रांचीः डीवीसी द्वारा बकाया राशि की किस्त समय से पहले काटने को लेकर सत्ताधारी दल और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि केंद्र सरकार का इस तरह का रवैया रहा तो गठबंधन सरकार आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा करने को मजबूर होगी.
वहीं विपक्ष कि भारतीय जनता पार्टी ने सुझाव दिया है कि गठबंधन सरकार को केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने के बजाय अपने कार्यकलाप पर ठीकरा ज्यादा फोड़ना ही सही होगा. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार डीवीसी के माध्यम से झारखंड राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार के इशारे पर पैसे काटे जा रहे हैं. कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार झारखंड सरकार को खोखला रखना चाहती है, ताकि विकास के कार्य न हो सकें.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विकास में रोड़ा बन रही है. अगर इस तरह का रवैया केंद्र सरकार का रहा और समय पर पैसा नहीं मिलेगा. तो गठबंधन सरकार निश्चित तौर पर आर्थिक नाकेबंदी जैसे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर हो सकती है.
वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के हटिया विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार का डीवीसी के साथ जो एग्रीमेंट था और जिस टर्म कंडीशन के तहत भुगतान करना था. उसमें राज्य सरकार फेल हो गई.
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उसके बाद भी राज्य सरकार को डीवीसी ने बिजली मुहैया कराया, लेकिन राज्य सरकार डीवीसी की बिजली के एवज में कंजूमर से कलेक्शन कर रही है और अपने पॉकेट में डालने का काम किया है. ऐसे में कितने दिनों तक उधार में बिजली मुहैया हो सकती है.
उन्होंने कहा कि लगातार सरकार खजाना खाली होने का रोना रोती रही है. ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि क्या 20 सालों तक राज्य में चली सरकार ने कुबेर भगवान से खजाना लिया था. उन्होंने कहा कि यह तो सिस्टम है कि एक तरफ से रेवेन्यू कलेक्ट करना है और दूसरी तरफ खर्च करना है.