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प्रकृति का पर्व करम को लेकर राजधानी में धूम, तैयारी में जुटे हैं लोग - एकादशी के दिन मनाया जाता

रांची में प्रकृति का पर्व करम को लेकर पूजा स्थलों पर तैयारियों जोरों से है. यह पर्व झारखंड और छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहारों में से है जो मुख्य रूप से भादो महीने के एकादशी के दिन मनाया जाता है.

करम की तैयारी
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Published : Sep 9, 2019, 6:15 PM IST

रांचीः प्राकृतिक पर्व करम पूजा को लेकर राजधानी में हर्षोल्लास देखने को मिल रहा है. इस पर्व को लेकर पूजा स्थलों पर तैयारियां जोर-शोर से दिखने लगी है. पूजी समिति के लोगों ने सजावटी फूल, सखुआ का डाली जैसे अन्य चीजों से पूजा स्थलों को सजाने में जुड़ गए हैं.

देखें पूरी खबर

एकादशी के दिन मनाया जाता है यह पूजा
करम पर्व झारखंड और छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे मुख्य रूप से भादो महीने के एकादशी के दिन मनाया जाता है. इस मौके पर लोग प्रकृति की पूजा कर अच्छे फसल की कामना करते हैं. साथ ही बहनें अपने भाइयों की सलामती के लिए प्रार्थना करती है. करम पर झारखंड के लोग ढोल और मांदर की थाप पर झूमते गाते नजर आते हैं.

यह भी पढ़ें- कर्म के महत्व को दर्शाता है करम पर्व, आज सरना स्थलों में विधि-विधान से होगी पूजा

पूजा स्थल को आकर्षित बनाने की तैयारी
करम पूजा के अवसर पर विभिन्न पूजा समितियों ने पूजा स्थल को आकर्षित और भव्य बनाने को लेकर तरह-तरह के तैयारी की है. इस अवसर पर मंच पर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक दलों के नेताओं को बुलाया जाता है. चाहे वह सत्ता दल हो या पर मुख्य विपक्षी दल तमाम लोगों को एक मंच पर बुलाकर प्राकृतिक के पर्व का संदेश दिया जाता है. सरना समिति हरमू के अध्यक्ष अनिल तिग्गा ने बताया कि कर्मा को प्राकृतिक पर्व के रूप में मनाया जाता है. यही कारण है एक मंच में सभी लोगों को लाने का काम किया जाता है क्योंकि पर्यावरण को मिलकर ही बचाया जा सकता है.

सुबह से हो रही पूजा की तैयारी
करम पूजा महोत्सव को लेकर छोटानागपुर ब्लू क्लब अपने पंडाल को भव्य और आकर्षित बनाने को लेकर तैयारी में जुट गई है. सुबह से ही पूजा को लेकर तैयारियां की जा रही है. समिति के अध्यक्ष अजय खलखो ने बताया कि करम टोली चौक पर पिछले 50 वर्षों से या कर्मा पूजा किया जाता रहा है और तमाम लोग इस पूजा पंडाल में आते हैं ताकि प्राकृतिक के पर्व करमा पूजा का आनंद ले सकें.

रांचीः प्राकृतिक पर्व करम पूजा को लेकर राजधानी में हर्षोल्लास देखने को मिल रहा है. इस पर्व को लेकर पूजा स्थलों पर तैयारियां जोर-शोर से दिखने लगी है. पूजी समिति के लोगों ने सजावटी फूल, सखुआ का डाली जैसे अन्य चीजों से पूजा स्थलों को सजाने में जुड़ गए हैं.

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एकादशी के दिन मनाया जाता है यह पूजा
करम पर्व झारखंड और छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे मुख्य रूप से भादो महीने के एकादशी के दिन मनाया जाता है. इस मौके पर लोग प्रकृति की पूजा कर अच्छे फसल की कामना करते हैं. साथ ही बहनें अपने भाइयों की सलामती के लिए प्रार्थना करती है. करम पर झारखंड के लोग ढोल और मांदर की थाप पर झूमते गाते नजर आते हैं.

यह भी पढ़ें- कर्म के महत्व को दर्शाता है करम पर्व, आज सरना स्थलों में विधि-विधान से होगी पूजा

पूजा स्थल को आकर्षित बनाने की तैयारी
करम पूजा के अवसर पर विभिन्न पूजा समितियों ने पूजा स्थल को आकर्षित और भव्य बनाने को लेकर तरह-तरह के तैयारी की है. इस अवसर पर मंच पर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक दलों के नेताओं को बुलाया जाता है. चाहे वह सत्ता दल हो या पर मुख्य विपक्षी दल तमाम लोगों को एक मंच पर बुलाकर प्राकृतिक के पर्व का संदेश दिया जाता है. सरना समिति हरमू के अध्यक्ष अनिल तिग्गा ने बताया कि कर्मा को प्राकृतिक पर्व के रूप में मनाया जाता है. यही कारण है एक मंच में सभी लोगों को लाने का काम किया जाता है क्योंकि पर्यावरण को मिलकर ही बचाया जा सकता है.

सुबह से हो रही पूजा की तैयारी
करम पूजा महोत्सव को लेकर छोटानागपुर ब्लू क्लब अपने पंडाल को भव्य और आकर्षित बनाने को लेकर तैयारी में जुट गई है. सुबह से ही पूजा को लेकर तैयारियां की जा रही है. समिति के अध्यक्ष अजय खलखो ने बताया कि करम टोली चौक पर पिछले 50 वर्षों से या कर्मा पूजा किया जाता रहा है और तमाम लोग इस पूजा पंडाल में आते हैं ताकि प्राकृतिक के पर्व करमा पूजा का आनंद ले सकें.

Intro:रांची
बाइट-1-- अनिल तिग्गा अध्यक्ष सरना समिति हरमू
बाइट--2- अजय खलखो छोटा नागपुर ब्लू क्लब करम टोली

प्राकृतिक पर्व करमा पूजा को लेकर राजधानी रांची में अलग हर्षोल्लास देखने को मिल रहा है, जिसको लेकर पूजा स्थलों पर तैयारियां जोरों शोर से दिखने लगी है समिति के लोगों के द्वारा सजावटी फूल सुखवा का डाली जैसे अन्य चीजों से पूजा स्थलों को सजाने में जुड़ गए हैं। यह पर्व झारखंड और छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहारों में से एक है यह पर्व मुख्य रूप से भादो मास के एकादशी के दिन मनाया जाता है इस मौके पर लोग प्राकृति की पूजा कर अच्छे फसल की कामना करते हैं साथ ही बहनें अपने भाइयों की सलामती के लिए प्रार्थना करती है कर्मा पर झारखंड के लोग ढोल और मांदर की थाप में झूमते गाते नजर आते हैं।


Body:विभिन्न पूजा समितियों के द्वारा पूजा स्थल को आकर्षित और भव्य बनाने को लेकर तरह-तरह के तैयारी करते हैं मंच पर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक दलों के नेताओं को बुलाया जाता है। चाहे वह सत्ता दल पार्टी हो या पर मुख्य विपक्षी दल तमाम लोगों को एक मंच पर बुलाकर प्राकृतिक के पर्व का संदेश दिया जाता है सरना समिति हरमू के अध्यक्ष अनिल तिग्गा ने बताया कि कर्मा पर प्राकृतिक पर्व के रूप में मनाया जाता है यही कारण है एक मंच में सभी लोगों को लाने का काम किया जाता है क्योंकि पर्यावरण को सब मिलकर ही बचाया जा सकता है।


Conclusion:इसी कड़ी में करमा पूजा महोत्सव को लेकर छोटानागपुर ब्लू क्लब अपने पंडाल को भव्य और आकर्षित बनाने को लेकर तैयारी में जुट गई है। सुबह से ही पूजा को लेकर तैयारियां की जा रही है समिति के अध्यक्ष अजय खलखो ने बताया कि करम टोली चौक पर पिछले 50 वर्षों से या कर्मा पूजा किया जाता रहा है और तमाम लोग इस पूजा पंडाल में आते हैं ताकि प्राकृतिक के पर्व करमा पूजा का आनंद ले सकें।
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