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पेट्रोल डीजल मूल्य में कमी के आसार नहीं, जानिए सरकार और विपक्ष की क्या है सियासत?

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Published : Jun 26, 2021, 6:43 PM IST

झारखंड में पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सियासी हंगामा मचा हुआ है. सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और जेएमएम जहां इसके लिए बीजेपी की केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहरा रही है. वहीं बीजेपी ने महंगाई के लिए राज्य सरकार पर ठीकरा फोड़ा है. बीजेपी ने राज्य सरकार को वैक्सीनेशन मद में बची राशि से वैट में छूट देने की नसीहत दी है.

politics on petrol and diesel
पेट्रोल-डीजल पर सियासत

रांची: झारखंड में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में लगातार बढ़ोतरी के बाद कीमत करीब करीब 100 रुपये के आंकड़े के पास पहुंच गई है. बढ़ी कीमतों को लेकर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और सत्तारूढ़ दल ने एक-दूसरे को निशाना पर लिया है.

ये भी पढ़ें- JMM विधायक के बेटे की दादागीरी! डीडीसी ऑफिस में स्टेनो को जड़ा थप्पड़, जान से मारने की दी धमकी

महंगाई के लिए केंद्र जिम्मेवार: कांग्रेस

सरकार में शामिल कांग्रेस ने महंगाई के लिए सीधे-सीधे केंद्र को जिम्मेवार ठहराया है. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा जो झारखंड पेट्रोल डीजल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष भी हैं. उन्होंने एक आंकड़े का हवाला देते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला किया.

पेट्रोल-डीजल के मूल्य पर सियासी हंगामा, देखिए पूरी खबर

उन्होंने बताया कि क्रूड पेट्रोल की कीमत 34.57 रुपये प्रति लीटर है जबकि झारखंड में प्रति लीटर पेट्रोल 93.86 रुपये और डीजल 93.62 रुपये है. मानस सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 72.40 रुपये और डीजल पर 73.86 रुपये प्रति लीटर वैट वसूल रही है.जबकि राज्य सरकार पेट्रोल में 1 रुपये सेस और 17 रुपये प्रति लीटर वैट ले रही है और डीजल में 1 रुपये सेस और 22 फीसदी वैट ले रही है.

सरकार के पास राजस्व का दूसरा साधन नहीं

मानस सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार के पास राजस्व का और कोई दूसरा साधन नहीं है क्योंकि जीएसटी ( Goods and Service Tax) कंपनसेशन का 65 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास बकाया है. ऐसे में केंद्र को कीमत कम करने के लिए पहल करनी चाहिए.

जेएमएम का भी केंद्र पर हमला

सत्ताधारी दल जेएमएम ने भी महंगाई के लिए केंद्र को जिम्मेवार ठहराया है. महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पेट्रोल डीजल पर राज्य सरकार 18 प्रतिशत टैक्स लेती है जबकि केंद्र सरकार 34 फीसदी लेती है. उन्होंने कहा जीएसटी का पैसा भी केंद्र के पास बकाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को भिखमंगा बनाना चाहती है, ताकि राज्य सरकार केंद्र के सामने गुहार लगाती रहे.

सत्तारूढ़ दल को बीजेपी की नसीहत

सत्तारूढ़ दल के आरोपों पर बीजेपी ने कीमत बढ़ोतरी की बात को स्वीकार किया और कहा कि इससे आम जनता परेशान है. इसके साथ ही बीजेपी ने राज्य सरकार को वैक्सीनेशन मद में बची राशि को वैट में छूट देने के लिए उपयोग करने की नसीहत दी.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि संसाधन जुटाना भी केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है. ऐसे में राज्य सरकार के वैट में छूट देने को लेकर पल्ला झाड़ लिया जाना सही नहीं है क्योंकि टैक्स का एक हिस्सा राज्य सरकार को भी मिलता है. उन्होंने कहा राज्य सरकार टैक्स भी लेती है और कीमतों में कमी की उम्मीद केंद्र से करती है जो सही नहीं है. प्रदीप सिन्हा ने कहा सत्तारूढ़ दल का ये दोहरा चरित्र चलने वाला नहीं है.

महंगाई से जनता त्रस्त

महंगाई पर दोनों दलों की दलील के बीच जनता महंगाई से त्रस्त है. निकट भविष्य में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी के कोई संकेत भी नहीं है. ऐसे में बेचारी जनता महंगाई की मार झेलने को मजबूर है.

रांची: झारखंड में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में लगातार बढ़ोतरी के बाद कीमत करीब करीब 100 रुपये के आंकड़े के पास पहुंच गई है. बढ़ी कीमतों को लेकर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और सत्तारूढ़ दल ने एक-दूसरे को निशाना पर लिया है.

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महंगाई के लिए केंद्र जिम्मेवार: कांग्रेस

सरकार में शामिल कांग्रेस ने महंगाई के लिए सीधे-सीधे केंद्र को जिम्मेवार ठहराया है. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा जो झारखंड पेट्रोल डीजल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष भी हैं. उन्होंने एक आंकड़े का हवाला देते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला किया.

पेट्रोल-डीजल के मूल्य पर सियासी हंगामा, देखिए पूरी खबर

उन्होंने बताया कि क्रूड पेट्रोल की कीमत 34.57 रुपये प्रति लीटर है जबकि झारखंड में प्रति लीटर पेट्रोल 93.86 रुपये और डीजल 93.62 रुपये है. मानस सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 72.40 रुपये और डीजल पर 73.86 रुपये प्रति लीटर वैट वसूल रही है.जबकि राज्य सरकार पेट्रोल में 1 रुपये सेस और 17 रुपये प्रति लीटर वैट ले रही है और डीजल में 1 रुपये सेस और 22 फीसदी वैट ले रही है.

सरकार के पास राजस्व का दूसरा साधन नहीं

मानस सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार के पास राजस्व का और कोई दूसरा साधन नहीं है क्योंकि जीएसटी ( Goods and Service Tax) कंपनसेशन का 65 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास बकाया है. ऐसे में केंद्र को कीमत कम करने के लिए पहल करनी चाहिए.

जेएमएम का भी केंद्र पर हमला

सत्ताधारी दल जेएमएम ने भी महंगाई के लिए केंद्र को जिम्मेवार ठहराया है. महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पेट्रोल डीजल पर राज्य सरकार 18 प्रतिशत टैक्स लेती है जबकि केंद्र सरकार 34 फीसदी लेती है. उन्होंने कहा जीएसटी का पैसा भी केंद्र के पास बकाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को भिखमंगा बनाना चाहती है, ताकि राज्य सरकार केंद्र के सामने गुहार लगाती रहे.

सत्तारूढ़ दल को बीजेपी की नसीहत

सत्तारूढ़ दल के आरोपों पर बीजेपी ने कीमत बढ़ोतरी की बात को स्वीकार किया और कहा कि इससे आम जनता परेशान है. इसके साथ ही बीजेपी ने राज्य सरकार को वैक्सीनेशन मद में बची राशि को वैट में छूट देने के लिए उपयोग करने की नसीहत दी.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि संसाधन जुटाना भी केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है. ऐसे में राज्य सरकार के वैट में छूट देने को लेकर पल्ला झाड़ लिया जाना सही नहीं है क्योंकि टैक्स का एक हिस्सा राज्य सरकार को भी मिलता है. उन्होंने कहा राज्य सरकार टैक्स भी लेती है और कीमतों में कमी की उम्मीद केंद्र से करती है जो सही नहीं है. प्रदीप सिन्हा ने कहा सत्तारूढ़ दल का ये दोहरा चरित्र चलने वाला नहीं है.

महंगाई से जनता त्रस्त

महंगाई पर दोनों दलों की दलील के बीच जनता महंगाई से त्रस्त है. निकट भविष्य में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी के कोई संकेत भी नहीं है. ऐसे में बेचारी जनता महंगाई की मार झेलने को मजबूर है.

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