रांचीः लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिंग में वृद्ध दंपती की हत्या को सत्ताधारी दल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. इस घटना को जघन्य बताते हुए सत्ताधारी दलों के नेताओं ने कहा कि पुलिस प्रशासन इस घटना के दोषियों को कठोरतम सजा दिलाना सुनिश्चित करे.
मॉब लिंचिंग विधेयक कानून बन जाता तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीः कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि इस तरह की जघन्य घटनाओं को ही रोकने के लिए महागठबंधन की सरकार ने विधानसभा से पारित करा कर बिल राजभवन भेजा था, लेकिन राज्य को अस्थिर करने में लगी भाजपा ने अप्रत्यक्ष रूप से पहल कर के राजभवन के दरवाजे से मॉब लिंचिंग रोकने के लिए विधानसभा से पारित बिल को वापस करा दिया. राकेश सिन्हा ने कहा कि सरकार संकल्पित है कि वह कठोर कानून मॉब लिंचिंग रोकने के लिए बनाएगी.
इस तरह की घटना सिर्फ निंदा के लायक नहीं, कठोरता ने निपटना जरूरीः झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने लातेहार में हुई मॉब लिंचिंग की घटना को दुखद करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ निंदा करने लायक नहीं, बल्कि इससे निपटना भी जरूरी है. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि मॉब लिंचिंग रोकने के लिए हम मजूबत कानून बनाना चाहते थे, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं चाहती थी. इसलिए राजभवन से बिल को बिना हस्ताक्षर किए वापस कर दिया गया. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि पुलिस अपना काम करेगी और दोषियों को सजा दिलवाएगी. वहीं लातेहार में मॉब लिंचिंग की घटना के दोषियों को कठोर सजा मिले यह सुनिश्चित करने की मांग राजद ने की है. राजद की प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच भी करानी चाहिए.
क्यों हुई मॉब लिंचिंग की घटनाः जानकारी के अनुसार लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के हेसला गांव के सिबल गंजू और उनकी पत्नी बुधनी देवी की हत्या डायन-बिसाही के संदेह में कर दी गई है. ग्रामीणों को लगता था कि सिबल और बुधनी के झाड़-फूंक और ओझा-गुणी के कारण दोनों लड़कों की मौत दुर्घटना में हुई है. ग्रामीण इसके लिए सिबल और उसकी पत्नी को दोषी मान रहे थे. ग्रामीणों ने पीट-पीट कर वृद्ध दंपती की हत्या कर दी थी.