रांची: महिला अधिवक्ता द्वारा शारीरिक शोषण के आरोप लगाए जाने के मामले में विधायक प्रदीप यादव द्वारा दायर क्रिमिनल रिवीजन याचिका को झारखंड उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है. यौन शोषण से जुड़े इस मामले पर उच्च न्यायालय से विधायक प्रदीप यादव को राहत नहीं मिली. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने इसे तथ्यों के आधार पर दिया गया न्यायालय का फैसला बताया.
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झारखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने तंज कसते हुए कहा कि सभी का चाल और चरित्र जनता जानती है. जिस पोड़ैयाहाट विधानसभा क्षेत्र का प्रदीप यादव प्रतिनिधित्व करते हैं, वहां की जनता भी उनका चाल चरित्र जानती है.
ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प खुला- जगदीश साहू: प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश सचिव जगदीश प्रसाद साहू ने कहा कि जो फैसला आया है वह अदालत का फैसला है. उस पर कोई टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके विधायक के पास न्याय के लिए डबल बेंच या उच्चतम न्यायालय जाने का विकल्प खुला है. कांग्रेस नेता ने कहा कि कानूनविदों से सलाह लेकर आगे बढ़ा जाएगा.
सभी लोग जानते हैं किसके इशारे पर ट्रैप किये गए थे विधायक-झामुमो: कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव को महिला अधिवक्ता यौन शोषण मामले में उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने पर झामुमो ने भी प्रतिक्रिया दी है. झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि कांग्रेस विधायक क्वैशिंग के लिए उच्च न्यायालय गए थे. उनकी अपील खारिज हो गयी है. अब ट्रायल चलेगा. झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि कैसे प्रदीप यादव को फंसाया गया और उन्हें इस मामले में ट्रैप किया गया. उन्होंने कहा कि कैसे गोड्डा के सांसद ने उन्हें फंसाया यह सब जानते हैं. मनोज पांडेय ने कहा कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा.
क्या है मामला: बता दें कि प्रदीप यादव ने दुमका स्पेशल जज के द्वारा 02 अप्रैल 2022 को उनके डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज कर देने के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में अपील की थी. जिस पर उच्च न्यायालय ने 17 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. तत्कालीन झारखंड विकास मोर्चा के विधायक रहे प्रदीप यादव पर एक महिला अधिवक्ता जो झारखंड विकास मोर्चा की सदस्य भी थी, उन्होंने आरोप लगाया था कि विधायक ने उनके साथ जोर जबरदस्ती की है. इस मामले में देवघर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी.