रांचीः शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत झारखंड के निजी स्कूलों (Private schools in Jharkhand) में 25 प्रतिशत सीट बीपीएल परिवार के बच्चों के लिए आरक्षित किए गए हैं. पिछले 3 वर्षों के आंकड़े को देखें तो पता चलता है कि निजी स्कूलों की मनमानी जारी है. इस साल भी नामांकन को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न स्कूलों का नाम जारी किया गया है. लेकिन अब तक नामांकन के मामले में निजी स्कूल आनाकानी कर रही है. शिक्षक संघ ने इन स्कूलों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग की है.
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झारखंड में शिक्षा के अधिकार अधिनियम (Right to Education Act in Jharkhand) के तहत नामांकन की संख्या घट गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में चल रहे निजी स्कूलों ने नामांकन लिया नहीं है या फिर अभिभावकों ने नामांकन लेने की कोशिश नहीं की है. इस रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक साल प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत (RTE in Jharkhand) होने वाले नामांकन में संख्या कम हुई है. राज्य सरकार ने साल 2018 में 13263, साल 2019 में 14045 और साल 2020 में 11,766 स्टूडेंट के लिए राशि आवंटित की है. वहीं, आरटीई के तहत निजी स्कूलों में साल 2019 में एडमिशन के आंकड़े के अनुसार शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में भी नामांकन के आंकड़े खराब हैं. डीपीएस में साल 2019 से मात्र 10 सीट पर ही नामांकन हुआ था. इसके साथ ही जेवीएम में 18 सीटों पर ही एडमिशन लिए गए. जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार शहर के 66 स्कूलों में सिर्फ 15 स्कूलों ने ही एडमिशन लिया है.
शहर के 66 स्कूलों में कुल 938 सीट आरटीई के तहत तय है. लेकिन इन स्कूलों में सिर्फ 150 से भी कम छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ. आरटीई के तहत एडमिशन के आंकड़ों पर गौर करें तो 2012 से 2019 तक स्कूलों में निर्धारित लक्ष्य का 50 फीसदी रहा है. साल 2019 और 21 के बीच यह आंकड़ा 40 प्रतिशत है. हालांकि, साल 2021-22 में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू है. लेकिन अब तक विभाग की ओर से स्पष्ट रिपोर्ट नहीं दी गई है.
विभागीय स्तर पर शहर के 66 स्कूलों के नामांकन को लेकर निर्धारित सीट को लेकर विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे. इस विज्ञापन के जरिए निजी स्कूल प्रबंधकों को आरटीई के तहत नामांकन लेने का निर्देश दिया गया. लेकिन अब तक निजी स्कूलों की ओर से इसे लेकर स्पष्ट नहीं किया गया है. अगर पिछले आंकड़ों की बात करें तो निजी स्कूल लगातार मनमानी कर रही है. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को गुमराह भी कर रही है. शिक्षा विभाग की ओर से रांची जिले में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक करोड़ 33 लाख 86 हजार 419 रुपए का भुगतान भी किया गया है.
शहर के विभिन्न निजी स्कूलों में एडमिशन कि बात करें तो विवेकानंद विद्या मंदिर में 10, टेंडर हार्ट में 17, डीएवी सेक्टर 3 में 08, डीएवी हेहल में 10, डीएवी कपिलदेव में 23, ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में 09, लाला लाजपत राय स्कूल में 06, गुरु नानक पब्लिक स्कूल में 12, संत माइकल स्कूल में 06, कैंब्रियन पब्लिक स्कूल काठीटांड में तीन, शारदा ग्लोबल में तीन और निर्मला कान्वेंट में 25 एडमिशन ही हुए हैं. माध्यमिक शिक्षक संघ ने नेता ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मनमानी करने वाले स्कूलों को चिन्हित कर कार्रवाई सुनिश्चित करें.