रांचीः सरस्वती पूजा मूर्ति विर्सजन के दौरान हजारीबाग के बरही में हुए हिंसक झड़प के बाद हजारीबाग के साथ चतरा, कोडरमा और गिरिडीह में तनाव बढ़ गया. जिसके बाद चारों जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई. पुलिस प्रशासन की ओर से तत्काल विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया. लेकिन इसपर राज्य की सियासत गरमा गई. विपक्षी दल बीजेपी के कहा कि इंटरनेट सेवा बंद करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. वहीं, सत्ता पक्ष झामुमो ने इसे लॉ एंड ऑर्डर को कंट्रोल के लिए उठाया गया कदम बताया.
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बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि पुलिस प्रशासन अपनी नाकामी को छिपाने के लिए यह कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जम्मू कश्मीर जैसे हालात नहीं हैं, जो इंटरनेट सेवा बंद कर कानून व्यवस्था को नियंत्रित करना पड़ा. 24 घंटे से ज्यादा समय तक हजारीबाग के साथ 4 जिलों में इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बाधित रहा. जिससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. उन्होंने कहा कि सरस्वती पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस मुस्तैद रहती तो मॉब लिंचिंग जैसी वारदात नहीं होती.
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पुलिस प्रशासन की ओर से की गई कारवाई की सराहना की है. झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जानबूझकर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश करती है. बीजेपी की कोशिश को राज्य में सफल नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवा कभी कभी बंद करना पड़ता है. वर्तमान समय में सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाई जाती है. इसीलिए सरकार को यह कदम उठाना पड़ा.