रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में अव्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने रिम्स के आला अधिकारियों के साथ गुरुवार को अहम बैठक की, जिसमें किचन के टेंडर जो एक वर्ष से भी अधिक समय से लंबित है उस पर चर्चा हुई. किचन का संचालन एक्सटेंशन पर चल रहा है, वहीं सिक्योरिटी एजेंसी भी लगातार एक्सटेंशन पर चल रही है. एवरेस्ट नाम की कंपनी को सिक्योरिटी एजेंसी संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन अभी तक उसका टेंडर रिनूवल नहीं हुआ है.
सारी फाइलों की जांच
वहीं मैन पावर के लिए आउटसोर्सिंग का टेंडर भी अब तक नहीं हुआ है पूर्व की एजेंसी श्रीराम पिछले कई वर्षों से एक्सटेंशन के आधार पर ही काम कर रही है. इसके अलावा विभिन्न मामलों को लेकर प्रधान सचिव ने रिम्स के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी फाइलों को मंगवाया और पदाधिकारियों और अधिकारियों से जवाब तलब भी किया.
रिम्स की अव्यवस्था पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को उपस्थित होकर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसी बाबत प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने रिम्स का निरीक्षण किया और उन्होंने रिम्स के टेंडर से संबंधित सारी फाइलों को मंगवाकर जांच की.
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बैठक में मौजूद कोरोना टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रबंधन के अलावा कोरोना के मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रधान सचिव की ओर से कई दिशा निर्देश दिए गए हैं. वहीं इस बैठक में कोविड टास्क फोर्स की ओर से यह बता दिया गया कि रिम्स में मरीजों को एडमिट करने की एक सीमा है और उस सीमा के बाहर अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो निश्चित रूप से स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार को सुविधा बढ़ानी होगी तभी रिम्स में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल पाएगा.