रांची: राज्य में स्थानीयता को लेकर 1932 के खतियान लागू करने संबंधी जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के बयान पर सियासत तेज हो गई है. सोरेन ने धनबाद में साफ तौर पर कहा कि राज्य सरकार अब इसे लागू करने जा रही है.
सोरेन की इस टिप्पणी को लेकर बीजेपी और जेएमएम आमने-सामने हो गए हैं. बीजेपी ने साफ कहा कि सोरेन का यह वक्तव्य राज्य को काफी पीछे धकेल देगा और झारखंड में यह एक तरीके से भय का वातावरण बनाने की कोशिश है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो दुखद होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले से ही राज्य गठन से 15 साल पुरानी एक कट ऑफ डेट डोमिसाइल के लिए बनाई है.
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वहीं, जेएमएम के केंद्रीय महासचिव प्रवक्ता विनोद कुमार पांडे ने कहा कि जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन राज्य के नहीं बल्कि पूरे देश के सर्वमान्य नेता है. सोरेन ने अगर कोई बात कही है तो वह जन भावना के विपरीत नहीं हो सकती है. कहीं ना कहीं लोगों की भावना को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ऐसा कहा होगा. साथ ही पांडे ने कहा कि जेएमएम ने विधानसभा चुनाव के पहले जारी किए गए निश्चय पत्र में स्थानीयता को लेकर बहुत स्पष्ट लिखा है. जेएमएम सुप्रीमो ने उसी भावना को और स्पष्ट कर दिया है. पांडे ने कहा कि बीजेपी का इस तरह का वक्तव्य सही नहीं, हालांकि इस बाबत सरकार सबकी भावनाओं का ख्याल रखते हुए कोई निर्णय लेगी.