रांचीः प्रदेश में सियासी संकट के बीच शुक्रवार को राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) दिल्ली चले गये हैं. राज्यपाल के दिल्ली दौरे पर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्यपाल के दिल्ली जाने (Jharkhand Governor Delhi visit) को लेकर कहा है कि कहीं ना कहीं वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर केंद्र सरकार से मंथन करने के लिए वो दिल्ली गये हैं. इस बयान को लेकर बीजेपी ने जेएमएम पर निशाना साधा है. वहीं कांग्रेस ने इसे स्वाभाविक बताते हुए कहा कि गवर्नर का दिल्ली दौरा रूटीन काम है.
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झारखंड में राजनीतिक संकट (Jharkhand Political Crisis) के बीच राज्यपाल का दिल्ली दौरा, कई सवालों को जन्म दे रहा है. इसके अलावा विभिन्न दल इसपर अपना अलग अलग मंतव्य दे रहे हैं. झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा कि राजभवन और केंद्र सरकार की जो इस प्रकरण में भूमिका रही है, उससे राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है. हालांकि इसके बाबजूद सरकार पर कोई संकट नहीं है. वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता और सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्यपाल का दिल्ली दौरा रुटीन कार्य है.
आगे उन्होंने कहा कि लेकिन जिस तरह से पिछले दस दिनों से राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति है, उसमें राज्यपाल का दिल्ली जाने के बारे में वो ही बता सकते हैं. उन्होंने कहा कि यूपीए डेलीगेशन गुरुवार को राज्यपाल से मिला था और चार पन्नों का ज्ञापन भी सौंपकर मांग की गयी थी कि जल्द इसपर स्थिति स्पष्ट करे. इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि दो चार दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. इधर बीजेपी ने राज्यपाल के दिल्ली दौरे पर संतुलित बयान दिया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्यपाल दिल्ली क्यों गये हैं, इसके बारे में वो ही बता सकते हैं. उन्होंने झामुमो के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि झामुमो के नेता जासूसी उपन्यास पढ़ना छोड़ दें.
राजभवन पर टिकी निगाहेंः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की रिपोर्ट आने के बाद से सबकी निगाहें राजभवन पर टिकी हुई हैं. संभावना यह जताई जा रही है कि पिछले दस दिनों से जारी यह सियासी संकट जल्द ही समाप्त हो सकता है. राज्यपाल का दिल्ली दौरा, इसी को लेकर देखा जा रहा है.