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झामुमो केंद्रीय कार्यालय घेराव करने निकले पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को पुलिस ने रोका, पार्टी महासचिव से वार्ता के बाद वापस लौटे

रांची में झामुमो केंद्रीय कार्यालय का घेराव करने पहुंचे पंचायत सचिवालय के आंदोलित स्वयंसेवकों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. इस दौरान स्वयंसेवकों ने हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. वे सभी अब मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग कर रहे हैं. Panchayat Secretariat surround JMM central office

Panchayat Secretariat surround JMM central office
झामुमो केंद्रीय कार्यालय घेराव करने निकले पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को पुलिस ने रोका
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 14, 2023, 3:34 PM IST

Updated : Oct 14, 2023, 8:18 PM IST

झामुमो केंद्रीय कार्यालय घेराव करने निकले पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को पुलिस ने रोका

रांची: हरमू मैदान से आक्रोश मार्च के तहत हरमू स्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा के कैंप कार्यालय का घेराव करने निकले पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. इस दौरान आंदोलनकारी स्वयंसेवकों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गयी. पुलिस छावनी में तब्दील झामुमो कार्यालय जाने से पहले जब उन्हें रोका गया तो आक्रोशित पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों ने हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. साथ ही वहीं वे धरना पर बैठ गए.

यह भी पढ़ें: प्रोजेक्ट भवन घेरने जा रहे स्वयंसेवकों के साथ पुलिस की झड़प, सरकार पर मांगें पूरी करने के लिए बना रहे दबाव

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मंत्री आलमगीर आलम के आवास के घेराव के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से बात करने और उनकी मांगों पर जल्द फैसला लेने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब नवरात्र शुरू हो रहा है लेकिन उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं. आंदोलनरत प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 2019 में चुनाव से पहले तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि सरकार बनने के छह महीने के भीतर उनकी मांगें पूरी की जाएंगी, लेकिन चार साल में कुछ नहीं हुआ. आंदोलनकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री वार्ता की मांग को अन्य मांगों के साथ जोड़ दिया गया है. मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का भी निर्णय लिया गया है.

2016 में हुई थी नियुक्ति: झामुमो केंद्रीय कैंप कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर रहे पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवकों ने कहा कि रघुवर दास के शासनकाल में 2016 में परीक्षा के माध्यम से उनकी बहाली हुई थी. उस समय उन्हें पंचायतों में होने वाले कार्यों के लिए अच्छा खासा इंटेंसिव मिलता था. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, पीएम आवास योजना, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड में सही व्यक्ति का नाम जोड़ना और गलत व्यक्ति का नाम हटाना जैसी हर चीज के लिए इंटेंसिव का प्रावधान था, लेकिन अब इंटेंसिव पर भी आफत है.

झामुमो के केंद्रीय महासचिव से हुई वार्ता: झामुमो केंद्रीय कार्यालय के पास ही धरना पर बैठे पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवक तब हटें, जब झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय से उनकी वार्ता हो गयी. झामुमो कार्यालय में 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से विनोद पांडेय ने वार्ता की और उनकी मांगों की पूरी जानकारी ली. उन्होंने आंदोलित पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को भरोसा दिलाया कि वर्तमान हेमंक सोरेन की सरकार राज्य के सभी युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए कृत संकल्पित है.

सरकार पर भरोसा कर आंदोलन समाप्त करें स्वयंसेवक-विनोद पांडे: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और सरकार के कोऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य विनोद पांडेय ने कहा कि सरकार की नजर में टेट पास पारा शिक्षकों, पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की समस्याएं और अन्य कल्याणकारी कार्य हैं. ऐसे में आंदोलित स्वयंसेवकों को समय देना चाहिए और अपना आंदोलन स्थगित कर देना चाहिए. विनोद पांडेय ने कहा कि आंदोलित पंचायत स्वयंसेवकों की समस्या का कारण पूर्व की रघुवर दास की सरकार है. जिसने बिना कोई नियमावली और इनके भविष्य की चिंता किए बगैर सिर्फ इंसेंटिव आधारित जॉब देकर वाहवाही बटोरी. उनकी सरकार जो भी करेगी ठोस करेगी और राज्य के युवाओं के साथ धोखा नहीं करेगी.

राजभवन पर जारी रहेगा धरना-संघ: झामुमो के केंद्रीय महासचिव से वार्ता के बाद उन्हें मांगों का ज्ञापन सौंप कर आंदोलनकारी वापस राजभवन धरनास्थल लौट गए, जहां पिछले 99 दिनों से उनका धरना जारी है. संघ के नेताओं ने कहा कि उनका राजभवन के समक्ष धरना जारी रहेगा.

क्या है पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की मांग: 100 दिनों से धरना दे रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की मुख्य रूप से पांच मांगें हैं. उनकी मांगों में स्वयंसेवकों का समायोजन, सेवा स्थायी करना, स्वयंसेवकों का नाम बदलकर पंचायत सहायक करना और सेवा स्थायी होने तक सम्मानजनक मानदेय देना शामिल है. इसके साथ ही अब मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात की मांग भी जुड़ गई है.

झामुमो केंद्रीय कार्यालय घेराव करने निकले पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को पुलिस ने रोका

रांची: हरमू मैदान से आक्रोश मार्च के तहत हरमू स्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा के कैंप कार्यालय का घेराव करने निकले पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. इस दौरान आंदोलनकारी स्वयंसेवकों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गयी. पुलिस छावनी में तब्दील झामुमो कार्यालय जाने से पहले जब उन्हें रोका गया तो आक्रोशित पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों ने हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. साथ ही वहीं वे धरना पर बैठ गए.

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मंत्री आलमगीर आलम के आवास के घेराव के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से बात करने और उनकी मांगों पर जल्द फैसला लेने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब नवरात्र शुरू हो रहा है लेकिन उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं. आंदोलनरत प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 2019 में चुनाव से पहले तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि सरकार बनने के छह महीने के भीतर उनकी मांगें पूरी की जाएंगी, लेकिन चार साल में कुछ नहीं हुआ. आंदोलनकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री वार्ता की मांग को अन्य मांगों के साथ जोड़ दिया गया है. मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का भी निर्णय लिया गया है.

2016 में हुई थी नियुक्ति: झामुमो केंद्रीय कैंप कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर रहे पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवकों ने कहा कि रघुवर दास के शासनकाल में 2016 में परीक्षा के माध्यम से उनकी बहाली हुई थी. उस समय उन्हें पंचायतों में होने वाले कार्यों के लिए अच्छा खासा इंटेंसिव मिलता था. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, पीएम आवास योजना, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड में सही व्यक्ति का नाम जोड़ना और गलत व्यक्ति का नाम हटाना जैसी हर चीज के लिए इंटेंसिव का प्रावधान था, लेकिन अब इंटेंसिव पर भी आफत है.

झामुमो के केंद्रीय महासचिव से हुई वार्ता: झामुमो केंद्रीय कार्यालय के पास ही धरना पर बैठे पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवक तब हटें, जब झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय से उनकी वार्ता हो गयी. झामुमो कार्यालय में 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से विनोद पांडेय ने वार्ता की और उनकी मांगों की पूरी जानकारी ली. उन्होंने आंदोलित पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को भरोसा दिलाया कि वर्तमान हेमंक सोरेन की सरकार राज्य के सभी युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए कृत संकल्पित है.

सरकार पर भरोसा कर आंदोलन समाप्त करें स्वयंसेवक-विनोद पांडे: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और सरकार के कोऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य विनोद पांडेय ने कहा कि सरकार की नजर में टेट पास पारा शिक्षकों, पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की समस्याएं और अन्य कल्याणकारी कार्य हैं. ऐसे में आंदोलित स्वयंसेवकों को समय देना चाहिए और अपना आंदोलन स्थगित कर देना चाहिए. विनोद पांडेय ने कहा कि आंदोलित पंचायत स्वयंसेवकों की समस्या का कारण पूर्व की रघुवर दास की सरकार है. जिसने बिना कोई नियमावली और इनके भविष्य की चिंता किए बगैर सिर्फ इंसेंटिव आधारित जॉब देकर वाहवाही बटोरी. उनकी सरकार जो भी करेगी ठोस करेगी और राज्य के युवाओं के साथ धोखा नहीं करेगी.

राजभवन पर जारी रहेगा धरना-संघ: झामुमो के केंद्रीय महासचिव से वार्ता के बाद उन्हें मांगों का ज्ञापन सौंप कर आंदोलनकारी वापस राजभवन धरनास्थल लौट गए, जहां पिछले 99 दिनों से उनका धरना जारी है. संघ के नेताओं ने कहा कि उनका राजभवन के समक्ष धरना जारी रहेगा.

क्या है पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की मांग: 100 दिनों से धरना दे रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की मुख्य रूप से पांच मांगें हैं. उनकी मांगों में स्वयंसेवकों का समायोजन, सेवा स्थायी करना, स्वयंसेवकों का नाम बदलकर पंचायत सहायक करना और सेवा स्थायी होने तक सम्मानजनक मानदेय देना शामिल है. इसके साथ ही अब मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात की मांग भी जुड़ गई है.

Last Updated : Oct 14, 2023, 8:18 PM IST
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