रांची: कोरोना काल में तमाम जोखिम उठाकर चिकित्सकों ने लोगों की सेवा की. इसके लिए दिल खोलकर लोगों ने आभार भी जताया. फिर भी अस्पतालों में डॉक्टरों और मरीज के परिजनों के बीच टकराव की खबरें आती रही है. चिकित्सक चाहते हैं कि कानूनी रूप से प्रोटेक्शन मिले. जरूरत को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पिछले दिनों कहा था कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर सरकार गंभीर है. उन्होंने संबंधित प्रस्ताव पर अपनी सहमति भी दे दी थी. लेकिन यह नहीं कह पाए कि विधेयक को इसी सत्र में सदन पटल पर रखा जाएगा या नहीं. इसपर उनका जवाब गोलमोल था.
दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट बेहद जरूरी है लेकिन एक्ट में मरीजों के हित का भी ध्यान रखना होगा. उन्होंने कहा कि इसी परिपेक्ष्य में उन्होंने गैर सरकारी संकल्प लाया है. बिरंची नारायण ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्श एक्ट का मतलब सिर्फ चिकिस्तों को प्रोटेक्शन देना नहीं होना चाहिए. जरूरी है कि चिकित्सकों के साथ साथ मरीजों को भी प्रोटेक्शन मिले.
MGM मामले में हाई कोर्ट की टिप्पणी पर बोले स्वास्थ्य मंत्री
झारखंड हाई कोर्ट ने जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल के एक मामले में सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था पर टिप्पणी की. इस पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड की जनता को स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर मिले, इसके लिए विभाग और सरकार तत्पर है. उन्होंने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर क्या टिप्पणी की है, इसकी जानकारी अभी नहीं है. न्यायालय का जो भी आदेश होगा उसका विभाग और विभागीय सचिव पूरा पालन करेंगे ताकि राज्य की जनता को बेहतर इलाज मिल सके.