रांची: राजधानी के बड़ा तालाब सहित राज्य के अन्य तालाबों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. तालाबों का जलाशय आए दिन प्रदूषित होते जा रहे हैं. तालाब को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरएमसी को 2 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि राज्य में तालाब को बचाने उसे प्रदूषण मुक्त करने की क्या योजनाएं हैं?
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रांची के बड़ा तालाब सहित राज्य के सभी तालाबों को प्रदूषण मुक्त करने और उसे बचाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सरकार की ओर से बताया गया कि साफ-सफाई का काम चल रहा है. कोविड-19 के कारण जवाब कल फाइल किया गया है. वहीं आरएमसी की ओर से अदालत को बताया गया कि कोविड-19 के कारण जवाब नहीं पेश किया जा सका, इसलिए उन्होंने अदालत से जवाब पेश करने के लिए 2 सप्ताह के समय का आग्रह किया है. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए 2 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. आरएमसी के जवाब आने के बाद मामले की अगली सुनवाई होगी.
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बता दें कि राजधानी रांची के बड़ा तालाब आए दिन प्रदूषित होते जा रहे हैं. उसके अस्तित्व पर खतरा बढ़ते जा रहा है. इसे बचाने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर अदालत में सुनवाई के बाद रांची नगर निगम को जवाब पेश करने को कहा है.