रांची: ईडी समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका के खारिज होने के बाद झारखंड में सियासत तेज हो गई है. सत्तारूढ़ कांग्रेस कोटे के मंत्री बादल पत्रलेख ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि वो न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं और इस मामले में मुख्यमंत्री खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. लोकतांत्रिक तरीके से जो कुछ भी न्यायालय का निर्देश आया है उसका पालन करते हुए जल्द ही आगे कदम उठाया जाएगा.
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इधर. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुझे समझ में नहीं आता है कि मुख्यमंत्री के पास इतने सलाहकार हैं इसके बावजूद भी इस तरह का सलाह लोग देते हैं और वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हैं. ईडी को पावरफुल बनाया गया है. आखिर ईडी के समक्ष वो जाने से क्यों कतरा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब वो हाई कोर्ट जाएंगे. हाई कोर्ट यदि कहता है कि निचली अदालत जाएं तो निचली अदालत जाएंगे. यह सिर्फ और सिर्फ टाइम पास करने जैसा है. मेरी सलाह यह है कि वो ईडी के समक्ष जाएं और अपनी बातों को रखें.
ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई थी याचिका: जमीन घोटाला मामले में ईडी के द्वारा लगातार भेजी जा रही नोटिस के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा इसकी वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई करते हुए हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए झारखंड हाईकोर्ट जाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है. जमीन घोटाला मामले में ईडी के द्वारा अब तक चार नोटिस भेजी जा चुकी है. ऐसे में न्यायालय से राहत नहीं मिलने की स्थिति में आखिरकार हेमंत सोरेन को ईडी के समक्ष उपस्थित होना ही पड़ेगा. हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश अनुरूप अब झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी की जा रही है.