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Jharkhand News: रिमांड पर पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने उगले गहरे राज, एनआईए और पुलिस को रांची से नेपाल तक का कनेक्शन बताया - पीएलएफआई संगठन को खड़ा करने में लगा

एनआईए और झारखंड पुलिस को पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है. दिनेश गोप ने कई सफेदपोशों और अन्य सहयोगियों के नाम बताए हैं. जिसके आधार पर एनआईए और झारखंड पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.

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Dinesh Gope Reveals Deep Secrets In Police Remand
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Published : May 24, 2023, 6:27 AM IST

रांचीः पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी है. इसके लिए ना सिर्फ एनआईए, बल्कि पूरी झारखंड पुलिस एक साथ काम कर रही है. दिल्ली से गिरफ्तार पीएलएफआई सुप्रीमो से लगातार पूछताछ की जा रही है. जिसमें कई अहम जानकारियां मिली हैं. जिसके आधार पर एनआईए और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.

ये भी पढे़ं-PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप को कोर्ट में किया गया पेश, एनआईए को 8 दिनों की मिली रिमांड

रिमांड पर है दिनेश गोपः पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए एनआईए लगातार दिनेश से ही जानकारियां जुटा रही हैं. रिमांड पर पूछताछ के दौरान दिनेश गोप से रांची, खूंटी से लेकर नेपाल तक के सहयोगियों और मददगारों के बारे में जानकारी मिली है. मंगलवार को दिनेश गोप से एनआईए के अलावे रांची, खूंटी, सिमडेगा पुलिस, स्पेशल ब्रांच और एसआईबी के अधिकारियों ने भी पूछताछ की. पूछताछ के दौरान दिनेश गोप ने कई अहम जानकारियां दी हैं. उसने राजनीतिक संरक्षण देने वालों के साथ-साथ संगठन के मददगारों, पैसों के निवेशकों, हथियार के सप्लायरों, हथियार छिपाने वाले लोगों के विषय में जानकारी दी है.

विराटनगर में रवि यादव करता था मददः एनआईए की पूछताछ के दौरान दिनेश गोप ने बताया है कि चाईबासा में हुए पुलिस मुठभेड़ के बाद वह नेपाल भाग गया था. नेपाल के विराटनगर में रहते हुए उसने अपना एक बेहतर नेटवर्क तैयार कर लिया और वहीं से अपने संगठन का संचालन करने लगा. विराटनगर में उसने कई सहयोगी बना लिए थे. दिनेश गोप ने पूछताछ में यह भी बताया है कि स्थानीय पंचायत सदस्य रवि यादव के द्वारा उसे संरक्षण मिल रहा था.

रांची के बिरसा चौक का एक युवक रडार परः झारखंड पुलिस के पास पुख्ता जानकारी थी कि दिनेश गोप नेपाल में ही छुपा हुआ है, लेकिन उस दौरान नेपाल पुलिस के द्वारा झारखंड पुलिस को सहयोग नहीं किया गया. नेपाल में भी स्थानीय नेताओं के संरक्षण के कारण दिनेश गोप वहां सुरक्षित रहा था. एनआईए ने रांची के भी एक युवक को चिन्हित किया है जो कई बार नेपाल जाकर दिनेश गोप से मिला था.

संगठन को खड़ा करने के लिए कईयों से मांगा सहयोगः नेपाल भागने के बाद दिनेश गोप नए सिरे से पीएलएफआई संगठन को खड़ा करने में लगा हुआ था. क्योंकि दिनेश गोप के पास अकूत संपत्ति थी. ऐसे में उसी पैसों का इस्तेमाल कर उसने नेपाल में भी अपना एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया.

बिहार और ओडिशा पुलिस भी करेगी पूछताछः एनआईए ने दिनेश गोप की गिरफ्तारी के मामले में बिहार और ओडिशा पुलिस को भी जानकारी दी है. पटना में एक मॉल में ब्लास्ट के केस में भी दिनेश गोप आरोपी रहा है. ऐसे में बिहार पुलिस की टीम भी दिनेश गोप से पूछताछ करेगी. वहीं ओडिशा में कई आपराधिक मामले दिनेश गोप के खिलाफ दर्ज हैं.

रांचीः पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी है. इसके लिए ना सिर्फ एनआईए, बल्कि पूरी झारखंड पुलिस एक साथ काम कर रही है. दिल्ली से गिरफ्तार पीएलएफआई सुप्रीमो से लगातार पूछताछ की जा रही है. जिसमें कई अहम जानकारियां मिली हैं. जिसके आधार पर एनआईए और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.

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रिमांड पर है दिनेश गोपः पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए एनआईए लगातार दिनेश से ही जानकारियां जुटा रही हैं. रिमांड पर पूछताछ के दौरान दिनेश गोप से रांची, खूंटी से लेकर नेपाल तक के सहयोगियों और मददगारों के बारे में जानकारी मिली है. मंगलवार को दिनेश गोप से एनआईए के अलावे रांची, खूंटी, सिमडेगा पुलिस, स्पेशल ब्रांच और एसआईबी के अधिकारियों ने भी पूछताछ की. पूछताछ के दौरान दिनेश गोप ने कई अहम जानकारियां दी हैं. उसने राजनीतिक संरक्षण देने वालों के साथ-साथ संगठन के मददगारों, पैसों के निवेशकों, हथियार के सप्लायरों, हथियार छिपाने वाले लोगों के विषय में जानकारी दी है.

विराटनगर में रवि यादव करता था मददः एनआईए की पूछताछ के दौरान दिनेश गोप ने बताया है कि चाईबासा में हुए पुलिस मुठभेड़ के बाद वह नेपाल भाग गया था. नेपाल के विराटनगर में रहते हुए उसने अपना एक बेहतर नेटवर्क तैयार कर लिया और वहीं से अपने संगठन का संचालन करने लगा. विराटनगर में उसने कई सहयोगी बना लिए थे. दिनेश गोप ने पूछताछ में यह भी बताया है कि स्थानीय पंचायत सदस्य रवि यादव के द्वारा उसे संरक्षण मिल रहा था.

रांची के बिरसा चौक का एक युवक रडार परः झारखंड पुलिस के पास पुख्ता जानकारी थी कि दिनेश गोप नेपाल में ही छुपा हुआ है, लेकिन उस दौरान नेपाल पुलिस के द्वारा झारखंड पुलिस को सहयोग नहीं किया गया. नेपाल में भी स्थानीय नेताओं के संरक्षण के कारण दिनेश गोप वहां सुरक्षित रहा था. एनआईए ने रांची के भी एक युवक को चिन्हित किया है जो कई बार नेपाल जाकर दिनेश गोप से मिला था.

संगठन को खड़ा करने के लिए कईयों से मांगा सहयोगः नेपाल भागने के बाद दिनेश गोप नए सिरे से पीएलएफआई संगठन को खड़ा करने में लगा हुआ था. क्योंकि दिनेश गोप के पास अकूत संपत्ति थी. ऐसे में उसी पैसों का इस्तेमाल कर उसने नेपाल में भी अपना एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया.

बिहार और ओडिशा पुलिस भी करेगी पूछताछः एनआईए ने दिनेश गोप की गिरफ्तारी के मामले में बिहार और ओडिशा पुलिस को भी जानकारी दी है. पटना में एक मॉल में ब्लास्ट के केस में भी दिनेश गोप आरोपी रहा है. ऐसे में बिहार पुलिस की टीम भी दिनेश गोप से पूछताछ करेगी. वहीं ओडिशा में कई आपराधिक मामले दिनेश गोप के खिलाफ दर्ज हैं.

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