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रिम्स में सुरक्षाकर्मियों का प्रदर्शनः अधीक्षक ने कहा- होमगार्ड्स की तैनाती सरकार का फैसला, बकाए वेतन का भुगतान जल्द

रिम्स में सेवा दे रहे निजी सुरक्षा गार्डों को हटाने का फैसला लिया गया है. जिसके विरोध में निजी सुरक्षकर्मी आंदोलन कर रहे हैंPrivate security personnel protested in RIMS. सुरक्षाकर्मियों के आंदोलन की वजह से रिम्स में सेवाएं प्रभावित हुई हैं.

Private security personnel protested in RIMS
प्रदर्शन करते निजी सुरक्षाकर्मी
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Published : Jan 4, 2023, 3:22 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 3:51 PM IST

प्रदर्शन कर रहे सुरक्षाकर्मी

रांचीः रिम्स की सुरक्षा से हटाए जा रहे निजी सुरक्षाकर्मियों के आंदोलन की वजह से बुधवार को रिम्स की सेवा चरमराई हुई रही. वहीं अधीक्षक कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में निजी सुरक्षाकर्मियों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारेबाजी की(Private security personnel protested in RIMS). निजी सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि रिम्स में 302 सुरक्षाकर्मी और 76 ट्रॉलीमैन निजी सिक्योरिटी एजेंसी के माध्यम से वर्षों से सेवा दे रहे हैं. उन्हें चार महीने से वेतन नहीं मिला है तो दूसरी ओर रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा है कि रिम्स में निजी एजेंसी के द्वारा सेवा दे रहे 378 सुरक्षाकर्मियों को हटाया जा रहा है और उनकी जगह पर अब होमगार्ड के जवान को तैनात किया जाएगा, ऐसे में उनके सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है. जिसका विरोध सभी सुरक्षाकर्मी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः नये साल पर नई बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ रिम्स का न्यूरो विभाग, अब बेड पर होगा मरीजों का इलाज


सरकार नहीं कर रही ख्यालः रिम्स के निजी सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि कोरोना काल में भी उन्होंने मरीजों की सेवा की और कई सुरक्षाकर्मी खुद संक्रमित होकर शहीद हो गए. इसका भी ख्याल सरकार नहीं कर रही है. ऐसे में अब उनके सामने करो या मरो वाली स्थिति है. सिक्योरिटी सुपरवाइजर प्रणव कुमार ने ईटीवी भारत से कहा कि उनके आंदोलन की वजह से रिम्स में भर्ती मरीजों, ओपीडी में आने वाले मरीजों, डॉक्टर्स की सुरक्षा सभी पर असर पड़ा है. मानवता की वजह से सिर्फ इमरजेंसी में दो ट्रॉलीमैन को सेवा पर लगाया गया है. बाकी सभी जगह रिम्स की व्यवस्था भगवान भरोसे है.

सिक्योरिटी सुपरवाइजर प्रणव कुमार और रिम्स अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ
हड़ताल का रिम्स की सेवा पर असरः वहीं रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर हिरेंद्र बिरुआ ने माना कि सुरक्षा गार्ड के हड़ताल की वजह से रिम्स की सेवाओं पर असर पड़ा है. जिसको दूर करने की व्यवस्था रिम्स प्रबंधन कर रहा है और इसके लिए वैकल्पिक रास्ते खोजे जा रहे हैं. मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि अभी तक किसी भी गार्ड को सेवा से हटाने की बात नहीं कही गई है, लेकिन यह सच है कि रिम्स में सुरक्षा का जिम्मा होमगार्ड के जवानों को देना है और यह सरकार का नीतिगत फैसला है इसमें रिम्स प्रबंधन की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां तक 4 महीने के बकाए वेतन की बात है तो उसमें से 3 महीने सितंबर अक्टूबर और नवंबर का बकाया वेतन सुरक्षाकर्मियों को दो-तीन दिन के अंदर उपलब्ध करा दिया जाएगा. जबकि दिसंबर महीने का बकाया वेतन, प्रक्रिया पूरी करने के बाद दे दिया जाएगा.


रिम्स में निजी सुरक्षाकर्मियों को उपलब्ध कराने वाली एवेरेस्ट ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट के इफ्तखार इकबाल और प्रदीप कुमार सिंह सभी सुरक्षाकर्मियों को यह समझाते दिखे कि रिम्स की इमरजेंसी सेवा को देखते हुए वह काम पर लौटे और कोई ऐसा काम नहीं करें, जिससे मरीजों को परेशानी हो. उन्होंने भी कहा कि बकाया वेतन का जल्द भुगतान किया जाएगा तथा सेवा से हटाने की स्थिति में 03 महीने का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा.


क्या है पूरा मामलाः झारखंड में रघुवर दास के मुख्यमंत्री काल में यह फैसला लिया गया था कि राज्य के सरकारी संस्थानों में सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी सुरक्षा एजेंसी की जगह होमगार्ड के जवानों को दी जाएगी. सरकार के उसी फैसले के आलोक में अब रिम्स प्रबंधन रिम्स में निजी सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से उपलब्ध कराए गए 378 सुरक्षाकर्मी और ट्रॉली मैन की जगह होमगार्ड के जवानों की सेवा लेने जा रही है. इसकी भनक लगते ही वर्षों से सेवा दे रहे निजी सुरक्षाकर्मी आंदोलन पर उतर आए हैं.

प्रदर्शन कर रहे सुरक्षाकर्मी

रांचीः रिम्स की सुरक्षा से हटाए जा रहे निजी सुरक्षाकर्मियों के आंदोलन की वजह से बुधवार को रिम्स की सेवा चरमराई हुई रही. वहीं अधीक्षक कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में निजी सुरक्षाकर्मियों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारेबाजी की(Private security personnel protested in RIMS). निजी सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि रिम्स में 302 सुरक्षाकर्मी और 76 ट्रॉलीमैन निजी सिक्योरिटी एजेंसी के माध्यम से वर्षों से सेवा दे रहे हैं. उन्हें चार महीने से वेतन नहीं मिला है तो दूसरी ओर रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा है कि रिम्स में निजी एजेंसी के द्वारा सेवा दे रहे 378 सुरक्षाकर्मियों को हटाया जा रहा है और उनकी जगह पर अब होमगार्ड के जवान को तैनात किया जाएगा, ऐसे में उनके सामने बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है. जिसका विरोध सभी सुरक्षाकर्मी कर रहे हैं.

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सरकार नहीं कर रही ख्यालः रिम्स के निजी सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि कोरोना काल में भी उन्होंने मरीजों की सेवा की और कई सुरक्षाकर्मी खुद संक्रमित होकर शहीद हो गए. इसका भी ख्याल सरकार नहीं कर रही है. ऐसे में अब उनके सामने करो या मरो वाली स्थिति है. सिक्योरिटी सुपरवाइजर प्रणव कुमार ने ईटीवी भारत से कहा कि उनके आंदोलन की वजह से रिम्स में भर्ती मरीजों, ओपीडी में आने वाले मरीजों, डॉक्टर्स की सुरक्षा सभी पर असर पड़ा है. मानवता की वजह से सिर्फ इमरजेंसी में दो ट्रॉलीमैन को सेवा पर लगाया गया है. बाकी सभी जगह रिम्स की व्यवस्था भगवान भरोसे है.

सिक्योरिटी सुपरवाइजर प्रणव कुमार और रिम्स अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ
हड़ताल का रिम्स की सेवा पर असरः वहीं रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर हिरेंद्र बिरुआ ने माना कि सुरक्षा गार्ड के हड़ताल की वजह से रिम्स की सेवाओं पर असर पड़ा है. जिसको दूर करने की व्यवस्था रिम्स प्रबंधन कर रहा है और इसके लिए वैकल्पिक रास्ते खोजे जा रहे हैं. मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि अभी तक किसी भी गार्ड को सेवा से हटाने की बात नहीं कही गई है, लेकिन यह सच है कि रिम्स में सुरक्षा का जिम्मा होमगार्ड के जवानों को देना है और यह सरकार का नीतिगत फैसला है इसमें रिम्स प्रबंधन की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां तक 4 महीने के बकाए वेतन की बात है तो उसमें से 3 महीने सितंबर अक्टूबर और नवंबर का बकाया वेतन सुरक्षाकर्मियों को दो-तीन दिन के अंदर उपलब्ध करा दिया जाएगा. जबकि दिसंबर महीने का बकाया वेतन, प्रक्रिया पूरी करने के बाद दे दिया जाएगा.


रिम्स में निजी सुरक्षाकर्मियों को उपलब्ध कराने वाली एवेरेस्ट ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट के इफ्तखार इकबाल और प्रदीप कुमार सिंह सभी सुरक्षाकर्मियों को यह समझाते दिखे कि रिम्स की इमरजेंसी सेवा को देखते हुए वह काम पर लौटे और कोई ऐसा काम नहीं करें, जिससे मरीजों को परेशानी हो. उन्होंने भी कहा कि बकाया वेतन का जल्द भुगतान किया जाएगा तथा सेवा से हटाने की स्थिति में 03 महीने का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा.


क्या है पूरा मामलाः झारखंड में रघुवर दास के मुख्यमंत्री काल में यह फैसला लिया गया था कि राज्य के सरकारी संस्थानों में सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी सुरक्षा एजेंसी की जगह होमगार्ड के जवानों को दी जाएगी. सरकार के उसी फैसले के आलोक में अब रिम्स प्रबंधन रिम्स में निजी सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से उपलब्ध कराए गए 378 सुरक्षाकर्मी और ट्रॉली मैन की जगह होमगार्ड के जवानों की सेवा लेने जा रही है. इसकी भनक लगते ही वर्षों से सेवा दे रहे निजी सुरक्षाकर्मी आंदोलन पर उतर आए हैं.

Last Updated : Jan 4, 2023, 3:51 PM IST
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