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प्रदीप यादव का आग्रह: जनप्रतिनिधियों से जुड़े मुकदमों की जिलास्तर पर ही हो सुनवाई, CM ने दिया आश्वासन - पूर्ववर्ती सरकार

पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने सदन में कहा कि जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मुकदमों की सुनवाई जिलास्तर पर होना चाहिए. दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रदीप यादव ने सदन के जरिए सरकार से इस मुद्दे पर आग्रह किया.

Pradeep Yadav said plea should be heard at the district level in cases related to public representatives
फाइल फोटो
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Published : Mar 2, 2020, 9:46 PM IST

रांची: जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मुकदमों की सुनवाई जिलास्तर पर हो, इस मुद्दे को पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने सदन में उठाया है. दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रदीप यादव ने सदन के जरिए सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने प्रमंडल स्तर पर जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मुकदमों की सुनवाई सुनिश्चित कराई थी.

जानकरी देते प्रदीप यादव

इसकी वजह से काफी दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों पर ज्यादातर आंदोलन या फिर आचार संहिता उल्लंघन के मामले हैं. कुछ गंभीर मामले भी हैं, लेकिन प्रमंडल स्तर पर सुनवाई के कारण उन्हें दूसरे जिलों के न्यायालयों में जाना पड़ता है. इसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कत होती है.

ये भी देखें- JVM ने प्रदीप यादव को जारी किया नोटिस, 48 घंटे में मांगा पार्टी विरोधी गतिविधियों पर स्पष्टीकरण

बार-बार गवाहों और साक्ष्य को पेश करने के लिए दूसरा जिला जाना पड़ता है. लिहाजा, पूर्वर्ती सरकार की व्यवस्था को हटाकर इसे पूर्व की व्यवस्था लागू होने से जनप्रतिनिधियों को काफी सहूलियत होगी. हालांकि जब प्रदीप यादव सदन में अपनी बात रख रहे थे, उस वक्त बीजेपी के विधायक बेल में आकर हंगामा कर रहे थे, लेकिन इसी बीच सीएम ने इस सुझाव पर अमल करने का आश्वासन दिया.

रांची: जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मुकदमों की सुनवाई जिलास्तर पर हो, इस मुद्दे को पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने सदन में उठाया है. दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रदीप यादव ने सदन के जरिए सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने प्रमंडल स्तर पर जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मुकदमों की सुनवाई सुनिश्चित कराई थी.

जानकरी देते प्रदीप यादव

इसकी वजह से काफी दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों पर ज्यादातर आंदोलन या फिर आचार संहिता उल्लंघन के मामले हैं. कुछ गंभीर मामले भी हैं, लेकिन प्रमंडल स्तर पर सुनवाई के कारण उन्हें दूसरे जिलों के न्यायालयों में जाना पड़ता है. इसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कत होती है.

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बार-बार गवाहों और साक्ष्य को पेश करने के लिए दूसरा जिला जाना पड़ता है. लिहाजा, पूर्वर्ती सरकार की व्यवस्था को हटाकर इसे पूर्व की व्यवस्था लागू होने से जनप्रतिनिधियों को काफी सहूलियत होगी. हालांकि जब प्रदीप यादव सदन में अपनी बात रख रहे थे, उस वक्त बीजेपी के विधायक बेल में आकर हंगामा कर रहे थे, लेकिन इसी बीच सीएम ने इस सुझाव पर अमल करने का आश्वासन दिया.

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