रांचीः विधानसभा सत्र शुरू होते ही बिरसा चौक के निकट कई संगठनों के प्रदर्शन का दौर शुरू होता है. तो वहीं, क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए यह आफत बन जाती है. लोगों को जान हथेली में डाल कर पटरी पार करना पड़ता है. लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है. जिससे किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना घट सकती है. वहीं, मोटरसाइकिल पार कराने के एवज में स्थानीय युवकों द्वारा पैसों की उगाही भी की जाती है.
गाड़ी पार कराने के एवज में पैसों का खेल
रांची के सेटेलाइट चौक स्थित रेलवे पटरी के पास रोजाना पैसों का खेल होता है. बता दें कि बिरसा चौक पर दो गेट लगे हुए हैं. सुरक्षा की दृष्टिकोण से इन दोनों गेटों को बंद कर दिया जाता है. उसके बाद शुरू होता है असली खेल. बिरसा चौक, हटिया और धुर्वा क्षेत्र के लोगों की परेशानियां इससे बढ़ जाती है. लोगों को या तो डोरंडा होकर मेन रोड, हरमू तक आना पड़ता है या फिर जान हथेली में रखकर रेलवे पटरी पार करना पड़ता है. इसमें बाइक, साइकिल सवार के अलावा स्कूली बच्चे भी शामिल हैं. इस दौरान पटरी किनारे रहने वाले बेरोजगार युवाओं के लिए यह रोजगार का एक जरिया बन जाता है.
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एक मोटरसाइकिल को पटरी के उस पार करवाने के एवज में लोग 10 से 20 रुपए की उगाही कर रहे हैं. दिन भर में इससे इनकी आमदनी 15 सौ से 2 हजार तक हो जाती है. लोग इस परेशानी से हर बार सत्र के दौरान दो-चार होते हैं. काफी बिजी रूट होने की वजह से इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही भी लगातार देखी जा सकती है.
बता दें कि इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना घटना घट सकती है. फिर भी इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं है. हर बार विधानसभा सत्र की शुरुआत होती है और हर बार यह खेल चलता रहता है.
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