रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना के चलते अदालतों में न्यायिक मामलों की सुनवाई ऑनलाइन प्रक्रिया से हो रही थी, अब 10 माह बाद राज्य में फिजिकल कोर्ट शुरू हो गईं हैं. हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए अदालतों में फिजिकल कोर्ट सुनवाई शुरू करा दी गई है. इसको लेकर अधिवक्ता काफी समय से मांग कर रहे थे. इससे अधिवक्ताओं में खुशी का माहौल है. हालांकि अधिवक्ताओं को कोरोना को लेकर हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा.
रांची में 10 कोर्ट में फिजिकल सुनवाई
जानकारी के मुताबिक, जिन जिलों में कोरोना संक्रमण कम है, वहां फिजिकल कोर्ट की संख्या ज्यादा रखी गई है. वहीं जिन जिलों में कोरोनावायरस का असर ज्यादा है वहां पर फिजिकल कोर्ट की संख्या कम रकी गई है. फिलहाल रांची व्यवहार न्यायालय के 10 कोर्ट में फिजिकल सुनवाई होगी. इसको लेकर तमाम तरह की तैयारी की गईं हैं. अधिवक्ताओं को हैंड सेनेटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद कोर्ट में प्रवेश मिलेगा.
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रांची की अदालत में 12 हजार मामले लंबित
महामारी के संक्रमण के मद्देनजर झारखंड हाई कोर्ट समेत सभी जिला अदालतों में न्यायिक कार्य वर्चुअल व्यवस्था से चल रहे थे, जहां केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो रही थी. इससे अधिवक्ताओं का कामकाज प्रभावित था. वहीं लंबित मामलों के आंकड़े दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे थे. 10 महीने में रांची व्यवहार न्यायालय में लगभग 12000 मामले लंबित हो चुके हैं. फिलहाल फिजिकल कोर्ट शुरू होने से लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी आएगी.
इस मामले में पहले दिन हुई सुनवाई
इधर मंगलवार को एक फिजिकल कोर्ट में सुनवाई के दौरान डबल मर्डर के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी की कुर्की जब्ती किए गए सामान को रिलीज करने के मामले पर अधिवक्ता अनंत वीज ने JC 7 विशाल श्रीवास्तव के अदालत में पक्ष रखा.