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सीएम के नाम खदान लीज आवंटन में माइंस सेक्रेटरी पूजा सिंघल की है भूमिका, ईडी ने हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की सीएम हेमंत सोरेन के नाम खदान लीज के आवंटन में भूमिका रही है. ईडी ने यह जानकारी झारखंड हाई कोर्ट को दी है.

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Published : May 19, 2022, 7:59 PM IST

Updated : May 19, 2022, 9:30 PM IST

रांची: मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद निलंबित माइंस सेक्रेटरी पूजा सिंघल की सीएम हेमंत सोरेन के नाम खदान लीज के आवंटन में भूमिका रही है. प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक विनोद कुमार ने झारखंड हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर इस बात की जानकारी दी है.

ये भी पढ़ें- आईएएस पूजा सिंघल मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई को पार्टी बनाने का दिया निर्देश, 24 मई को होगी अगली सुनवाई

दरअसल, शिव शंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की है. इसपर ईडी के सहायक निदेशक की तरफ से झारखंड हाई कोर्ट को बताया गया है कि एजेंसी के पास खदान लीज आवंटित करने से जुड़ा पुख्ता मेटेरियल है. कोर्ट को बताया गया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच के दौरान पूरे प्रकरण में माइंस सेक्रेटरी पूजा सिंघल की गंभीर भूमिका पाई गयी है. पूजा सिंघल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खदान लीज आवंटित कराने में अहम भूमिका निभाई है. इसलिए रिट पिटिशन के दायरे में आता है.

हलफनामें में ईडी ने दावा किया है कि जांच के दौरान न सिर्फ माइंनिंग लीज बल्कि कई शेल कंपनियों की जानकारी मिली है. ईडी ने वैसी कंपनियों की सूची भी हाईकोर्ट के समक्ष रखी है. ईडी का कहना है कि तमाम शेल कंपनियां झारखंड से बाहर की हैं. इससे जुड़े मामले की सुनवाई भी अलग से चल रही है. इन साक्ष्यों के आधार पर ईडी ने हाई कोर्ट को बताया है कि पूरा मामला एक गंभीर अपराध की ओर इशारा कर रहा है. इसी को आधार बनाते हुए ईडी ने सीलबंद लिफाफे के जरिए साक्ष्यों से जुड़ी कॉपी हाई कोर्ट में सबमिट की है.

रांची: मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद निलंबित माइंस सेक्रेटरी पूजा सिंघल की सीएम हेमंत सोरेन के नाम खदान लीज के आवंटन में भूमिका रही है. प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक विनोद कुमार ने झारखंड हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर इस बात की जानकारी दी है.

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दरअसल, शिव शंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की है. इसपर ईडी के सहायक निदेशक की तरफ से झारखंड हाई कोर्ट को बताया गया है कि एजेंसी के पास खदान लीज आवंटित करने से जुड़ा पुख्ता मेटेरियल है. कोर्ट को बताया गया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच के दौरान पूरे प्रकरण में माइंस सेक्रेटरी पूजा सिंघल की गंभीर भूमिका पाई गयी है. पूजा सिंघल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खदान लीज आवंटित कराने में अहम भूमिका निभाई है. इसलिए रिट पिटिशन के दायरे में आता है.

हलफनामें में ईडी ने दावा किया है कि जांच के दौरान न सिर्फ माइंनिंग लीज बल्कि कई शेल कंपनियों की जानकारी मिली है. ईडी ने वैसी कंपनियों की सूची भी हाईकोर्ट के समक्ष रखी है. ईडी का कहना है कि तमाम शेल कंपनियां झारखंड से बाहर की हैं. इससे जुड़े मामले की सुनवाई भी अलग से चल रही है. इन साक्ष्यों के आधार पर ईडी ने हाई कोर्ट को बताया है कि पूरा मामला एक गंभीर अपराध की ओर इशारा कर रहा है. इसी को आधार बनाते हुए ईडी ने सीलबंद लिफाफे के जरिए साक्ष्यों से जुड़ी कॉपी हाई कोर्ट में सबमिट की है.

Last Updated : May 19, 2022, 9:30 PM IST
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