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वैक्सीनेशन के लिए 18 हजार स्वास्थ्यकर्मियों के डेटाबेस की तैयारी, प्रशासन अलर्ट

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Published : Oct 31, 2020, 10:53 PM IST

झारखंड में कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए फ्रंटलाइन वर्कर का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, ताकि पहले चरण में उन्हें वैक्सीन दिया जा सके. पहले चरण में कोविड-19 का वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों को उपलब्ध कराया जाएगा. इसको लेकर राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को डेटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया है.

वैक्सीनेशन के लिए 18 हजार स्वास्थ्यकर्मियों के डेटाबेस की तैयारी
Preparation of database of 18 thousand health workers for vaccination in Jharkhand

रांची: राज्य सरकार के निर्देश के तहत भविष्य में संभावित कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए फ्रंटलाइन वर्कर का जिला प्रशासन की ओर से डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, ताकि पहले चरण में उन्हें वैक्सीन दिया जा सके. जिले के डीसी छवि रंजन ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में इससे संबंधित समीक्षा की. डेटाबेस में सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों का डेटाबेस तैयार किया गया है, जिसके तहत अब तक लगभग 18 हजार लोगों का डाटा तैयार हुआ है.

स्वास्थ्यकर्मियों का डाटाबेस तैयार होगा

पहले चरण में कोविड-19 का वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों को उपलब्ध कराया जाएगा. इसको लेकर राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को डेटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया है. इसके तहत सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स ,पारा मेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मी और सफाई कर्मियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. जिले के डीसी छवि रंजन ने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों का डाटाबेस तैयार किया गया है, जिसकी समीक्षा की जा रही है, साथ ही वैक्सीन के रख रखाव के लिए डीप फ्रीजर समेत अन्य सामग्रियों की जरूरत की समीक्षा की गई है. उन्होंने बताया कि वैक्सीन के लिए की जानें वाली व्यवस्था को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर भी चर्चा की गई है, साथ ही पर्व-त्योहार के बाद कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति है. इसके लिए मास टेस्ट ड्राइव चलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-टीचर को होमवर्क दिखाने के लिए छात्र ने तय किया 35 किमी का सफर

डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स की मीटिंग

रांची के सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर हर सप्ताह डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स की मीटिंग करनी है. इसी के संबंध में मीटिंग की गई है, जिसमें तैयार किए गए डेटाबेस की समीक्षा की गई है. इसमें यह भी देखा जाएगा कि डेटाबेस में फर्जी आंकड़ा ना हो. इसको लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के रख रखाव के लिए फिलहाल संसाधन की कमी नहीं है, लेकिन वैक्सीन आने पर ही उसके हिसाब से रख रखाव की व्यवस्था बढ़ाई जाएंगी. वर्तमान में 18 कोल्ड स्टोरेज पॉइंट एक्टिव है, जहां वैक्सीन सुरक्षित रखी जा सकती है. हालांकि, जरूरत के हिसाब से इसे भी बढ़ाया जाएगा.

रांची: राज्य सरकार के निर्देश के तहत भविष्य में संभावित कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए फ्रंटलाइन वर्कर का जिला प्रशासन की ओर से डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, ताकि पहले चरण में उन्हें वैक्सीन दिया जा सके. जिले के डीसी छवि रंजन ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में इससे संबंधित समीक्षा की. डेटाबेस में सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों का डेटाबेस तैयार किया गया है, जिसके तहत अब तक लगभग 18 हजार लोगों का डाटा तैयार हुआ है.

स्वास्थ्यकर्मियों का डाटाबेस तैयार होगा

पहले चरण में कोविड-19 का वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों को उपलब्ध कराया जाएगा. इसको लेकर राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को डेटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया है. इसके तहत सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स ,पारा मेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मी और सफाई कर्मियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. जिले के डीसी छवि रंजन ने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों का डाटाबेस तैयार किया गया है, जिसकी समीक्षा की जा रही है, साथ ही वैक्सीन के रख रखाव के लिए डीप फ्रीजर समेत अन्य सामग्रियों की जरूरत की समीक्षा की गई है. उन्होंने बताया कि वैक्सीन के लिए की जानें वाली व्यवस्था को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर भी चर्चा की गई है, साथ ही पर्व-त्योहार के बाद कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति है. इसके लिए मास टेस्ट ड्राइव चलाया जा रहा है.

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डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स की मीटिंग

रांची के सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर हर सप्ताह डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स की मीटिंग करनी है. इसी के संबंध में मीटिंग की गई है, जिसमें तैयार किए गए डेटाबेस की समीक्षा की गई है. इसमें यह भी देखा जाएगा कि डेटाबेस में फर्जी आंकड़ा ना हो. इसको लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के रख रखाव के लिए फिलहाल संसाधन की कमी नहीं है, लेकिन वैक्सीन आने पर ही उसके हिसाब से रख रखाव की व्यवस्था बढ़ाई जाएंगी. वर्तमान में 18 कोल्ड स्टोरेज पॉइंट एक्टिव है, जहां वैक्सीन सुरक्षित रखी जा सकती है. हालांकि, जरूरत के हिसाब से इसे भी बढ़ाया जाएगा.

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