रांची: राजधानी रांची में बैंक से पैसा निकाल कर निकलने वाले लोग एक अज्ञात गिरोह के निशाने पर हैं, यह गिरोह रांची में कई लूट और छिनतई की वारदात को अंजाम दे चुका है, लेकिन अब तक पकड़ से बाहर है. गिरोह का टारगेट अब कोई और ना बने इसके लिए रांची पुलिस ने बैंकों के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं.
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सतर्क रहने पर लग जाता है ब्रेक: दरअसल पुलिस और बैंक वाले जब तक सतर्क रहते हैं, तब तक इन घटनाओं पर ब्रेक लग जाता है. लेकिन जैसे ही लापरवाही शुरू होती है एक बार फिर से अपराधी एक्टिव हो जा रहे हैं. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि राजधानी में एक ऐसा गिरोह सक्रिय हो चुका है जो बैंक से पैसा निकाल कर घर जाने वाले लोगों को टारगेट कर रहा है. इस गिरोह के सदस्य बैंक से पैसा निकालने वालो की रेकी करते हैं और फिर मौका मिकते ही उनसे पैसे छिनतई कर फरार हो जाते हैं. राजधानी में ऐसे चार मामले रिपोर्ट हुए हैं. लेकिन किसी भी मामले का खुलासा अब तक नही हो पाया है.
बैंकों को एसएसपी ने दिए निर्देश: रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि बिना बैंकों के सहयोग के इस तरह की घटनाओं पर ब्रेक लगाना मुश्किल है, पुलिस अपना काम जरूर कर रही है. लेकिन जरूरी है कि बैंक अपने यहां आने वाले अनजान चेहरों से पूछताछ करें या फिर पुलिस उसकी जानकारी जरूर दें. अब तक की छानबीन में जो बात सामने आई है, उनमें यह तय माना जा रहा है कि जिन अपराधियों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया है वह बैंक से ही ग्राहकों की रेकी कर रहे थे, उसके बाद मौका मिलते ही उन्होंने लूट की वारदात को अंजाम दिया है. सबसे खास बात यह है कि लूट में अभी तक किसी भी हथियार का प्रयोग नहीं किया गया है. ऐसे में जरूरी है कि बैंकों में गैरजरूरी लोगों को इक्ट्ठा ना होने दिया जाए. जो लोग पैसे निकालने जमा करने या फिर बैंकिंग के किसी दूसरे काम को करने आए हैं उनसे पड़ताल कर ही उन्हें बैंक में जाने दिया जाए.
24 मई को दो मामले आए थे सामने: बीते महीने 24 तरीख को एक ही दिन में दो ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें बैंक से पैसा निकाल कर वापस लौट रहे दो लोगों को गिरोह के लोगों के द्वारा निशाना बनाया गया. पहली वारदात रांची के लालपुर थाना क्षेत्र में घटी थी, जहां आईसीआईसी बैंक से पैसा निकाल कर वापस लौट रहे एक बिल्डर के कर्मचारी से अपराधियों ने 6.32 लाख रुपये लूट लिए. 24 मई को ही रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के मोराबादी स्थित बैंक ऑफ इंडिया से पैसा निकाल कर जा रहे प्रदीप कुमार सिंह को झांसा देकर अपराधियों ने दो लाख रुपये झपट कर फरार हो गए. दोनों ही मामलों में लालपुर और बरियातू थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है, हालांकि सीसीटीवी फुटेज मिलने के बावजूद अभी तक दोनो ही मामलों में कोई अपराधी गिरफ्तार नहीं पायी है. इसी तरह जगन्नाथपुर इलाके में भी एक मामला सामने आ चुका है अब ताजा मामला रांची के लोवर बाजार इलाके का है जहां से 2 जून को दिनदहाड़े बैंक से पैसा निकाल कर लौट रहे मोहम्मद महमूद से साढ़े तीन लाख लूट लिए गए.
बिहार और एमपी के गिरोह पर शक: लोवर बाजार, लालपुर और बरियातू तीनो ही कांडों को सुलझाने के लिए पुलिस मेहनत कर रही है. पुलिस को राज्य के बाहर के गिरोह के शामिल होने के संकेत मिले है. लोअर बाजार इलाके में लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद भाग रहे, दोनों अपराधी हादसे का शिकार हो गए थे. जिनकी वजह से उनकी बाइक मौके पर ही छूट गई थी. छानबीन के क्रम में यह बात सामने आई है कि बाइक भी दूसरे राज्य का था. पहले भी बिहार और मध्य प्रदेश के कुछ गिरोह राजधानी में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. ऐसी घटनाओं को अंजाम देने में बिहार के कटिहार के कोढ़ा गिरोह और एमपी के कुछ गिरोहों को महारत हासिल है. दो साल पहले भी इस गिरोह के द्वारा एक दर्जन से ज्यादा छिनतई की वारदातों को अंजाम दिया गया था, जिनमें अधिकांश मामले बैंक से पैसा निकालने के बाद छिनतई के थे. उस दौरान पुलिस ने कोढ़ा गिरोह के एक दर्जन से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद इस तरह के मामले काफी थम गए थे.
लूट के बाद छोड़ देते हैं शहर: इस गिरोह के सदस्य लूट की वारदात को अंजाम देने के तुरंत बाद शहर छोड़ देते हैं. उसके बाद यह दो से तीन महीनों तक दूसरे शहरों में इसी तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं. अगर पुलिस का ज्यादा खतरा बढ़ता है तो यह लोग बिहार भाग जाते हैं.
पुलिस अलर्ट, अपराधियों की तलाश जारी: रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि हाल में जो घटनाएं घटी है उनके उद्भेदन के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. लेकिन ऐसी घटनाएं दोबारा घटित ना हो इसके लिए पुलिस के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पढ़ने वाले बैंकों पर नजर रखें बैंक के अंदर अगर कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नजर आता है तो उससे पूछता जरूर करें. बैंक अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने बैंक के अंदर संदिग्धों को पहचान कर पुलिस को बताए.