रांची: ईद उल फितर इस्लाम का पावन त्योहार है जिसे मान्यताओं के मुताबिक रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को मनाई जाती है. इस साल भी 14 मई 2021 को ईद मनाई जाएगी. हालांकि साल 2020 की तरह इस बार भी ईद पर कोरोना संक्रमण का असर पड़ता दिख रहा है, हर्ष और खुशी के इस पर्व को मनाने की तैयारी में जुटे रांची के मुस्लिम समुदाय के लोगों का मानना है कि कोरोना ने इस बार भी त्योहार को फीका कर दिया है.
कब मनाई जाती है ईद ?
ईद उल-फितर का अर्थ है 'रोजा तोड़ने का त्योहार.' ईद तब तक शुरू नहीं होती है जब तक कि आसमान में चांद दिखाई नहीं दे जाता. आज भी कई मुस्लिम परंपरागत रूप से तब तक ईद की शुरुआत नहीं मानते हैं जब तक चांद नजर ना जाए. रोजा 29-30 दिनों तक चलता है जिसे पाक यानी पवित्र महीना के रुप में जाना जाता है. रोजा खत्म होने के बाद पहली तारीख को ईद मनाया जाता है.
कैसे मनायी जाती है ईद ?
ईद के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले इबादत की जाती है, इसके बाद नए कपड़े पहनकर तकबीर की परंपरा का पालन करते हैं, ईद के दिन मस्जिदों ईदगाहों में नमाज पढ़ी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण घरों से ही नमाज पढ़ने की परंपरा अदा की जाएगी, नमाज के बाद लोग मीठे व्यंजनों और पकवानों के साथ घर से ही एक दूसरे को बधाई देंगे. इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान देने की परंपरा भी निभाई जाती है.
कोविड गाइडलाइन का पालन करना आवश्यक
कोरोना को लेकर जहां मुस्लिम धर्मावलंबी घरों में ही नमाज पढ़ने की बात कर रहे हैं. वहीं पुलिस भी पूरी तरह से सतर्क है. नियमों के मुताबिक धार्मिक स्थल खुले तो रहेंगे लेकिन उसमें किसी को इबादत की अनुमति नहीं होगी. पुलिस लोगों से लगातार कोविड-19 गाइडलाइंस के पालन की अपील कर रही है. सिटी एसपी के मुताबिक अगर पुलिस की हिदायत के बावजूद कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई होगी.
राजधानी में भी विशेष सतर्कता
झारखंड की राजधानी रांची में ईद को शांतिपूर्ण संपन्न करवाने करवाने के लिए रांची पुलिस मुस्तैद है. सिटी एसपी सौरभ के अनुसार 121 मजिस्ट्रेट और 101 पुलिस अधिकारियों के अलावा दो हजार से अधिक जवानों को विभिन्न जगहों पर तैनात किया गया है. ईद को लेकर शहर भर में 12 गश्ती दल बनाए गए हैं. हर दल में अधिकारी और पुलिस के जवानों को शामिल किया गया है.
असामाजिक तत्वों पर रहेगी नजर
ईद के दौैरान असमाजिक तत्वों पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी, किसी भी प्रकार के अफवाह से निपटने के लिए सोशल साइट्स की निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही सभी जिलों की पुलिस को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.