रांची: राजधानी में बारिश होते ही सबसे ज्यादा आफत रिम्स में आने वाले गरीब और लाचार मरीजों को होती है. रिम्स के इमरजेंसी, ओपीडी सहित विभिन्न विभागों में जलजमाव हो जाता है और इसके चलते मरीजों को काफी परेशानी होती है. स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि मरीज को अस्पताल में पानी के बीच ही इलाज कराना पड़ता है. इससे मरीजों को दूसरी बीमारियों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
यह भी पढ़ें: बिना शुरू हुए बंद हो गया बिरसा जीवन आयुष किट कार्यक्रम! सीएम हेमंत सोरेन ने 10 मई को किया था लॉन्च
जमीन पर इलाज करा रहे मरीज की परिजन सोनी कुमारी बताती हैं कि जब भी बारिश होती है, पूरे फर्श पर पानी आ जाता है. सबसे ज्यादा थर्ड फ्लोर पर परेशानी होती है क्योंकि यहां पर पानी का झटका सबसे ज्यादा आता है. न्यूरो सर्जरी विभाग में सबसे ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं और इसी तल्ले पर मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बारिश के चलते सभी जगह परेशानी
कई बार मरीज को बारिश के दौरान ही जांच के लिए बाहर ले जाना पड़ता है क्योंकि रिम्स के एक बिल्डिंग के अंदर जांच की व्यवस्था अभी तक दुरुस्त नहीं की जा सकी है. इसकी वजह से पुरानी बिल्डिंग से बाहर बने हेल्थ मैप में जांच कराने ले जाना पड़ता है. कई बार मरीज भीग जाते हैं जिससे उनके बीमार होने का खतरा और बढ़ जाता है. सिर्फ इमरजेंसी और बरामदे पर ही नहीं बल्कि रिम्स में बने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में भी बारिश का पानी टपकता है जिससे दवा रखने में काफी परेशानी होती है. बारिश के चलते दवा और कुछ अन्य सामान बारिश में भीग गए.
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि रिम्स निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद सिंह इस समस्या को लेकर प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा है कि जल्द ही आरएमसीएच की पुरानी बिल्डिंग को रिनोवेट किया जाएगा और जहां भी जलजमाव की समस्या हो रही है उसे दुरुस्त करा दिया जाएगा. डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि आरएमसीएच को रिम्स में भले ही तब्दील कर दिया गया हो लेकिन अभी भी इंफ्रास्ट्रक्चर पुराना ही है और मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसीलिए जरूरी है कि नई व्यवस्था की शुरुआत की जाए जिसको लेकर प्रबंधन विचार कर रहा है.