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मांडर विधानसभा उपचुनाव: झारखंड में सियासी हलचल तेज, कांग्रेस ने उतारा उम्मीदवार, बीजेपी खोज रही है जीत की राह - Pratul Shahdev

मांंडर विधानसभा उपचुनाव को लेकर झारखंड में सियासत तेज चुकी है. कांग्रेस की तरफ से जहां शिल्पी नेहा तिर्की को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं जेएमएम का रुख अभी तक पूरी तरह साफ नहीं है. इधर बीजेपी इस चुनाव में जीत हासिल कर 2019 में मिली हार का बदला लेना चाहती है.

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मांडर विधानसभा उप चुनाव
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Published : Jun 2, 2022, 10:38 AM IST

Updated : Jun 2, 2022, 11:31 AM IST

रांची: मांंडर विधानसभा उपचुनाव की डुगडुगी बज चुकी है. 23 जून को होने वाले इस उपचुनाव को राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है. सत्तापक्ष और विपक्ष के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी इस सीट को हर हाल में सियासी दल पाने को बेताब हैं. महागठबंधन की तरफ से जहां इस सीट को जीतने के दावे किए जा रहे हैं,वहीं बीजेपी ने उपचुनाव परिणाम से सरकार के अंत की भविष्यवाणी की है.

ये भी पढे़ं:- मांडर उपचुनावः कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की करेंगी नामांकन, पिता की राजनीतिक विरासत को बढ़ाएंगी आगे

2019 में बंधु तिर्की ने जीती थी सीट: 2019 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में थी. मगर इस सीट पर जेवीएम प्रत्याशी के रुप में खड़े बंधु तिर्की ने जीत हासिल की थी. वर्तमान समय में बंधु तिर्की कांग्रेस में हैं और आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद उपचुनाव में कांग्रेस ने बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस जहां बंधु तिर्की के नाम पर चुनावी जीतने की जुगत में है तो बीजेपी इस सीट को 2019 में गंवाने के बाद फिर से लेने की कोशिश में है. उपचुनाव में बीजेपी की ओर से अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है. जानकारी के अनुसार बीजेपी इस क्षेत्र से 2014 में चुनाव जीतने वाली गंगोत्री कुजूर को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में है.

देखें पूरी खबर

23 हजार 127 वोटों से जीते थे चुनाव: 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक से बंधु तिर्की ने भारतीय जनता पार्टी के देव कुमार धान को 23127 वोटों के मार्जिन से हराया था. बंधु तिर्की को इस चुनाव में 93 हजार 491 वोट आया था. वहीं देव कुमार धान जो भाजपा प्रत्याशी थे उन्हें 69364 वोट आया था. बाद में बंधु तिर्की ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गंगोत्री कुजूर से बंधु तिर्की चुनाव हार गए थे. 2009 में बंधु तिर्की ने देव कुमार धान को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था.

ये भी पढे़ं:- मांडर विधानसभा उपचुनाव: सुभाष मुंडा होंगे सीपीआईएम के उम्मीदवार

मांडर सीट को लेकर सियासत तेज: इधर मांडर विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत जारी है. महागठबंधन के अंदर झामुमो ने मांडर सीट को लेकर अभी तक अपने रूख को स्पष्ट नहीं किया है कि महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ा जायेगा या अलग से कोई प्रत्याशी दी जायेगी. झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा कि अभी इसको लेकर स्पष्ट नहीं हुआ है लेकिन मेरा निजी विचार है कि महागठबंधन के तहत ही प्रत्याशी खड़ा किया जाय. उन्होंने कहा कि इसको लेकर कोई पेंच नहीं है जल्द ही सारी चीजें स्पष्ट हो जायेगी. इधर बीजेपी ने इस चुनाव को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि इस उपचुनाव परिणाम से सरकार का अंत होना शुरू हो जायेगा. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जो जनता से वादा करके महागठबंधन आई थी उसका जवाब जनता मांगेगी.

रांची: मांंडर विधानसभा उपचुनाव की डुगडुगी बज चुकी है. 23 जून को होने वाले इस उपचुनाव को राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है. सत्तापक्ष और विपक्ष के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी इस सीट को हर हाल में सियासी दल पाने को बेताब हैं. महागठबंधन की तरफ से जहां इस सीट को जीतने के दावे किए जा रहे हैं,वहीं बीजेपी ने उपचुनाव परिणाम से सरकार के अंत की भविष्यवाणी की है.

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2019 में बंधु तिर्की ने जीती थी सीट: 2019 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में थी. मगर इस सीट पर जेवीएम प्रत्याशी के रुप में खड़े बंधु तिर्की ने जीत हासिल की थी. वर्तमान समय में बंधु तिर्की कांग्रेस में हैं और आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद उपचुनाव में कांग्रेस ने बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस जहां बंधु तिर्की के नाम पर चुनावी जीतने की जुगत में है तो बीजेपी इस सीट को 2019 में गंवाने के बाद फिर से लेने की कोशिश में है. उपचुनाव में बीजेपी की ओर से अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है. जानकारी के अनुसार बीजेपी इस क्षेत्र से 2014 में चुनाव जीतने वाली गंगोत्री कुजूर को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में है.

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23 हजार 127 वोटों से जीते थे चुनाव: 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक से बंधु तिर्की ने भारतीय जनता पार्टी के देव कुमार धान को 23127 वोटों के मार्जिन से हराया था. बंधु तिर्की को इस चुनाव में 93 हजार 491 वोट आया था. वहीं देव कुमार धान जो भाजपा प्रत्याशी थे उन्हें 69364 वोट आया था. बाद में बंधु तिर्की ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गंगोत्री कुजूर से बंधु तिर्की चुनाव हार गए थे. 2009 में बंधु तिर्की ने देव कुमार धान को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था.

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मांडर सीट को लेकर सियासत तेज: इधर मांडर विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत जारी है. महागठबंधन के अंदर झामुमो ने मांडर सीट को लेकर अभी तक अपने रूख को स्पष्ट नहीं किया है कि महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ा जायेगा या अलग से कोई प्रत्याशी दी जायेगी. झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा कि अभी इसको लेकर स्पष्ट नहीं हुआ है लेकिन मेरा निजी विचार है कि महागठबंधन के तहत ही प्रत्याशी खड़ा किया जाय. उन्होंने कहा कि इसको लेकर कोई पेंच नहीं है जल्द ही सारी चीजें स्पष्ट हो जायेगी. इधर बीजेपी ने इस चुनाव को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि इस उपचुनाव परिणाम से सरकार का अंत होना शुरू हो जायेगा. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जो जनता से वादा करके महागठबंधन आई थी उसका जवाब जनता मांगेगी.

Last Updated : Jun 2, 2022, 11:31 AM IST
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