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कृषि सचिव पूजा सिंघल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर - 2010 में मनरेगा घोटाला

कृषि सचिव पूजा सिंघल के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका अरुण कुमार दूबे की ओर से दायर की गई है.

झारखंड हाईकोर्ट.
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Published : Sep 5, 2019, 3:41 AM IST

Updated : Sep 5, 2019, 5:08 AM IST

रांची: वर्तमान कृषि सचिव और सह तत्कालीन चतरा डीसी पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, पूजा सिंघल के खिलाफ हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. मामला साल 2010 में खूंटी में मनरेगा के तहत 16 करोड़ के गबन का है.

इस बारे में अधिवक्ता राजीव कुमार का कहना है कि मामले में जिला अभियंता राम विनोद सिन्हा नामजद आरोपी हैं और पूरे केस में कुल 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इस मामले पर अभियंता राम विनोद सिन्हा के खिलाफ ईडी की जांच चल रही है. याचिकाकर्ता अरुण कुमार ने इस बात को आधार बनाते हुए पीआईएल दर्ज की है कि मनरेगा एक्ट में यह प्रावधान है कि जिला अधिकारी ही प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर होते हैं, जिनकी पूरी जिम्मेदारी होती है.

झारखंड हाईकोर्ट.

इसमें 16 करोड़ का घोटाला हुआ तो आरोपी अभियंता को पैसा सैंक्शन करने वाले पदाधिकारी पर भी जांच होनी चाहिए, लेकिन इसकी जांच ईडी द्वारा शुरू करने के बाद भी किसी भी पदाधिकारी पर कोई जांच नहीं हुई. बता दें कि पूजा सिंघल उस समय चतरा, खूंटी और पलामू में डिप्टी कमिशनर थी.जब वह खूंटी में थी तब उन्होंने ही अभियंता को 26 करोड़ रुपये सैंक्शन किए थे..

रांची: वर्तमान कृषि सचिव और सह तत्कालीन चतरा डीसी पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, पूजा सिंघल के खिलाफ हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. मामला साल 2010 में खूंटी में मनरेगा के तहत 16 करोड़ के गबन का है.

इस बारे में अधिवक्ता राजीव कुमार का कहना है कि मामले में जिला अभियंता राम विनोद सिन्हा नामजद आरोपी हैं और पूरे केस में कुल 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इस मामले पर अभियंता राम विनोद सिन्हा के खिलाफ ईडी की जांच चल रही है. याचिकाकर्ता अरुण कुमार ने इस बात को आधार बनाते हुए पीआईएल दर्ज की है कि मनरेगा एक्ट में यह प्रावधान है कि जिला अधिकारी ही प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर होते हैं, जिनकी पूरी जिम्मेदारी होती है.

झारखंड हाईकोर्ट.

इसमें 16 करोड़ का घोटाला हुआ तो आरोपी अभियंता को पैसा सैंक्शन करने वाले पदाधिकारी पर भी जांच होनी चाहिए, लेकिन इसकी जांच ईडी द्वारा शुरू करने के बाद भी किसी भी पदाधिकारी पर कोई जांच नहीं हुई. बता दें कि पूजा सिंघल उस समय चतरा, खूंटी और पलामू में डिप्टी कमिशनर थी.जब वह खूंटी में थी तब उन्होंने ही अभियंता को 26 करोड़ रुपये सैंक्शन किए थे..

Intro:रांची

बाइट---राजीव कुमार,अधिवक्ता

वर्तमान कृषि सचिव सह तत्कालीन चतरा डीसी पूजा सिंघल की मुश्किल बढ़ सकती हैं।दरअसल पूजा सिंघल के खिलाफ हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। मामला साल 2010 में मनरेगा के तहत 16 करोड़ के गबन का है। इस मामले में जिला अभियंता राम विनोद सिन्हा नामजद आरोपी हैं और पूरे केस में कुल 16 क्रिमिनल केस दर्ज किए गए हैं। इस मामले पर अभियंता राम विनोद सिन्हा के खिलाफ ईडी की जांच चल रही। Body:याचिकाकर्ता ने इस बात को आधार बनाते हुए पीआईएल दर्ज किया है कि मनरेगा एक्ट में यह प्रावधान है कि जिला अधिकारी ही प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर होते हैं जिनकी ड्यूटी है काम को देखना है ।लेकिन इसकी जांच ईडी द्वारा शुरू करने के बाद भी किसी भी पदाधिकारी पर कोई जांच नहीं हुई। पीआईएल में इस बात का जिक्र है कि जब मनरेगा के लिए 26 करोड़ का सैंक्शन किया गया तो और उसमें 16 करोड़ का घोटाला हुआ तो आरोपी अभियंता के साथ पैसा सैंक्शन करने वाले पदाधिकारी पर भी जांच होनी चाहिए।
Conclusion:
Last Updated : Sep 5, 2019, 5:08 AM IST
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