रांची: झारखंड सरकार के निर्देश पर खेल विभाग की ओर से खिलाड़ियों के लिए सीधी नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है, जो खिलाड़ी नेशनल गेम के मेडलिस्ट है या फिर एशियन गेम्स में बेहतर प्रदर्शन किए हैं उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है. हालांकि इसे लेकर विवाद भी खड़े किए जा रहे हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी तमाम विवादों को निराधार बता रहे हैं.
वहीं, उन्होंने जानकारी देते हुए कहा है कि नियम संगत से ही यह प्रक्रिया संचालित हो रही है. इसमें कहीं से भी किसी तरह की अनियमितता नहीं बरती गई है. खेल विभाग ने सीधी नियुक्ति में खेल से संबंधित उपलब्धियों के विवरण में पांच कैटेगरी तय कर एक मापदंड तय किया है. उसी के आधार पर खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है और उनकी सीधी नियुक्ति हो रही है.
अब तक 32 खिलाड़ियों के आवेदन प्राप्त किए गए हैं और उनकी सूची बनाई गई है. लगातार प्रक्रिया संचालित हो रही है. गौरतलब है कि ओलंपिक, कॉमलवेल्थ, एशियन गेम्स, सीनियर नेशनल गेम्स फॉर चैंपियनशिप टूर्नामेंट शामिल है. एशियन चैंपियनशिप को इससे बाहर रखा गया है. हालांकि नियमावली में सुधार कर इस दिशा में कदम बढ़ाने की बात कही जा रही है.
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2006 में बनी नियुक्ति नियमावली
नियुक्ति नियमावली 2006 में बनाई गई थी. जिसमें एशियन चैंपियनशिप को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इसमें संशोधन किया जा रहा है. जिसके बाद फिर से खिलाड़ियों के सीधी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जैसे-जैसे सरकार की ओर से वैकेंट सीटों की जानकारी दी जा रही है. उसी के अनुसार प्रक्रियाएं संचालित की जा रही है. खिलाड़ियों के आवेदन लगातार प्राप्त हो रहे हैं. उसमें स्क्रूटनी कर फाइनल सूची बनाई जाएगी. ताकि प्रतिभाशील खिलाड़ियों को उनका अधिकार मिल सके.
गौरतलब है कि संचालित इस नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं, लेकिन खेल विभाग ने स्पष्ट किया है कि बनाया गया नियमावली के तहत ही यह प्रक्रिया संचालित हो रही है. अगर इसमें त्रुटि है तो राज्य सरकार से मंतव्य मांग कर उसमें सुधार किया जाएगा और वंचित खिलाड़ियों को उनका हक जरूर मिलेगा.