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पुलिस एसोसिएशन ने ट्रांसफर-पोस्टिंग की नीति का किया विरोध, कई मुद्दों पर दी चेतावनी - रांची में पुलिस एसोसिएशन ने स्थानांतरण-पदस्थापन की नीति पर जताया विरोध

झारखंड पुलिस के जूनियर अफसरों की प्रतिनिधि संस्था झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने स्थानांतरण-पदस्थापन की नीति में नए बिंदुओं को जोड़ने का विरोध किया है. स्थानांतरण नीति के तहत जिला पुलिस ईकाइयों को ए, बी, सी और डी श्रेणी में बांटा गया है. लेकिन स्थानांतरण-पदस्थापन इस नीति पर नहीं हो रहा.

police association expressed opposition to policy of transfer posting in ranchi
पुलिस एसोसिएशन ने स्थानांतरण-पदस्थापन की नीति पर जताया विरोध
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Published : Jan 10, 2021, 10:18 PM IST

रांचीः झारखंड पुलिस के जूनियर पुलिस अफसरों की प्रतिनिधि संस्था झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने स्थानांतरण-पदस्थापन की नीति में नए बिंदूओं को जोड़ने का विरोध किया है. रविवार को एसोसिएशन के केंद्रीय कार्य समिति की बैठक के दौरान पदाधिकारियों ने उग्रवाद प्रभाव वाले जिलों में 56 साल और बाकि जिलों में 57 साल से अधिक उम्र के इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारियों की पोस्टिंग नहीं देने के फैसले का विरोध किया है.

नियम को बताया तुगलगी फरमान
कार्यकारिणी समिति की बैठक के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह और महामंत्री अक्षय कुमार राम ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि स्थानांतरण नीति के तहत जिलों की पुलिस ईकाइयों को ए, बी, सी और डी श्रेणी में बांटा गया है, लेकिन स्थानांतरण-पदस्थापन इस नीति पर नहीं हो रहा. अलग से एक नया नियम जोड़ दिया गया, इसके बाद यह फरमान जारी कर दिया गया कि 56 साल से अधिक उम्र के इंस्पेक्टर उग्रवाद और 57 साल से अधिक उम्र के इंस्पेक्टर किसी जिला में नहीं जाएंगे. एसोसिएशन ने पुलिस मुख्यालय के इस नियम को तुगलगी फरमान करार दिया है. एसोसिएशन के बैठक में प्रांतीय उपाध्यक्ष अखिलेश्वर पांडेय, अरविंद यादव समेत कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ें- सिदो-कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय का मनाया गया स्थापना दिवस, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दी बधाई

एसोसिएशन के पदाधिकारी जाएंगे उच्च न्यायालय
पुलिस एसोसिएशन के निर्वाचित सदस्य, केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य, क्षेत्रीय, प्रक्षेत्रिय मंत्रियों का स्थानांतरण एसोसिएशन में उनके कार्यकाल तक नहीं किया जाना है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का आरोप है कि इस मामले में एसोसिएशन की ओर से टालमटोल किया जा रहा है. डेढ़ माह पूर्व मुख्यालय को इस संबंध में आवेदन दिया गया था, लेकिन इस संबंध में आदेश नहीं निकला है. एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि डीजीपी से इस संबंध में अंतिम बार मिलकर अनुरोध किया जाएगा, अगर निर्णय सकारात्मक नहीं होता तो एसोसिएशन इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाएगा.

प्रमोशन रोकने से पुलिस अफसरों को नुकसान
राज्य सरकार की ओर से प्रमोशन पर लगी रोक हटाने की भी मांग की गई है. एसोसिएशन का तर्क है कि प्रमोशन रोकने से एएसआई से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के वैसे अधिकारी अपने अधिकारी से वंचित हो जाएंगे जिनकी सेवानिवृति जनवरी से मार्च महीने के बीच होनी है. एसोसिएशन ने समित परीक्षा समाप्त करने, 13 माह के वेतन के साथ 20 दिनों के क्षतिपूर्ति अवकाश की शर्त हटाने की भी मांग की है.

रांचीः झारखंड पुलिस के जूनियर पुलिस अफसरों की प्रतिनिधि संस्था झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने स्थानांतरण-पदस्थापन की नीति में नए बिंदूओं को जोड़ने का विरोध किया है. रविवार को एसोसिएशन के केंद्रीय कार्य समिति की बैठक के दौरान पदाधिकारियों ने उग्रवाद प्रभाव वाले जिलों में 56 साल और बाकि जिलों में 57 साल से अधिक उम्र के इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारियों की पोस्टिंग नहीं देने के फैसले का विरोध किया है.

नियम को बताया तुगलगी फरमान
कार्यकारिणी समिति की बैठक के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह और महामंत्री अक्षय कुमार राम ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि स्थानांतरण नीति के तहत जिलों की पुलिस ईकाइयों को ए, बी, सी और डी श्रेणी में बांटा गया है, लेकिन स्थानांतरण-पदस्थापन इस नीति पर नहीं हो रहा. अलग से एक नया नियम जोड़ दिया गया, इसके बाद यह फरमान जारी कर दिया गया कि 56 साल से अधिक उम्र के इंस्पेक्टर उग्रवाद और 57 साल से अधिक उम्र के इंस्पेक्टर किसी जिला में नहीं जाएंगे. एसोसिएशन ने पुलिस मुख्यालय के इस नियम को तुगलगी फरमान करार दिया है. एसोसिएशन के बैठक में प्रांतीय उपाध्यक्ष अखिलेश्वर पांडेय, अरविंद यादव समेत कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

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एसोसिएशन के पदाधिकारी जाएंगे उच्च न्यायालय
पुलिस एसोसिएशन के निर्वाचित सदस्य, केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य, क्षेत्रीय, प्रक्षेत्रिय मंत्रियों का स्थानांतरण एसोसिएशन में उनके कार्यकाल तक नहीं किया जाना है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का आरोप है कि इस मामले में एसोसिएशन की ओर से टालमटोल किया जा रहा है. डेढ़ माह पूर्व मुख्यालय को इस संबंध में आवेदन दिया गया था, लेकिन इस संबंध में आदेश नहीं निकला है. एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि डीजीपी से इस संबंध में अंतिम बार मिलकर अनुरोध किया जाएगा, अगर निर्णय सकारात्मक नहीं होता तो एसोसिएशन इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाएगा.

प्रमोशन रोकने से पुलिस अफसरों को नुकसान
राज्य सरकार की ओर से प्रमोशन पर लगी रोक हटाने की भी मांग की गई है. एसोसिएशन का तर्क है कि प्रमोशन रोकने से एएसआई से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के वैसे अधिकारी अपने अधिकारी से वंचित हो जाएंगे जिनकी सेवानिवृति जनवरी से मार्च महीने के बीच होनी है. एसोसिएशन ने समित परीक्षा समाप्त करने, 13 माह के वेतन के साथ 20 दिनों के क्षतिपूर्ति अवकाश की शर्त हटाने की भी मांग की है.

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