को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और अंधविश्वास को दूर करने में उनकी भूमिका को प्रबल बनाना था. वहीं नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स की चार सदस्यीय टीम ने राज्य सचिवालय में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे को योजनाओं के इंटीग्रेशन पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया.
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मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता की जरूरत
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉक्टर बासुदेव दास ने जिला स्तरीय रिसोर्सपर्सन को संबोधित किया और राज्य में मौजूद विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने सभी लोगों से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता फैलाने में मदद करने के लिए आगे आने की अपील की.
मानसिक रोग से संबंधित पूछे गए कई सवाल
कार्यक्रम के दौरान इस सत्र में विभिन्न जिले से आए रिसोर्सपर्सन ने मानसिक रोग से संबंधित कई सवाल पूछे. जिनका जवाब वहां मौजूद संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अविनाश शर्मा, मनोवैज्ञानिक सामाजिक कार्य विभाग के प्रमुख डॉ. दीपजन भट्टाचार्य, गरिमा परियोजना के कार्यक्रम प्रभारी नीलेश जैसे विशेषज्ञों ने दिए.
ई-गवर्नेंस सेवाओं का इंटीग्रेशन
मानसिक रोग से संबंधित कार्यशाला के साथ राजधानी में ई-गवर्नेंस सेवाओं के इंटीग्रेशन को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स की चार सदस्यीय टीम ने राज्य सचिवालय में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे से मुलाकात की और इस नई योजना को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया.
समय पर मुहैया होगी बुनियादी सुविधा
इस मौके पर विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने ई-गवर्नेंस सेवाओं के इंटीग्रेशन को अच्छी पहल बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पहले से ही डाटाबेस इंटीग्रेशन की दिशा में काफी प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा हम नागरिकों को बुनियादी सुविधा समय पर मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्पित हैं. इसलिए हमारे यहां अधिकांश नगरीय सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं. सचिव विनय कुमार चौबे ने टीम को सुझाव दिया कि नेशनल अर्बन डिजिटल मिशन के डायसबोर्ड में सॉलिड वैस्ट मैनेजमेंट की ट्रैकिंग की भी व्यवस्था हो. इस सुझाव को केंद्रीय टीम ने अपने सिस्टम में जोड़ने का आश्वासन दिया है.
ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में झारखंड बेहतर
नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स के निदेशक हितेश वैद्य ने कहा कि ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में झारखंड के सभी नगर निकायों नें बेहतर कार्य किए हैं. हम इस उपलब्धि को राष्ट्रीय स्तर पर दिखाएंगे. उन्होंने कहा कि देश के 4400 से भी ज्यादा नगर निकायों में नगरीय सुविधाओं की तकनीक आधारित डिलीवरी, नागरिक सुविधाओं में और भी पारदर्शिता, जिम्मेदारी लाने तथा जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव के लिए लॉन्च इस मिशन को लागू करने में केंद्र और राज्य सरकारों का बराबर सहयोग अपेक्षित है. उन्होंनें कहा कि झारखंड इस दिशा में अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा है.