रांची: कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. पुलिस की जिम्मेवारी बहुत ज्यादा बढ़ गई है. उनके काम का बोझ भी दोगुना हो गया है. ऐसे में उनका एक मजबूत सहारा बन कर उभरे हैं निजी सुरक्षा गार्ड्स. छोटे से लेकर बड़े प्रतिष्ठानों में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड इस विषम स्थिति में पुलिस को बड़ी राहत दे रहे हैं.
साइलेंट कोरोना वॉरियर्स के रूप में उभरे निजी गार्ड
लॉकडाउन के दौरान निजी सुरक्षा गार्ड साइलेंट कोरोना वॉरियर्स के रूप में उभरे हैं. तमाम फैक्ट्रियां, शापिंग कॉम्लेक्स, सोसाएटी के सिक्योरिटी गार्ड भी अपनी-अपनी सोसाएटी और प्रतिष्ठानों के सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों जैसी भूमिका निभा रहे हैं.
रांची में 100 से अधिक प्राइवेट निजी गार्ड की कंपनियां
राजधानी रांची में 100 से अधिक प्राइवेट निजी गार्ड की कंपनियां हैं, जिसमें 15000 से अधिक निजी सुरक्षा गार्ड हैं. इनमें से कई राष्ट्रीय स्तर पर भी काम कर रही है. सुरक्षा गार्ड में तैनात अधिकांश लोग या तो पूर्व में आर्मी में रह चुके हैं या फिर वह छोटी मोटी ट्रेनिंग लेकर सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग फैक्ट्रियां और संस्थानों में वर्तमान में 10,000 से अधिक गार्ड्स ड्यूटी कर रहे हैं. झारखंड के बड़े फैक्ट्रियों और बड़े प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का जिम्मा दो तरह के गार्ड्स पर निर्भर है. एक जो हथियार बंद होते हैं और दूसरे बिना हथियार के.
ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी रांची के सभी प्रमुख शोरूम मॉल और फैक्ट्रियों का जायजा लिया. इस दौरान रात हो या दिन वहां तैनात निजी सुरक्षा गार्ड बेहद सक्रिय दिखे. इतनी सक्रियता के बाद भी निजी सुरक्षा गार्डों को अधिकांश तैनाती की जगह कोई भी सुविधाएं नहीं थी. निजी सुरक्षा गार्डों से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने बात करना शुरु किया तो उनके चेहरे पर साफ मायूस दिख रही थी. कुछ बड़े सुरक्षा गार्ड कंपनियों को छोड़ दें तो अधिकांश कंपनियों ने अपने गार्डों को कोई सुविधा प्रदान नहीं की है, यहां तक कि उन्हें खुद से ही व्यवस्था कर ड्यूटी पर आना पड़ता है, जबकि लॉकडाउन में वाहन नहीं चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें कभी पैदल तो कभी साइकिल से आना पड़ता है. हालांकि कई जगह गार्ड्स को एडवांस पेमेंट भी किया गया है.
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स्थानीय करते हैं मदद
दिन हो या रात निजी सुरक्षा गार्ड पुलिस कि तरह ड्यूटी निभा रहे हैं. पुलिस भी निजी सुरक्षा गार्डों के एक्टिव रहने के कारण काफी सकून से हैं. रांची के सबसे बड़े शॉपिंग कंपलेक्स में ड्यूटी में तैनात सुरक्षा गार्ड भी काफी परेशान हैं. दरअसल उन्हें संक्रमण का भी खतरा है, लेकिन चुकी बात रोजी रोटी का है इसलिए वह लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. यहां तैनात गार्ड बताते हैं कि आसपास के लोग भी उन्हें मदद करते हैं. समय-समय पर अनाज और दूसरे खाद सामग्री दे जाते हैं, जिससे उन्हें कम से कम खाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
स्वास्थ बीमा के बिना कर रहे काम
बिहार के आरा के रहने वाले वीरेंद्र सिंह रांची के सबसे बड़े जेवलर्स शॉप के गार्ड हैं. उन्होंने कहा कि रेटेशन में ड्यूटी की जा रही है प्रतिष्ठान बंद है, ऐसे में सुरक्षा को लेकर जिम्मेवारी काफी बढ़ गई है. हालाकि ड्यूटी के दौरान कई तरह की परेशानियां आ रही है, कंपनी के तरफ से किसी तरह का बीमा भी नहीं करवाया गया है. हालांकि कंपनी के लोग सैलरी समय से दे रहे हैं. वीरेंद्र के साथी गार्ड ने भी बताया कि उन्हें भी अपने परिवार की चिंता सताती है, क्योंकि वह यहां अकेले रहते हैं, तो उनका काम चल जा रहा है, लेकिन परिवार के लोग बिहार में रहते हैं, ऐसे में उनके सेहत की चिंता अक्सर लगी रहती है.
इंडस्ट्रियल एरिया में भी सजग दिखे निजी गार्ड
राजधानी के तुपुदाना, सदर इंडस्ट्रियल एरिया, रातू , नामकुम और ओरमांझी जैसे इलाकों में लगभग 3 सौ छोटी बड़ी फैक्ट्रियां संचालित होती हैं. देश भर में लॉकडाउन के बीच यहां दवा, सेनेटाइजर, एलपीजी, फूड प्रोसेसिंग संबंधी आवश्यकीय कंपनियों को छोड़कर बाकी कंपनियों को बंद रखा गया है. वहीं इन बंद कंपनियों में सुरक्षा का जिम्मा सिक्योरिटी गार्डों के भरोसे है. ऐसे में शिफ्ट ड्यूटी कर सुरक्षा कर्मी कंपनियों में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं.
बड़े आवासीय कॉलोनियों और सोसायटी में सुरक्षा कर्मी पूरी मुस्तैदी से तैनात
वहीं एटीएम और बैंकों में यह अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इस समय सुरक्षा गार्ड भी आवश्यकीय सेवाओं में कार्य कर रहे सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग समेत अन्य विभागों की तरह पूरी मुस्तैदी से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. रांची में लॉकडाउन के दौरान एटीएम की सुरक्षा में महिला गार्ड भी नजर आ रही हैं.
अभी तक नही मिली है कोई शिकायत
निजी सुरक्षा गार्डों को लेकर राजधानी रांची की पुलिस भी सतर्क है खुद रांची के सीनियर एसपी अक्सर उनका हालचाल लेने निकल जाते हैं. दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निजी सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गार्डों की छंटनी या उनके वेतन में कटौती न करें. गृह मंत्रालय ने निजी सुरक्षा उद्योग के केंद्रीय संघों, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और अन्य को लिखे पत्र में कहा कि भारत कोविड-19 के प्रकोप के चलते एक असाधारण हालात का सामना कर रहा है. इस महामारी और बंद के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और दुकानें, मॉल और अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण कुछ निजी सुरक्षा एजेंसियां प्रभावित हो सकती हैं. हालांकि अभी तक राजधानी रांची से किसी भी निजी सुरक्षा कंपनी ने किसी गार्ड को नौकरी से नहीं निकाला है. रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि अगर ऐसा कुछ भी होता है तो उस कंपनी पर करवाई की जाएगी.