रांची: राजधानी रांची में बिजली की आंखमिचौली से हर कोई परेशान है. आम जनता अगर सरकार से यह शिकायत करती है तो सरकार के मुलाजिम मानने को तैयार नहीं होते. मगर जब खुद सरकार का ही इसका पाला पड़ जाए तो आप क्या कहेंगे. कुछ ऐसा ही वाकया हुआ सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी की बैठक के दौरान. पुराने झारखंड विधान सभा में आयोजित कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में काफी देर तक बिजली गुल रही. जिस वजह से बैठक को आखिरकार स्थगित करना पड़ा. बैठक में मौजूद झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता इस उमस भरी गर्मी के बीच काफी देर तक अंधेरे में बैठे रहे.
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पुराने झारखंड विधानसभा सभागार में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मंजूर अंसारी के नेतृत्व में हो रही यह बैठक के बीच बिजली गुल हो गयी. बिजली जाने की वजह से बैठक बाधित हुई और आखिरकार उसे स्थिगत करना पड़ा. बिजली जाने के बाद काफी देर तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री आलमगीर आलम सभागार में अंधेरे में बैठे रहे. हालांकि जब काफी इंतजार के बाद भी बिजली नहीं आई को उन्होंने भोजनावकाश के लिए बैठक को स्थिगत कर दिया.
दरअसल सभागार में जेनरेटर की सुविधा नहीं थी. बिजली विभाग के भरोसे आयोजित इस बैठक में आयोजक ने यह ध्यान ही नहीं दिया कि बिजली के जाने पर क्या व्यवस्था होगी. इस मामले में जब सूबे के मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम से पूछा गया कि अंधेरे में बैठक कैसे होगी, तो उनका जवाब था कि अचानक बिजली चली गई है. विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है.
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर कतई मानने को तैयार नहीं हैं कि बिजली की किल्लत है. चेहरे का पसीना पोछते हुए वे कहते हैं कि पूर्ववर्ती सरकार के समय बिजली की स्थिति में आज ये काफी बेहतर स्थिति में है. सबसे आश्चर्य की बात यह प्रदेश अध्यक्ष के दावे की उनके ही कांग्रेस के नेता पोल खोलते नजर आए. सलीम खान कहते हैं कि बैठक आयोजित करने से पहले यह जरूर ध्यान रखना चाहिए की जनरेटर की व्यवस्था है कि नहीं.