रांचीः राजधानी के ओरमांझी में 3 जनवरी को मिली युवती की सिर कटी लाश की छठे दिन भी पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस के लाख प्रयास के बावजूद न तो युवती का कोई सुराग मिला और न ही उसका कटा हुआ सिर मिल सका. 6 दिनों तक रांची पुलिस की अलग-अलग टीमों ने घटनास्थल के आसपास के 10 किलोमीटर के रेडियस में नदी, नाले, जंगल और घरों को खंगाला, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. इस मामले को लेकर रांची पुलिस को कुछ सूझ नहीं रहा है.
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कॉल डंप में भी नहीं मिला सुराग
किसी भी ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाने में पुलिस के लिए सबसे बड़ा हथियार कॉल डिटेल होती है, लेकिन इस मामले में पुलिस का यह हथियार भी फेल हो गया. कॉल डंप में भी इसी मोबाइल के चालू रहने के सबूत नहीं मिले हैं. आधार और फिंगरप्रिंट से भी युवती के शव की पहचान नहीं हो पाई है. जानकार बताते हैं कि आधार से पहचान के लिए शरीर में खून का परिचालन आवश्यक है, इसलिए मृतक के फिंगर प्रिंट से उसकी पहचान करना बेहद मुश्किल भरा काम है.
आधी रात हुआ दोबारा पोस्टमार्टम
मृत युवती का पोस्टमार्टम शुक्रवार की आधी रात फिर से किया गया. रिम्स में पांच डॉक्टरों की टीम ने मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में दोबारा पोस्टमार्टम किया, ताकि उससे भी कोई सुराग हाथ लग सके. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी खुलासा हो सकता है कि युवती के साथ दुष्कर्म हुआ था या फिर किसी ने उसके नाजुक अंगों को किसी हथियार से चोट पहुंचाया है.
सीबीआई जांच की उठी मांग
वहीं हत्या की गुत्थी को सुलझाने में रांची पुलिस के असफल रहने की वजह से अब हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए सीबीआई जांच की मांग की जा रही है. शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है.