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रांचीः मुआवजे की मांग को लेकर लोगों ने किया NH33 के निर्माण का विरोध, जमीन मालिकों में नाराजगी - एनएचएआई

रांची के बुंडू क्षेत्र में मुआवजा नहीं मिलने से असंतुष्ट जमीन मालिकों ने NH 33 सड़क निर्माण का विरोध जताया है. विरोध करते समय एक जमीन मालिक घायल हो गया. घटनास्थल पर एसडीओ ने पहुंचकर दोबार निर्माण कार्य शुरू कराया.

लोगों ने कि किया NH 33 सड़क निर्माण का विरोध
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Published : Aug 22, 2019, 2:33 PM IST

रांचीः मुआवजा नहीं मिलने से असंतुष्ट जमीन मालिकों ने बुंडू में रांची-टाटा फोरलेन काम को रोकने का प्रयास किया. इस दौरान एक जमीन मालिक भी घायल हो गया. सूचना मिलने के बाद बुंडू एसडीओ सरोज तिर्की घटनास्थल पर पहुंचे और मामले को शांत कराया.

देखें पूरी खबर


एसडीओ के साथ डीएसपी अशोक प्रियदर्शी, थाना प्रभारी राजकुमार यादव, सीओ राजीव कुमार और बीडीओ कुमार नरेंद्र नारायण सशस्त्र बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और फोरलेन निर्माण के कार्य को दोबारा शुरू कराया.

ये भी पढ़ें- 40 साल बाद पूरा होगा गिरिडीह के लोगों का सपना, 28 अगस्त को कोनार नहर का CM करेंगे उद्घाटन

आंदोलनकारी भू-स्वामियों ने आरोप लगाया कि साल 2016 में भू-अर्जन विभाग द्वारा नोटिस भेजकर उनकी जमीन फोरलेन के लिए अधिगृहित कर ली गई, लेकिन, मुआवजा अबतक नहीं मिला. इनकी मांग है कि या तो उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिले या फिर उनकी जमीन वापस लौटाई जाए.


प्रोजेक्ट मैनेजर सुकांतो घोष ने कहा कि फोरलेन के लिए वर्तमान रोड के दोनों ओर 45-45 मीटर जमीन एनएचएआई की है और कार्य इसी के अंदर किया जा रहा है. मुआवजा और जमीन वापसी के निर्णय का अधिकार भू-अर्जन विभाग का है. वहीं दूसरी ओर भूअर्जन विभाग के अमीन जमील अख्तर ने कहा कि उक्त जमीन मालिकों को पूर्व में नोटिस तो भेजा गया था, लेकिन बाद में उनकी जमीन अधिग्रहित नहीं करने का निर्णय लिया गया था. यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि उनकी जमीन 45 मीटर के अंदर नहीं आए थे. उन्होंने कहा कि भूस्वामियों के अनुरोध करने पर पुनः डीनोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.

रांचीः मुआवजा नहीं मिलने से असंतुष्ट जमीन मालिकों ने बुंडू में रांची-टाटा फोरलेन काम को रोकने का प्रयास किया. इस दौरान एक जमीन मालिक भी घायल हो गया. सूचना मिलने के बाद बुंडू एसडीओ सरोज तिर्की घटनास्थल पर पहुंचे और मामले को शांत कराया.

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एसडीओ के साथ डीएसपी अशोक प्रियदर्शी, थाना प्रभारी राजकुमार यादव, सीओ राजीव कुमार और बीडीओ कुमार नरेंद्र नारायण सशस्त्र बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और फोरलेन निर्माण के कार्य को दोबारा शुरू कराया.

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आंदोलनकारी भू-स्वामियों ने आरोप लगाया कि साल 2016 में भू-अर्जन विभाग द्वारा नोटिस भेजकर उनकी जमीन फोरलेन के लिए अधिगृहित कर ली गई, लेकिन, मुआवजा अबतक नहीं मिला. इनकी मांग है कि या तो उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिले या फिर उनकी जमीन वापस लौटाई जाए.


प्रोजेक्ट मैनेजर सुकांतो घोष ने कहा कि फोरलेन के लिए वर्तमान रोड के दोनों ओर 45-45 मीटर जमीन एनएचएआई की है और कार्य इसी के अंदर किया जा रहा है. मुआवजा और जमीन वापसी के निर्णय का अधिकार भू-अर्जन विभाग का है. वहीं दूसरी ओर भूअर्जन विभाग के अमीन जमील अख्तर ने कहा कि उक्त जमीन मालिकों को पूर्व में नोटिस तो भेजा गया था, लेकिन बाद में उनकी जमीन अधिग्रहित नहीं करने का निर्णय लिया गया था. यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि उनकी जमीन 45 मीटर के अंदर नहीं आए थे. उन्होंने कहा कि भूस्वामियों के अनुरोध करने पर पुनः डीनोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.

Intro:रिपोर्टर - जितेन सार
क्षेत्र - बूण्डु
स्लग - NH 33 सड़क निर्माण का विरोध

एंकर - मुआवजा नहीं मिलने से असंतुष्ट जमीन मालिकों ने बुंडू में रांची-टाटा फोरलेन काम को रोकने का किया प्रयास, एक जमीन मालिक घायल। रांची-टाटा फोरलेन में जमीन देने वाले एक दर्जन से अधिक भू-स्वामियों ने बुंडू के डबरादाह के निकट फोरलेन निर्माण कार्य रोकने का प्रयास किया। सूचना पाकर मौके पर बुंडू एसडीओ सरोज तिर्की पहुंची।
डीएसपी अशोक प्रियदर्शी, थाना प्रभारी राजकुमार यादव, सीओ राजीव कुमार, बीडीओ कुमार नरेन्द्र नारायण सशस्त्र बल के साथ घटना स्थल पहुंचे और फोरलेन निर्माण का कार्य पुनः आरंभ कराया। इस क्रम में एक भू-स्वामी संजय यादव घायल भी हो गए। संजय के अनुसार उनके सर पर किसी ने पत्थर मार दी थी। संजय यादव का इलाज बुंडू अनुमंडलीय अस्पताल में किया गया।

आंदोलनकारी भू-स्वामियों संजय यादव, श्रवण कुमार प्रमाणिक, जगपति शर्मा, नंदकिशोर प्रजापति, कर्पूरी प्रमाणिक, सुखदेव प्रमाणिक, विजय रंजन शर्मा, पूर्णचन्द्र महतो, गोविंद महतो, मंसु मुंडा, लोहरा कुम्हार, पद्रुमन कुम्हर आदि ने आरोप लगाया कि वर्ष 2016 में भू-अर्जन विभाग द्वारा नोटिस भेजकर उनकी जमीन फोरलेन के लिए अधिगृहित कर लिया गया लेकिन मुआवजा अबतक नहीं मिला। उनकी मांग है कि या तो उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिले अथवा उनकी जमीन वापस लौटाई जाए। प्रोजेक्ट मैनेजर सुकान्तो घोष ने कहा कि फोरलेन के लिए वर्तमान रोड के दोनों ओर 45-45 मीटर जमीन एनएचएआई की है और कार्य इसी के अंदर किया जा रहा है। मुआवजा अथवा जमीन वापसी का निर्णय का अधिकार भू-अर्जन विभाग का है। भूअर्जन विभाग के अमीन जमील अख्तर ने कहा कि उक्त जमीन मालिकों को पूर्व में नोटिस तो भेजा गया था लेकिन बाद में उनकी जमीन अधिग्रहित नहीं करने का निर्णय लिया गया था, क्योंकि उनकी जमीन 45 मीटर के अन्दर नहीं आता। उन्होंने कहा कि भूस्वामियों के अनुरोध करने पर पुनः डीनोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।

बाईट - सुकान्तो घोष - प्रोजेक्ट मैनेजर
बाईट - जमील अख्तर - आमीन भू -अर्जन
बाईट - सरोज तिर्की - एस डी ओ बूण्डुBody:नोConclusion:नो
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