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झारखंडः सरकारी हाई स्कूलों में जल्द होगी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति, DEO से मांगी डिटेल

झारखंड के सरकारी हाई स्कूलों में जल्द ही प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. सभी जिलों से हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की संख्या और प्रभारी प्रधानाध्यापकों की संख्या का ब्यौरा मांगा गया है.

DEO seeks details regarding appointment of principals in high schools
हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति को लेकर DEO से मांगी डिटेल
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Published : Jul 8, 2020, 3:25 PM IST

रांची: सूबे में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी तरह के सरकारी हाई स्कूलों के प्राचार्यों और वरीय पदों की रिक्तियों की संख्या मांगी है. विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से स्कूल का नाम, प्रधानाध्यापक का नाम, सेवानिवृत्ति की तिथि जैसी कई जरूरी जानकारी मुहैया कराने को कहा है. दरअसल, राज्य भर में सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के पद काफी संख्या में रिक्त हैं. जानकारी के मुताबिक 4 हजार पदों में से 3,500 स्कूलों में स्थाई प्रधानाध्यापक हैं ही नहीं और यह चिंता का विषय है.

ये भी पढ़ें: कोरोना का कहर: होम क्वॉरेंटाइन में सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर का ऑफिस सील

अधिकतर स्कूलों में सीनियर टीचर को ही प्रधानाध्यापक का प्रभार दे दिया गया है और उन्हीं के भरोसे स्कूल संचालित हो रहे हैं. इस वजह से सही तरीके से स्कूलों का संचालन नहीं हो रहा है और ऐसे शिक्षकों द्वारा बार-बार विभाग से यह मांग की जाती रही है कि उन्हें ही नियमित रूप से प्रमोट कर प्रधानाध्यापक बना दिया जाए.

राज्य में करीब 2,500 अपग्रेड हाई स्कूल हैं. अपग्रेड होने के बाद यहां प्रधानाध्यापक की नियुक्ति हुई ही नहीं है. वर्ष 2007-2008 के बाद से इस संबंध में नियुक्ति नहीं हुई है. इसी कड़ी में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक द्वारा सभी तरह के सरकारी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक के खाली और वरीय पदों को भरने को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों से जानकारी भेजने को कहा है.

रांची: सूबे में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी तरह के सरकारी हाई स्कूलों के प्राचार्यों और वरीय पदों की रिक्तियों की संख्या मांगी है. विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से स्कूल का नाम, प्रधानाध्यापक का नाम, सेवानिवृत्ति की तिथि जैसी कई जरूरी जानकारी मुहैया कराने को कहा है. दरअसल, राज्य भर में सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के पद काफी संख्या में रिक्त हैं. जानकारी के मुताबिक 4 हजार पदों में से 3,500 स्कूलों में स्थाई प्रधानाध्यापक हैं ही नहीं और यह चिंता का विषय है.

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अधिकतर स्कूलों में सीनियर टीचर को ही प्रधानाध्यापक का प्रभार दे दिया गया है और उन्हीं के भरोसे स्कूल संचालित हो रहे हैं. इस वजह से सही तरीके से स्कूलों का संचालन नहीं हो रहा है और ऐसे शिक्षकों द्वारा बार-बार विभाग से यह मांग की जाती रही है कि उन्हें ही नियमित रूप से प्रमोट कर प्रधानाध्यापक बना दिया जाए.

राज्य में करीब 2,500 अपग्रेड हाई स्कूल हैं. अपग्रेड होने के बाद यहां प्रधानाध्यापक की नियुक्ति हुई ही नहीं है. वर्ष 2007-2008 के बाद से इस संबंध में नियुक्ति नहीं हुई है. इसी कड़ी में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक द्वारा सभी तरह के सरकारी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक के खाली और वरीय पदों को भरने को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों से जानकारी भेजने को कहा है.

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