रांची: स्कूली साक्षरता विभाग की ओर से एक योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए विषय वार छात्र-छात्राओं का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा और इसके जरिए पठन-पाठन सुचारू की जाएगी. छठी से बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं का यह व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया जा रहा है. विद्यार्थी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए अपने क्लास टीचर से सीधे प्रश्नोत्तर कर सकते हैं.
इस योजना के तहत एंड्राइड मोबाइल फोन सेट से वंचित विद्यार्थियों के लिए भी एक व्यवस्था की गई है, जिनके पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है. डिजिटल कांटेक्ट उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वैसे विद्यार्थी अपने क्लास के दूसरे छात्रों के माध्यम से या फिर स्कूल के ड्रॉप बॉक्स में प्रश्नों को डालकर शिक्षकों से उत्तर प्राप्त करेंगे. विषय बार व्हाट्सएप ग्रुप बनाने से विद्यार्थियों को फायदा होगा. फिलहाल, हर क्लास का एक-एक व्हाट्सएप ग्रुप है और एक ही व्हाट्सएप ग्रुप में विभिन्न विषयों का प्रश्नोत्तर डाले जाने से विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है. इस परेशानी को दूर करने के लिए ही विभाग ने योजना बनाई है. राज्य परियोजना परिषद के निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने इसे लेकर निर्देश भी जारी किया है.
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आरयू में इंजीनियरिंग की परीक्षाएं शुरू. गुरुवार से रांची विश्वविद्यालय के सीआईटी टाटीसिल्वे और आरटीसी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बीटेक के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई. कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए परीक्षाएं ली जा रही है. इस परीक्षा में सभी परीक्षार्थियों की उपस्थिति शत प्रतिशत रही. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए तमाम परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों को बैठाया गया. परीक्षा हॉल में प्रवेश करने के लिए विद्यार्थियों को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया था. सिनेट सदस्य अटल पांडे ने दर्ज कराई आपत्ति. इधर तृतीय और चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार विश्वविद्यालयों से छीन कर जेएसएससी को दिए जाने के कारण रांची विश्वविद्यालय के सिनेट सदस्य अटल पांडे ने आपत्ति दर्ज कराई है .उन्होंने कुलाधिपति राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से गुहार लगाते हुए एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि इन दोनों वर्गों में कर्मचारियों की नियुक्ति का आदेश सरकार के उच्च शिक्षा सचिव ने दिया है .वह विश्वविद्यालय के एक्ट के विरुद्ध है .इस पर तत्काल रोक लगाए और विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को सुरक्षित करने की कृपया करें. बता दें कि इस मामले को लेकर लगातार गतिरोध जारी है. कुछ छात्र संगठनों ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. तो वहीं कुछ सीनेट सदस्यों और छात्र संगठनों ने इसके खिलाफ में लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं.