ETV Bharat / state

रांचीः NIA के कार्रवाई के बाद व्यवसायी संजय जैन के वकील प्रवीण गुप्ता ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस - रांची में व्यवसायी संजय जैन के अधिवक्ता का प्रेस कॉन्फ्रेंस

रांची में व्यवसायी लोगों के खिलाफ चल रहे एनआईए के कार्रवाई के बाद बुधवार को रांची प्रेस क्लब में व्यवसायी पक्ष के वकील प्रवीण गुप्ता ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया. प्रेस वार्ता के दौरान उनके अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता ने कहा कि एनआईए एक जिम्मेदार और स्वच्छ संस्था है, लेकिन संस्था व्यवसायी की ओर से दिए गए एक्सट्रोशन को फंडिंग ना समझे.

रांचीः NIA के कार्रवाई के बाद व्यवसायी संजय जैन के वकील प्रवीण गुप्ता ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
अधिवक्ता
author img

By

Published : Feb 5, 2020, 11:18 PM IST

रांचीः टेरर फंडिंग मामले को लेकर व्यवसाय लोगों के खिलाफ चल रहे एनआईए की कार्रवाई के बाद रांची के प्रेस कल्ब में व्यवसाय संजय जैन के पक्ष में उनके अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता सामने आए. हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है कि एनआईए कार्रवाई के बाद किसी आरोपी के अधिवक्ता खुलकर सामने आया हो.

देखें पूरी खबर

लेवी देने को मजबूर

हालांकि इसके बाद यह चर्चा जरूर बनी हुई है कि आखिर व्यवसाई संजय जैन कौन है? हालांकि पत्रकारों के सवालों के बाद उनके अधिवक्ता के पसीने छूट गए. प्रेस वार्ता के दौरान उनके अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता ने कहा कि एनआईए एक जिम्मेदार और स्वच्छ संस्था है, लेकिन संस्था व्यवसायी की ओर से दिए गए एक्सट्रोशन को फंडिंग ना समझे. व्यवसायी काम करने के साथ-साथ अपनी जानमाल की रक्षा के लिए मजबूरी में लेवी देते हैं, ये जबरन वसूली है.

और पढ़ें- चाईबासा नरसंहार पर दिल्ली में बीजेपी ने दिया धरना, झारखंड के मंत्रियों ने कहा- हाथ से राज्य निकलने पर हो रहा ड्रामा

जान मारने की धमकी मिलती रही

प्रवीण गुप्ता ने कहा कि कोयला व्यापारी अपनी जान जोखिम में डालकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम करने जाते हैं. वे वहां के लोगों को रोजगार मुहैया कराते हैं. उन्हें नक्सलियों के तरफ से जान से मारने की धमकी मिलती है. अपनी और अपने कर्मचारियों की जान की हिफाजत के लिए ये लोग मजबूरी में लेवी देते हैं, जिसे टेरर फंडिग का नाम दिया जा रहा है. बता दें कि आधुनिक कंपनी के जीएम संजय जैन पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद हैं. एनआईए ने टेरर फंडिग के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था.

रांचीः टेरर फंडिंग मामले को लेकर व्यवसाय लोगों के खिलाफ चल रहे एनआईए की कार्रवाई के बाद रांची के प्रेस कल्ब में व्यवसाय संजय जैन के पक्ष में उनके अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता सामने आए. हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है कि एनआईए कार्रवाई के बाद किसी आरोपी के अधिवक्ता खुलकर सामने आया हो.

देखें पूरी खबर

लेवी देने को मजबूर

हालांकि इसके बाद यह चर्चा जरूर बनी हुई है कि आखिर व्यवसाई संजय जैन कौन है? हालांकि पत्रकारों के सवालों के बाद उनके अधिवक्ता के पसीने छूट गए. प्रेस वार्ता के दौरान उनके अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता ने कहा कि एनआईए एक जिम्मेदार और स्वच्छ संस्था है, लेकिन संस्था व्यवसायी की ओर से दिए गए एक्सट्रोशन को फंडिंग ना समझे. व्यवसायी काम करने के साथ-साथ अपनी जानमाल की रक्षा के लिए मजबूरी में लेवी देते हैं, ये जबरन वसूली है.

और पढ़ें- चाईबासा नरसंहार पर दिल्ली में बीजेपी ने दिया धरना, झारखंड के मंत्रियों ने कहा- हाथ से राज्य निकलने पर हो रहा ड्रामा

जान मारने की धमकी मिलती रही

प्रवीण गुप्ता ने कहा कि कोयला व्यापारी अपनी जान जोखिम में डालकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम करने जाते हैं. वे वहां के लोगों को रोजगार मुहैया कराते हैं. उन्हें नक्सलियों के तरफ से जान से मारने की धमकी मिलती है. अपनी और अपने कर्मचारियों की जान की हिफाजत के लिए ये लोग मजबूरी में लेवी देते हैं, जिसे टेरर फंडिग का नाम दिया जा रहा है. बता दें कि आधुनिक कंपनी के जीएम संजय जैन पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद हैं. एनआईए ने टेरर फंडिग के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था.

Intro:व्यवसायी लोगो के खिलाफ चल रहे एनआईए कार्रवाई के बाद आज रांची प्रेस क्लब में व्यवसायी पक्ष के वकील प्रवीण गुप्ता ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया।

बाइट--प्रवीण गुप्ता अधिवक्ता संजय जैन

टेरर फंडिंग मामले को लेकर व्यवसाय लोगों के खिलाफ चल रहे एनआईए की कार्रवाई के बाद रांची के प्रेस कल में व्यवसाय संजय जैन के पक्ष में उनके अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता सामने आए हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है कि एनआईए कार्रवाई के बाद किसी आरोपी के अधिवक्ता खुलकर सामने आया हो हालांकि इसके बाद यह चर्चा जरूर बनी हुई है कि आखिर व्यवसाई संजय जैन कौन है। हालांकि पत्रकारों के सवालों के बाद उनके अधिवक्ता के पसीने छूट गया प्रेस वार्ता के दौरान उनके अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता ने कहा कि एनआईए एक जिम्मेदार और स्वच्छ संस्था है। लेकिन संस्था व्यवसायी के द्वारा दिए गए एक्सट्रोशन को फंडिंग ना समझे। व्यवसायी काम करने के साथ-साथ अपनी जानमाल की रक्षा के लिए लेवी मजबूरी में देते हैं। ये जबरन वसूली है। मेरे क्लाईंट संजय जैन ने कभी टेरर फंडिंग नही किए हैं।




Body:प्रवीण गुप्ता ने कहा कि कोयला व्यापारी अपनी जान जोखिम में डालकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम करने जाते है। वे वहां के लोगों को रोजगार मुहैआ कराते है। उन्हें नक्सलियों द्वारा जान से मारने की धमकी मिलती है। अपनी और अपने कर्मचारियों की जान की हिफाजत के लिए ये लोग मजबूरी में लेवी देते है। जिसे टेरर फंडिग का नाम दिया जा रहा है।बता दें आधुनिक कंपनी के जीएम संजय जैन पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है। एनआईए ने टेरर फंडिग के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था।Conclusion:

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.