रांचीः राज्य में नगर निकाय चुनाव अब ओबीसी आरक्षण तय होने के बाद ही कराया जाएगा. राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले के बाद यह तय हो गया है की ट्रिपल टेस्ट कराने के बाद राज्य सरकार इस दिशा में कदम आगे बढ़ाएगी. इधर राज्य सरकार के इस फैसले के बाद नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासत शुरू हो गई है.
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विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और आजसू ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार की मंशा ही चुनाव कराने की नहीं है. जिसके कारण ना तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप अब तक ट्रिपल टेस्ट हुए और ना ही चुनाव कराए गए. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और रांची के विधायक सीपी सिंह ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार यदि चाहती तो अब तक ट्रिपल टेस्ट हो गया रहता, मगर सरकार ऐसा करना ही नहीं चाहती हैं. जिस वजह से नगर निकाय जैसे महत्वपूर्ण व्यवस्था आने वाले समय में पंगू बन कर रह जाएगा.
वहीं आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से ओबीसी आरक्षण, नगर निकाय चुनाव में सुनिश्चित हो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट कराने की मांग की. इधर मंत्री चंपाई सोरेन ने विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए कहा है कि सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा रही है. नगर निकाय में विकास का कार्य इस वजह से प्रभावित नहीं होगा. सरकार वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने में जुटी हुई है.
रांची सहित 34 नगर निकाय का कार्यकाल अगले महीने होगा समाप्तः राज्य में नगर निकाय चुनाव नहीं होने की वजह से पहले से ही कई नगर निकाय में कामकाज जैसे तैसे चल रहा है. अब रांची सहित 34 नगर निकाय का भी कार्यकाल अगले महीने तक समाप्त हो जाने के बाद विकास के कार्य प्रभावित होते नजर आएंगे. राज्य में 48 नगर निकाय क्षेत्र हैं, जिसमें 09 नगर निगम 21 नगर परिषद और 18 नगर पंचायत शामिल हैं. जिसमें रांची सहित राज्य के 34 नगर निकाय क्षेत्र का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो जाएगा. पहले से यानी 2020 से 14 नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने की वजह से जैसे तैसे वहां काम का चल रहा है. इस तरह से पूरे राज्य भर के नगर निकाय क्षेत्रों में शहर की सरकार गठित नहीं होने का असर देखने को मिलेगा. जबकि प्रावधान के तहत कार्यकाल पूरा होते ही 6 महीने के अंदर चुनाव कराना अनिवार्य है.