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खून के आंसू रुला रहीं प्याज की आसमान छूती कीमतें, जल्द पहुंच सकती हैं 100 के पार

प्याज की आसमान छूती कीमत लोगों को रोने पर मजबूर कर रहीं हैं. इस प्याज ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है. चार दिन पहले 35 से 40 रुपए किलो बिकने वाला प्याज अब 60 के पार पहुंच गया है. हालात ऐसे हैं कि लोगों ने प्याज का इस्तेमाल भी कम कर दिया है. रोज दो किलो खरीदने वाले अब सिर्फ आधा किलो में ही काम चला रहे हैं.

rising price of onion rapidly in jharkhand
रांची में प्याज की बढ़ी कीमतें.
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Published : Feb 22, 2021, 8:08 PM IST

Updated : Feb 22, 2021, 10:21 PM IST

रांची:...जरा अदब से नाम लीजिए साहब...मैं प्याज बोल रहा हूं. लौकी, भिंडी, परवल, गोभी, टमाटर से ऊपर हैसियत है हमारी. पेट्रोल-डीजल की तरह शतक तो नहीं मारा लेकिन पहले कई बार सेंचुरी लगा चुका हूं. वह दिन दूर नहीं जब आप मुझे एक बार फिर सेंचुरी का बल्ला उठाते देखेंगे. प्याज की अगर जुबान होती तो यह आप जरूर सुनते. एक बार नहीं साल में कई बार सुनते. सचमुच प्याज की बढ़ती कीमत लोगों के आंसू निकाल रहे हैं. क्या अमीर-क्या गरीब. इस प्याज ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है. चार दिन पहले 35 से 40 रुपए बिकने वाला प्याज अब 60 के पार पहुंच गया है. हालात ऐसे हैं कि लोगों ने प्याज का इस्तेमाल भी कम कर दिया है. रोज दो किलो खरीदने वाले अब सिर्फ आधा किलो में ही काम चला रहे हैं.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: स्पेशलः राजनीति की भेंट चढ़ी सीकर की प्याज मंडी, गहलोत के बजट 2021 से किसानों में जगी आस

तीन गुना बढ़ गई प्याज की कीमत

खरीदार बताते हैं कि प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से सब्जी का स्वाद खत्म होता जा रहा है. पिछले एक महीने में प्याज की कीमत तीन गुना बढ़ गई है. प्याज की आसमान छूती कीमतों का जेब पर भारी असर पड़ रहा है. हालात ऐसे हैं कि लोगों ने प्याज का इस्तेमाल भी कम कर दिया है. रोज दो किलो खरीदने वाले अब सिर्फ आधा किलो में ही काम चला रहे हैं.

पेट्रोल-डीजल की वजह से कीमतों में उछाल

प्याज के खुदरा विक्रेता बताते हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि और बाहर की मंडी से प्याज कम आने के कारण प्याज की कीमतों में उछाल आई है. दूसरा कारण यह भी है कि बड़े-बड़े व्यापारी गोडाउन में प्याज को स्टॉक कर रहे हैं और खुदरा प्याज बाजार में नहीं निकाल रहे हैं. इससे कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है. रोज 3-4 किलो प्याज लेने वाले अब आधा या एक किलो ही खरीद रहे हैं. प्याज बेचने वालों का कहना है कि प्याज से मुनाफा नहीं हो रहा है. सिर्फ लागत ही निकल पा रही है.

दोगुना हो गया ट्रांसपोर्टिंग चार्ज

पंडरा बाजार समिति के आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष रामलखन साहू ने बताया कि इस बार प्याज की खेती बहुत अच्छी हुई है लेकिन कई बार हुई बारिश की वजह से मंडियों में प्याज का आयात कम हो गया. इसी वजह से प्याज के भाव बढ़ते जा रहे हैं. पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण ट्रांसपोर्टिंग चार्ज में काफी वृद्धि हुई है. पहले के मुकाबले अब दोगुने पैसे देने पड़ते हैं. झारखंड में प्याज की खेती न के बराबर होती है. यही कारण है कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से प्याज आयात करना पड़ता है. लोकल प्याज मार्केट में जब आएगा तो प्याज की कीमत कम हो जाएगी.

रांची:...जरा अदब से नाम लीजिए साहब...मैं प्याज बोल रहा हूं. लौकी, भिंडी, परवल, गोभी, टमाटर से ऊपर हैसियत है हमारी. पेट्रोल-डीजल की तरह शतक तो नहीं मारा लेकिन पहले कई बार सेंचुरी लगा चुका हूं. वह दिन दूर नहीं जब आप मुझे एक बार फिर सेंचुरी का बल्ला उठाते देखेंगे. प्याज की अगर जुबान होती तो यह आप जरूर सुनते. एक बार नहीं साल में कई बार सुनते. सचमुच प्याज की बढ़ती कीमत लोगों के आंसू निकाल रहे हैं. क्या अमीर-क्या गरीब. इस प्याज ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है. चार दिन पहले 35 से 40 रुपए बिकने वाला प्याज अब 60 के पार पहुंच गया है. हालात ऐसे हैं कि लोगों ने प्याज का इस्तेमाल भी कम कर दिया है. रोज दो किलो खरीदने वाले अब सिर्फ आधा किलो में ही काम चला रहे हैं.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

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तीन गुना बढ़ गई प्याज की कीमत

खरीदार बताते हैं कि प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से सब्जी का स्वाद खत्म होता जा रहा है. पिछले एक महीने में प्याज की कीमत तीन गुना बढ़ गई है. प्याज की आसमान छूती कीमतों का जेब पर भारी असर पड़ रहा है. हालात ऐसे हैं कि लोगों ने प्याज का इस्तेमाल भी कम कर दिया है. रोज दो किलो खरीदने वाले अब सिर्फ आधा किलो में ही काम चला रहे हैं.

पेट्रोल-डीजल की वजह से कीमतों में उछाल

प्याज के खुदरा विक्रेता बताते हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि और बाहर की मंडी से प्याज कम आने के कारण प्याज की कीमतों में उछाल आई है. दूसरा कारण यह भी है कि बड़े-बड़े व्यापारी गोडाउन में प्याज को स्टॉक कर रहे हैं और खुदरा प्याज बाजार में नहीं निकाल रहे हैं. इससे कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है. रोज 3-4 किलो प्याज लेने वाले अब आधा या एक किलो ही खरीद रहे हैं. प्याज बेचने वालों का कहना है कि प्याज से मुनाफा नहीं हो रहा है. सिर्फ लागत ही निकल पा रही है.

दोगुना हो गया ट्रांसपोर्टिंग चार्ज

पंडरा बाजार समिति के आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष रामलखन साहू ने बताया कि इस बार प्याज की खेती बहुत अच्छी हुई है लेकिन कई बार हुई बारिश की वजह से मंडियों में प्याज का आयात कम हो गया. इसी वजह से प्याज के भाव बढ़ते जा रहे हैं. पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण ट्रांसपोर्टिंग चार्ज में काफी वृद्धि हुई है. पहले के मुकाबले अब दोगुने पैसे देने पड़ते हैं. झारखंड में प्याज की खेती न के बराबर होती है. यही कारण है कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से प्याज आयात करना पड़ता है. लोकल प्याज मार्केट में जब आएगा तो प्याज की कीमत कम हो जाएगी.

Last Updated : Feb 22, 2021, 10:21 PM IST

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