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भाजपा के खिलाफ विपक्ष की गोलबंदी में शामिल होंगे सीएम हेमंत सोरेन, बेंगलुरु की बैठक से पहले झारखंड में सियासत शुरू - etv news

बेंगलुरू में विपक्षी दलों का फिर से महाजुटान होने वाला है. इसमें शामिल होने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 17 जुलाई को रांची से उड़ान भरेंगे. बैठक में बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाई जाएगी. इसे लेकर बीजेपी और झामुमो की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है.

opposition meeting in Bengaluru
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Published : Jul 14, 2023, 6:23 PM IST

नेताओं के बयान

रांची: 2024 के चुनावी जंग को लेकर गैर भाजपा दलों की गोलबंदी पटना के बाद बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दिखेगी. विपक्ष की इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से शिरकत करेंगे. मिली जानकारी के अनुसार, इस दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 17 जुलाई को सुबह रांची से रवाना होंगे. इस बैठक में 24 गैर भाजपा दलों के नेताओं का महाजुटान होने की संभावना है.

यह भी पढ़ें: बेंगलुरु में विपक्षी एकता बैठक में शामिल होंगे 24 दल, ये नए दल भी होंगे शामिल

झारखंड की सभी 14 सीटों को जीतने के फॉर्मूला से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बेंगलुरु की बैठक में महागठबंधन को अवगत करायेंगे. इससे पहले पटना की बैठक में वे झारखंड की राजनीतिक स्थिति और 2024 की चुनौती से सहयोगी दलों को अवगत करा चुके हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा का मानना है कि स्ट्रेटजी के तहत कुछ सीटों पर दोस्ताना संघर्ष भी करना पड़े तो उससे परहेज नहीं करना चाहिए.

2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त परिस्थितियां कुछ और थी और वर्तमान में कुछ और है. इसके अलावे बैठक में यह भी जोर दिया जायेगा कि सभी राज्यों में स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़े जाएं जिससे अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल हो.

बैठक बेगलुरु में, सियासत झारखंड में: गैर भाजपा दलों की बैठक भले ही बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होगी. मगर इसे लेकर झारखंड में सियासत तेज है. पटना के बाद बेंगलुरु में भाजपा विरोधी दलों की हो रही बैठक पर झारखंड बीजेपी नजर रख रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी. जिसमें 11 सीट पर कमल खिला था. 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी 14 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर तैयारी में जुटी बीजेपी अपने विरोधियों की एकजुटता के हो रहे प्रयास पर नजर बनाए हुए है.

बीजेपी प्रवक्ता का तंज: बेंगलुरु की बैठक पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने तंज कसते हुए कहा है कि यह गोलबंदी बैल गाड़ी की तरह है जिसमें सभी नेता भ्रष्टाचार के किसी न किसी मामले में बेल पर हैं और उन्हें डर है कि मोदी सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई में वे ना आ जाएं. इसलिए 2024 के चुनाव में वे एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं. मगर ऐसा होगा नहीं.

इधर, सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बेंगलुरु की बैठक को अहम बताते हुए कहा है कि विपक्षी एकता को बनाने में यह बैठक अहम होगी. इसमें पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शिरकत करेंगे. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि विपक्षी एकता होता देख बीजेपी में घबराहट शुरू हो गई है. अभी तो शुरुआत है. आने वाले समय में 24 के बजाए और कई दल इस महागठबंधन में शामिल होंगे और केंद्र की मोदी सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे.

यह भी पढ़ें: Opposition Meeting: देश की एकता में आ रही दरार, अब उसे रिपेयर करने की जरूरत, विपक्षी दलों की बैठक के बाद बोले हेमंत सोरेन

बहरहाल बेंगलुरु की बैठक पर सब की नजर टिकी हुई है. जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और कई दलों के नेताओं का महाजुटान होगा.

नेताओं के बयान

रांची: 2024 के चुनावी जंग को लेकर गैर भाजपा दलों की गोलबंदी पटना के बाद बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दिखेगी. विपक्ष की इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से शिरकत करेंगे. मिली जानकारी के अनुसार, इस दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 17 जुलाई को सुबह रांची से रवाना होंगे. इस बैठक में 24 गैर भाजपा दलों के नेताओं का महाजुटान होने की संभावना है.

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झारखंड की सभी 14 सीटों को जीतने के फॉर्मूला से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बेंगलुरु की बैठक में महागठबंधन को अवगत करायेंगे. इससे पहले पटना की बैठक में वे झारखंड की राजनीतिक स्थिति और 2024 की चुनौती से सहयोगी दलों को अवगत करा चुके हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा का मानना है कि स्ट्रेटजी के तहत कुछ सीटों पर दोस्ताना संघर्ष भी करना पड़े तो उससे परहेज नहीं करना चाहिए.

2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त परिस्थितियां कुछ और थी और वर्तमान में कुछ और है. इसके अलावे बैठक में यह भी जोर दिया जायेगा कि सभी राज्यों में स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़े जाएं जिससे अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल हो.

बैठक बेगलुरु में, सियासत झारखंड में: गैर भाजपा दलों की बैठक भले ही बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होगी. मगर इसे लेकर झारखंड में सियासत तेज है. पटना के बाद बेंगलुरु में भाजपा विरोधी दलों की हो रही बैठक पर झारखंड बीजेपी नजर रख रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी. जिसमें 11 सीट पर कमल खिला था. 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी 14 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर तैयारी में जुटी बीजेपी अपने विरोधियों की एकजुटता के हो रहे प्रयास पर नजर बनाए हुए है.

बीजेपी प्रवक्ता का तंज: बेंगलुरु की बैठक पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने तंज कसते हुए कहा है कि यह गोलबंदी बैल गाड़ी की तरह है जिसमें सभी नेता भ्रष्टाचार के किसी न किसी मामले में बेल पर हैं और उन्हें डर है कि मोदी सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई में वे ना आ जाएं. इसलिए 2024 के चुनाव में वे एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं. मगर ऐसा होगा नहीं.

इधर, सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बेंगलुरु की बैठक को अहम बताते हुए कहा है कि विपक्षी एकता को बनाने में यह बैठक अहम होगी. इसमें पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शिरकत करेंगे. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि विपक्षी एकता होता देख बीजेपी में घबराहट शुरू हो गई है. अभी तो शुरुआत है. आने वाले समय में 24 के बजाए और कई दल इस महागठबंधन में शामिल होंगे और केंद्र की मोदी सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे.

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बहरहाल बेंगलुरु की बैठक पर सब की नजर टिकी हुई है. जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और कई दलों के नेताओं का महाजुटान होगा.

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