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शर्मनाक! जूठे बर्तन धोने को मजबूर हैं राज्यस्तरीय खिलाड़ी, कैसे बढ़ेगा झारखंड

झारखंड सरकार एक तरफ खिलाड़ियों को सशक्त करने की बात करती है. वहीं दूसरी तरफ राज्यस्तरीय खेलो झारखंड कार्यक्रम (Khelo Jharkhand Program) में सरकारी व्यवस्था की पोल खुल रही है. जहां खिलाड़ी जूठे बर्तन धोकर खाना खाने को मजबूर हैं (Players forced to wash plates). कुछ खिलाड़ियों के मना करने पर उन्हें कुछ और ही नसीहत दे दी गई. पढ़िए पूरी पोल खोलती रिपोर्ट.

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Published : Dec 15, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 5:32 PM IST

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रांची: झारखंड की ब्यूरोक्रेसी सीएम हेमंत सोरेन के सपनों पर पानी फेरने पर तुली हुई है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक तरफ मुख्यमंत्री झारखंड खेल नीति 2022 बनाकर खिलाड़ियों को सशक्त बनाना चाह रहे हैं. दूसरी तरफ यहां की ब्यूरोक्रेसी सिर्फ लीपापोती में जुटी हुई है. इस सवाल को समझने के लिए आपको रांची के खेलगांव में चल रहे राज्यस्तरीय खेलो झारखंड कार्यक्रम (Khelo Jharkhand Program) को देखना होगा. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की तरफ से दो फेज में राज्यस्तरीय खेलो झारखंड का आयोजन किया जा रहा है. खेलगांव में पूरे राज्य के अलग-अलग जिलों के 2000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे हैं. 15 दिसंबर को पहले फेज का शुभारंभ शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने किया लेकिन, उसी दिन व्यवस्था की पोल भी खुल गई.



ये भी पढ़ें: खेलो झारखंड प्रतियोगिता के तीन खिलाड़ी घायल, सीएम के निर्देश पर रिम्स पहुंचीं निदेशक

जूठे बर्तन धोकर खाना खा रहे हैं खिलाड़ी: आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्रतियोगिता के पहले दिन खिलाड़ियों को जब नाश्ते में पुड़ी और सब्जी परोसा जा रहा था, तब प्लेट कम पड़ गया. खिलाड़ी चिल्लाते रहे लेकिन कैटरर ने कोई व्यवस्था नहीं की. लाचार होकर भूख से तड़प रहे कई खिलाड़ी जूठे प्लेट धोकर पुड़ी और सब्जी के लिए जद्दोजहद करते दिखे (Players forced to wash plates). व्यवस्था ऐसी थी कि खिलाड़ियों को नाश्ते के लिए घंटो कतार में खड़ा रहना पड़ा. कई खिलाड़ियों को तो सिर्फ सब्जी नसीब हुई. कुछ खिलाड़ियों ने जूठा बर्तन धोने से मना कर दिया तो कैटरर के लोगों ने कहा कि बाहर से थर्मोकोल का प्लेट लेकर आना पड़ेगा. इसके अलावा वहां शौचालय तो हैं लेकिन सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. शौचालयों में बदबू फैली हुई है. इस बीच महिला खिलाड़ियों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है. सबसे खास बात है कि उद्घाटन समारोह होते ही आयोजन समिति के लोग भी नदारद हो गये.

राज्य स्तरीय खेलो कार्यक्रम का शिड्यूल: खेलगांव में इस प्रतियोगिता का पहला चरण 15 दिसंबर से 17 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान एथेलेटिक्स, हॉकी, कुश्ती और कराटे प्रेतियोगिता होगी. दूसरे चरण में 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबाल और तीरंदाजी प्रतियोगिता होगी. हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन बरियातु स्थित बालिका विद्यालय कैंपस में किया जा रहा है. एथेलेटिक्स प्रतिस्पर्धा में एक प्रतिभागी रिले के अतिरिक्त तीन व्यक्तिगत इवेंट में भाग ले सकते हैं. शिक्षा परियोजना परिषद की निदेशक के पत्र के मुताबिक सभी खिलाड़ियों को ठंड से बचाव की सामग्री लाने को कहा गया है. टीम गेम के प्रतिभागियं के साथ उनके ही स्कूल के एक शिक्षक या शिक्षिका का रहना आवश्यक है. अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और जिला के प्रभाग प्रभारी को भी अपने जिलों के प्रतिभागियों के साथ रहना अनिवार्य किया गया है. इसके बावजूद व्यवस्था चरमराई हुई है. सबसे खास बात है कि इस प्रतियोगिता का आयोजन 13 दिसंबर से शुरू होना था लेकिन, स्टेडियम नहीं मिलने के कारण 15 दिसंबर से शुरू किया गया. सबसे खास बात है कि सरकार की एक नेक कोशिश पर कालिख पोता जा रहा है. खिलाड़ी मुंह खोलने से कतरा रहे हैं.

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रांची: झारखंड की ब्यूरोक्रेसी सीएम हेमंत सोरेन के सपनों पर पानी फेरने पर तुली हुई है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक तरफ मुख्यमंत्री झारखंड खेल नीति 2022 बनाकर खिलाड़ियों को सशक्त बनाना चाह रहे हैं. दूसरी तरफ यहां की ब्यूरोक्रेसी सिर्फ लीपापोती में जुटी हुई है. इस सवाल को समझने के लिए आपको रांची के खेलगांव में चल रहे राज्यस्तरीय खेलो झारखंड कार्यक्रम (Khelo Jharkhand Program) को देखना होगा. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की तरफ से दो फेज में राज्यस्तरीय खेलो झारखंड का आयोजन किया जा रहा है. खेलगांव में पूरे राज्य के अलग-अलग जिलों के 2000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे हैं. 15 दिसंबर को पहले फेज का शुभारंभ शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने किया लेकिन, उसी दिन व्यवस्था की पोल भी खुल गई.



ये भी पढ़ें: खेलो झारखंड प्रतियोगिता के तीन खिलाड़ी घायल, सीएम के निर्देश पर रिम्स पहुंचीं निदेशक

जूठे बर्तन धोकर खाना खा रहे हैं खिलाड़ी: आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्रतियोगिता के पहले दिन खिलाड़ियों को जब नाश्ते में पुड़ी और सब्जी परोसा जा रहा था, तब प्लेट कम पड़ गया. खिलाड़ी चिल्लाते रहे लेकिन कैटरर ने कोई व्यवस्था नहीं की. लाचार होकर भूख से तड़प रहे कई खिलाड़ी जूठे प्लेट धोकर पुड़ी और सब्जी के लिए जद्दोजहद करते दिखे (Players forced to wash plates). व्यवस्था ऐसी थी कि खिलाड़ियों को नाश्ते के लिए घंटो कतार में खड़ा रहना पड़ा. कई खिलाड़ियों को तो सिर्फ सब्जी नसीब हुई. कुछ खिलाड़ियों ने जूठा बर्तन धोने से मना कर दिया तो कैटरर के लोगों ने कहा कि बाहर से थर्मोकोल का प्लेट लेकर आना पड़ेगा. इसके अलावा वहां शौचालय तो हैं लेकिन सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है. शौचालयों में बदबू फैली हुई है. इस बीच महिला खिलाड़ियों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है. सबसे खास बात है कि उद्घाटन समारोह होते ही आयोजन समिति के लोग भी नदारद हो गये.

राज्य स्तरीय खेलो कार्यक्रम का शिड्यूल: खेलगांव में इस प्रतियोगिता का पहला चरण 15 दिसंबर से 17 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान एथेलेटिक्स, हॉकी, कुश्ती और कराटे प्रेतियोगिता होगी. दूसरे चरण में 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबाल और तीरंदाजी प्रतियोगिता होगी. हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन बरियातु स्थित बालिका विद्यालय कैंपस में किया जा रहा है. एथेलेटिक्स प्रतिस्पर्धा में एक प्रतिभागी रिले के अतिरिक्त तीन व्यक्तिगत इवेंट में भाग ले सकते हैं. शिक्षा परियोजना परिषद की निदेशक के पत्र के मुताबिक सभी खिलाड़ियों को ठंड से बचाव की सामग्री लाने को कहा गया है. टीम गेम के प्रतिभागियं के साथ उनके ही स्कूल के एक शिक्षक या शिक्षिका का रहना आवश्यक है. अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और जिला के प्रभाग प्रभारी को भी अपने जिलों के प्रतिभागियों के साथ रहना अनिवार्य किया गया है. इसके बावजूद व्यवस्था चरमराई हुई है. सबसे खास बात है कि इस प्रतियोगिता का आयोजन 13 दिसंबर से शुरू होना था लेकिन, स्टेडियम नहीं मिलने के कारण 15 दिसंबर से शुरू किया गया. सबसे खास बात है कि सरकार की एक नेक कोशिश पर कालिख पोता जा रहा है. खिलाड़ी मुंह खोलने से कतरा रहे हैं.

Last Updated : Dec 15, 2022, 5:32 PM IST
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