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रांची विधानसभा सीट से झारखंड चेंबर के सदस्य पवन शर्मा ने किया नॉमिनेशन, कहा- राज्य की BJP सरकार ने किया मजबूर

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Published : Nov 25, 2019, 5:07 PM IST

रांची विधानसभा सीट से झारखंड चेंबर के सदस्य पवन शर्मा ने सोमवार को निर्दलीय नॉमिनेशन फाइल किया. पवन शर्मा ने कहा बीजेपी सरकार व्यवसायियों के लिए काम नहीं कर रही है. झारखंड चेंबर के अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि हम किसका समर्थन करेंगे इसका निर्णय कार्यकारिणी समिति लेगी.

नॉमिनेशन फाइल करते पवन शर्मा

रांची: फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्य पवन शर्मा ने सोमवार को रांची विधानसभा सीट के लिए 2 सेटों में नॉमिनेशन फाइल किया है. व्यवसायियों का आरोप है कि सरकार व्यवसायियों के लिए काम नहीं कर रही है. जिसके बाद चेंबर के सदस्यों ने भी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. चेंबर सदस्य पवन शर्मा निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे है. उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में केंद्र और राज्य में बीजेपी सरकार रहने के बावजूद उनकी आवाज नहीं सुनी गई, इसलिए मजबूरन चुनावी मैदान में उतरना पड़ा है.

देखें पूरी खबर

व्यवसायियों की आवाज नहीं सुनी गई

पवन शर्मा ने कहा कि वह चेंबर की तरफ से नहीं बल्कि एक आम व्यवसाय और आम जनता की तरफ से चुनावी मैदान में उतरे है. पिछले 19 साल में व्यवसायियों ने हमेशा परेशानी झेली है और पिछले 5 साल में केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार के बावजूद व्यवसायियों की आवाज नहीं सुनी गई है. ऐसे में संविधान में एक आम आदमी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और इसी वजह से उन्होंने चुनावी मैदान में कदम रखा है.

ये भी देखें- विरोधियों के आरोप पर JDU का पलटवार, कहा- झारखंड में भी पार्टी लहराएगी अपना परचम

पवन शर्मा ने कहा कि वह सिर्फ व्यवसायियों के लिए नहीं बल्कि रांची की जनता के लिए चुनावी मैदान में उतरे है. ऐसे में सीपी सिंह से टक्कर के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हीं की वजह से हमें चुनावी मैदान में उतरने की हिम्मत आई है, क्योंकि जब आदमी असहनीय हो जाता है तो कोई ना कोई रास्ता जरूर चुनता है. इस शहर की जनता ने उन्हें इस रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया है.

ये भी देखें- गढ़वा में गरजे राजनाथ सिंह, कहा- राफेल होता तो घर बैठे ही कर देते पाकिस्तान के आतंकियों का सफाया

वहीं, चेंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि चेंबर पंजीकृत राजनीतिक दल नहीं है. उसका कोई भी सदस्य व्यक्तिगत तौर पर किसी भी चुनाव में खड़ा हो सकता है. पहले भी चेंबर के सदस्य चुनाव लड़ते रहें है और प्रत्याशी के रूप में सांसद, विधायक और निकाय प्रतिनिधि बनते रहे है. ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता चेंबर के समर्थन के लिए चेंबर में आते है, यह एक स्वाभाविक, सहज और लोकतांत्रिक प्रक्रिया है.

ये भी देखें- युवक को चोरी के शक में पुलिस ने मारी गोली, अस्पताल के बाहर हंगामा

कार्यकारिणी समिति करेगी निर्णय
कुणाल अजमानी ने कहा कि हम किसी भी दल विशेष का विरोध या पक्षधर नहीं है. हमारे सदस्य स्वतंत्र है. हमारा झारखंड के विकास और सुशासन के लिए एक सकारात्मक एजेंडा है और हम उसके लिए प्रयास करते है और करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि चेंबर के किस सदस्य को समर्थन देना है या नहीं, यह सिर्फ अध्यक्ष के रूप में अकेले तय नहीं किया जा सकता है. आवश्यकता पड़ी तो हमारी कार्यकारिणी समिति इस पर निर्णय लेगी.

रांची: फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्य पवन शर्मा ने सोमवार को रांची विधानसभा सीट के लिए 2 सेटों में नॉमिनेशन फाइल किया है. व्यवसायियों का आरोप है कि सरकार व्यवसायियों के लिए काम नहीं कर रही है. जिसके बाद चेंबर के सदस्यों ने भी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. चेंबर सदस्य पवन शर्मा निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे है. उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में केंद्र और राज्य में बीजेपी सरकार रहने के बावजूद उनकी आवाज नहीं सुनी गई, इसलिए मजबूरन चुनावी मैदान में उतरना पड़ा है.

देखें पूरी खबर

व्यवसायियों की आवाज नहीं सुनी गई

पवन शर्मा ने कहा कि वह चेंबर की तरफ से नहीं बल्कि एक आम व्यवसाय और आम जनता की तरफ से चुनावी मैदान में उतरे है. पिछले 19 साल में व्यवसायियों ने हमेशा परेशानी झेली है और पिछले 5 साल में केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार के बावजूद व्यवसायियों की आवाज नहीं सुनी गई है. ऐसे में संविधान में एक आम आदमी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और इसी वजह से उन्होंने चुनावी मैदान में कदम रखा है.

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पवन शर्मा ने कहा कि वह सिर्फ व्यवसायियों के लिए नहीं बल्कि रांची की जनता के लिए चुनावी मैदान में उतरे है. ऐसे में सीपी सिंह से टक्कर के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हीं की वजह से हमें चुनावी मैदान में उतरने की हिम्मत आई है, क्योंकि जब आदमी असहनीय हो जाता है तो कोई ना कोई रास्ता जरूर चुनता है. इस शहर की जनता ने उन्हें इस रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया है.

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वहीं, चेंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि चेंबर पंजीकृत राजनीतिक दल नहीं है. उसका कोई भी सदस्य व्यक्तिगत तौर पर किसी भी चुनाव में खड़ा हो सकता है. पहले भी चेंबर के सदस्य चुनाव लड़ते रहें है और प्रत्याशी के रूप में सांसद, विधायक और निकाय प्रतिनिधि बनते रहे है. ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता चेंबर के समर्थन के लिए चेंबर में आते है, यह एक स्वाभाविक, सहज और लोकतांत्रिक प्रक्रिया है.

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कार्यकारिणी समिति करेगी निर्णय
कुणाल अजमानी ने कहा कि हम किसी भी दल विशेष का विरोध या पक्षधर नहीं है. हमारे सदस्य स्वतंत्र है. हमारा झारखंड के विकास और सुशासन के लिए एक सकारात्मक एजेंडा है और हम उसके लिए प्रयास करते है और करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि चेंबर के किस सदस्य को समर्थन देना है या नहीं, यह सिर्फ अध्यक्ष के रूप में अकेले तय नहीं किया जा सकता है. आवश्यकता पड़ी तो हमारी कार्यकारिणी समिति इस पर निर्णय लेगी.

Intro:रांची.फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्य पवन शर्मा ने सोमवार को रांची विधानसभा सीट के लिए 2 सेटों में नॉमिनेशन फाइल किया है। लगातार व्यवसायियों का आरोप रहा था कि सरकार से संवादहीनता की वजह से व्यवसायियों के लिए काम नहीं हो रहा है। ऐसे में चेंबर सदस्यों ने भी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। इस लिहाज से चेंबर सदस्य पवन शर्मा निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे हैं। उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि पिछले 5 सालों में केंद्र और राज्य में बीजेपी सरकार रहने के बावजूद उनकी आवाज नहीं सुनी गई। इसलिए मजबूरन चुनावी मैदान में उतरना पड़ा है।


Body:उन्होंने कहा कि वह चेंबर की तरफ से नहीं बल्कि एक आम व्यवसाई और आम जनता की तरफ से चुनावी मैदान में उतरे हैं। क्योंकि पिछले 19 साल में व्यवसायियों ने हमेशा परेशानी झेली है और पिछले 5 साल में केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार के बावजूद व्यवसायियों की आवाज नहीं सुनी गई है। ऐसे में संविधान में एक आम आदमी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और इसी वजह से उन्होंने चुनावी मैदान में कदम रखा है।


उन्होंने कहा है कि वह सिर्फ व्यवसायियों के लिए नहीं बल्कि रांची की जनता के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। ऐसे में सीपी सिंह से टक्कर के सवाल पर उन्होंने कहा है कि उन्हीं की वजह से हमें भी चुनावी मैदान में उतरने की हिम्मत आई है। क्योंकि जब आदमी असहनीय हो जाता है।तो कोई ना कोई रास्ता जरूर चुनता है और इस शहर की जनता ने उन्हें इस रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया है।


Conclusion:वही चेंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि चेंबर पंजीकृत राजनीतिक दल नहीं है। उसका कोई भी सदस्य व्यक्तिगत तौर पर किसी भी चुनाव में खड़ा हो सकता है। पहले भी चेंबर के सदस्य चुनाव लड़ते रहें है और प्रत्याशी के रूप में सांसद,विधायक और निकाय प्रतिनिधि बनते रहे हैं। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता चेंबर के समर्थन के लिए चेंबर में आते हैं। यह एक स्वाभाविक ,सहज और लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। हम किसी भी दल विशेष के विरोध या पक्षधर नहीं हैं। हमारे सदस्य स्वतंत्र हैं। हमारा झारखंड के विकास और सुशासन के लिए एक सकारात्मक एजेंडा है और हम उसके लिए प्रयास करते हैं और करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि चेंबर के किस सदस्य को समर्थन देना है या नहीं। यह सिर्फ अध्यक्ष के रूप में अकेले तय नहीं किया जा सकता है।आवश्यकता पड़ी तो हमारी कार्यकारिणी समिति इस पर निर्णय लेगी।
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