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झारखंड में गहराया बिजली संकट, लगातार लोड शेडिंग से लौटा लालटेन युग

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Published : Apr 29, 2022, 1:12 PM IST

Updated : Apr 29, 2022, 2:25 PM IST

झारखंड में बिजली की किल्लत से लोग लालटेन युग में रहने को विवश हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन 5 से 6 घंटे बिजली काटी जा रही है. लगातार पावर कट से परेशान लोगों ने बिजली की व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग की है.

रांची: वैसे तो बिजली की किल्लत देशभर में देखी जा रही है. मगर झारखंड में कुछ ज्यादा ही इसका असर देखा जा रहा है. शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन 5 से 6 घंटे बिजली काटी जा रही है. एसएलडीसी द्वारा गुरुवार यानी 28 अप्रैल को सुबह 09 बजे जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य भर में 175 मेगावाट लोड शेडिंग किया गया.

ये भी पढ़ें:- झारखंड में बिजली संकट पर चिंतित सीएम हेमंत, बिजली खरीद के लिए विभाग को उपलब्ध कराई अतिरिक्त राशि

लालटेन युग में रहने को विवश: लगातार पावर कट से झारखंड के लोग लालटेन युग में रहने को विवश हैं. पिछले एक सप्ताह से जारी बिजली की किल्लत ने लोगों को खासा परेशान कर रखा है. मांग के अनुरूप विद्युत उत्पादन नहीं होने की वजह से पूरे झारखंड में बिजली की किल्लत देखी जा रही है. शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन 5 से 6 घंटे बिजली काटी जा रही है.

देखें पूरी खबर

झारखंड को बिजली की आपूर्ति: झारखंड में बिजली की उपलब्धता की बात करें तो एसएलडीसी को TTPS से 321 मेगावाट, CPP से 11 मेगावाट, इनलैंड पावर से 54 मेगावाट मिला इस तरह से JUVNL को कुल 386 मेगावाट प्राप्त हुए. इसके अलावे सेट्रल से 612 मेगावाट, APNRL से 183 मेगावाट मिला है.रिपोर्ट के अनुसार 1292 मेगावाट डिमांड को पूरा किया गया. इसी तरह बिजली की किल्लत को देखते हुए नामकुम फीडर में गुरुवार को डिमांड से 10-15 मेगावाट कम बिजली की आपूर्ति की गई. यहां औसतन प्रतिदिन 100 मेगावाट का डिमांड रहता है. इसी तरह कांके फीडर में भी कटौती की गई यहां महज 60 मेगावाट ही बिजली की आपूर्ति की गई. सबसे बड़ा फीडर हटिया का भी वही हाल रहा. यहां भी करीब 150 मेगावाट के बदले करीब 120 मेगावाट ही बिजली दी गई.

ये भी पढ़ें:- बिजली उत्पादन में कमी ने सरकार की बढ़ाई चिंता, जनता की परेशानी पर विपक्ष उठा रहा सवाल

गर्मी में बढ़ा डिमांड: इस साल भीषण गर्मी के कारण झारखंड में बिजली की डिमांड में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 21 जुलाई 2021 को देशभर में सर्वाधिक बिजली की डिमांड थी जो 2 लाख मेगावाट के करीब था. इस वर्ष यह रेकॉर्ड 26 अप्रैल को ही टूट गया और इस दिन 2 लाख एक हजार मेगावाट बिजली की मांग बनी रही. मांग के अनुरूप झारखंड में बिजली उत्पादन करने के लिए कोयला की आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दिया गया है जिससे बिजली की किल्लत को दूर किया जा सके.

बिजली आपूर्ति सामान्य करने की कोशिश: सीएम हेमंत सोरेन की पहल पर झारखंड में बिजली आपूर्ति सामान्य करने की कोशिश की जा रही है. डीवीसी से 150 मेगावाट अतिरिक्त बिजली देने की अपील की गई है जो फिलहाल गुरुवार तक प्राप्त नहीं हुआ है. मगर सुखद बात यह है कि इनर्जी एक्सचेंज से राज्य को 150 मेगावाट बिजली गुरुवार को जरूर मिला है. इसके अलावे आधुनिक पावर के एक और प्लांट चालू होने से 90 मेगावाट अतिरिक्त बिजली गुरुवार को प्राप्त हुआ. आधुनिक पावर से इससे पूर्व 90 मेगावाट मिलता था.इस तरह से गुरुवार दोपहर में आधुनिक से एसएलडीसी को 180 मेगावाट मिले हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार लोड शेडिंग फिलहाल स्थिति सामान्य होने तक जारी रहेगा.

ये भी पढे़ं:- कोयले की कमी से झारखंड में बिजली आपूर्ति पर नहीं पड़ेगा असर, खपत में 20 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी

बिजली कटौती से लोग परेशान: एक तरफ बेतहासा गर्मी और उसपर से बिजली की लोड शेडिंग ने लोगों को खासा परेशान कर रखा है. हालत यह है कि राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में 5 से 6 घंटे तक बिजली कटी रहती है. बिजली की आंखमिचौली से लोग जहां परेशान हैं वहीं व्यवसायी वर्ग को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दुकानदारों की मानें तो वेट मशीन का बैट्री डिस्चार्ज होने से केवल पैकेट की चीजों को बेचना मजबूरी बन गई है. दुकानदारों का कहना है सरकार समस्या को लेकर गंभीर नहीं है इसलिए यहां के ये हाल है. दुकानदारों ने सरकार से जल्द से जल्द बिजली की व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग की है.

रांची: वैसे तो बिजली की किल्लत देशभर में देखी जा रही है. मगर झारखंड में कुछ ज्यादा ही इसका असर देखा जा रहा है. शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन 5 से 6 घंटे बिजली काटी जा रही है. एसएलडीसी द्वारा गुरुवार यानी 28 अप्रैल को सुबह 09 बजे जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य भर में 175 मेगावाट लोड शेडिंग किया गया.

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लालटेन युग में रहने को विवश: लगातार पावर कट से झारखंड के लोग लालटेन युग में रहने को विवश हैं. पिछले एक सप्ताह से जारी बिजली की किल्लत ने लोगों को खासा परेशान कर रखा है. मांग के अनुरूप विद्युत उत्पादन नहीं होने की वजह से पूरे झारखंड में बिजली की किल्लत देखी जा रही है. शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन 5 से 6 घंटे बिजली काटी जा रही है.

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झारखंड को बिजली की आपूर्ति: झारखंड में बिजली की उपलब्धता की बात करें तो एसएलडीसी को TTPS से 321 मेगावाट, CPP से 11 मेगावाट, इनलैंड पावर से 54 मेगावाट मिला इस तरह से JUVNL को कुल 386 मेगावाट प्राप्त हुए. इसके अलावे सेट्रल से 612 मेगावाट, APNRL से 183 मेगावाट मिला है.रिपोर्ट के अनुसार 1292 मेगावाट डिमांड को पूरा किया गया. इसी तरह बिजली की किल्लत को देखते हुए नामकुम फीडर में गुरुवार को डिमांड से 10-15 मेगावाट कम बिजली की आपूर्ति की गई. यहां औसतन प्रतिदिन 100 मेगावाट का डिमांड रहता है. इसी तरह कांके फीडर में भी कटौती की गई यहां महज 60 मेगावाट ही बिजली की आपूर्ति की गई. सबसे बड़ा फीडर हटिया का भी वही हाल रहा. यहां भी करीब 150 मेगावाट के बदले करीब 120 मेगावाट ही बिजली दी गई.

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गर्मी में बढ़ा डिमांड: इस साल भीषण गर्मी के कारण झारखंड में बिजली की डिमांड में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 21 जुलाई 2021 को देशभर में सर्वाधिक बिजली की डिमांड थी जो 2 लाख मेगावाट के करीब था. इस वर्ष यह रेकॉर्ड 26 अप्रैल को ही टूट गया और इस दिन 2 लाख एक हजार मेगावाट बिजली की मांग बनी रही. मांग के अनुरूप झारखंड में बिजली उत्पादन करने के लिए कोयला की आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दिया गया है जिससे बिजली की किल्लत को दूर किया जा सके.

बिजली आपूर्ति सामान्य करने की कोशिश: सीएम हेमंत सोरेन की पहल पर झारखंड में बिजली आपूर्ति सामान्य करने की कोशिश की जा रही है. डीवीसी से 150 मेगावाट अतिरिक्त बिजली देने की अपील की गई है जो फिलहाल गुरुवार तक प्राप्त नहीं हुआ है. मगर सुखद बात यह है कि इनर्जी एक्सचेंज से राज्य को 150 मेगावाट बिजली गुरुवार को जरूर मिला है. इसके अलावे आधुनिक पावर के एक और प्लांट चालू होने से 90 मेगावाट अतिरिक्त बिजली गुरुवार को प्राप्त हुआ. आधुनिक पावर से इससे पूर्व 90 मेगावाट मिलता था.इस तरह से गुरुवार दोपहर में आधुनिक से एसएलडीसी को 180 मेगावाट मिले हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार लोड शेडिंग फिलहाल स्थिति सामान्य होने तक जारी रहेगा.

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बिजली कटौती से लोग परेशान: एक तरफ बेतहासा गर्मी और उसपर से बिजली की लोड शेडिंग ने लोगों को खासा परेशान कर रखा है. हालत यह है कि राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में 5 से 6 घंटे तक बिजली कटी रहती है. बिजली की आंखमिचौली से लोग जहां परेशान हैं वहीं व्यवसायी वर्ग को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दुकानदारों की मानें तो वेट मशीन का बैट्री डिस्चार्ज होने से केवल पैकेट की चीजों को बेचना मजबूरी बन गई है. दुकानदारों का कहना है सरकार समस्या को लेकर गंभीर नहीं है इसलिए यहां के ये हाल है. दुकानदारों ने सरकार से जल्द से जल्द बिजली की व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग की है.

Last Updated : Apr 29, 2022, 2:25 PM IST
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