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राज्य में कोरोना रिपोर्ट की वजह से समय पर नहीं हो रहा इलाज, दम तोड़ रहे मरीज: आशा लकड़ा

रांची में कई मरीज तत्काल चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं. जिन मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा चाहिए. उन्हें भी कोरोना जांच के बाद ही अस्पतालों में भर्ती करने की बात कही जा रही है. राज्य में चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. ये बातें मेयर आशा लकड़ा ने कहीं.

Mayor Asha Lakda
मेयर आशा लकड़ा
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Published : Aug 23, 2020, 6:37 PM IST

रांची. मेयर आशा लकड़ा ने रविवार को कहा कि राज्य में कोरोना जांच के नाम पर अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के जीवन से चिकित्सक खिलवाड़ कर रहे हैं. सड़क दुर्घटना में घायल हो या गर्भवती महिलाएं या फिर अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती किए जाने से पहले उन्हें कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद भर्ती किया जा रहा है. राज्य के विभिन्न निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा चाहिए. उन्हें भी कोरोना जांच के बाद ही अस्पतालों में भर्ती करने की बात कही जा रही है.

ऐसी परिस्थिति में कई मरीज तत्काल चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं. राज्य सरकार की टीम पूरी तरह से आइसोलेशन में है. राज्य में चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. एक ओर राज्य सरकार ट्रू नेट मशीन से तत्काल कोरोना जांच का दावा कर रही है. वहीं, दूसरी ओर रिम्स में क्रिटिकल मरीजों को तत्काल कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. कोरोना जांच के लिए उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को कोरोना जांच के नाम पर अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार न किया जाए.

ये भी पढ़ें: झारखंड कैबिनेट पर कोरोना का साया, 3 मंत्री समेत 5 विधायक हुए संक्रमित

मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि कोरोना जांच रिपोर्ट के इंतजार में संबंधित मरीजों को उचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने में विलंब न किया जाए. निजी और सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी अपना चिकित्सकीय धर्म निभाएं. मेयर ने राज्य सरकार से यह भी कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीज मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं. हाल ही में रिम्स में भर्ती एक मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. लिहाजा रिम्स में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जाए, ताकि मानसिक तनाव से जूझ रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जान बचाई जा सके.

रांची. मेयर आशा लकड़ा ने रविवार को कहा कि राज्य में कोरोना जांच के नाम पर अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के जीवन से चिकित्सक खिलवाड़ कर रहे हैं. सड़क दुर्घटना में घायल हो या गर्भवती महिलाएं या फिर अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती किए जाने से पहले उन्हें कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद भर्ती किया जा रहा है. राज्य के विभिन्न निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा चाहिए. उन्हें भी कोरोना जांच के बाद ही अस्पतालों में भर्ती करने की बात कही जा रही है.

ऐसी परिस्थिति में कई मरीज तत्काल चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं. राज्य सरकार की टीम पूरी तरह से आइसोलेशन में है. राज्य में चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. एक ओर राज्य सरकार ट्रू नेट मशीन से तत्काल कोरोना जांच का दावा कर रही है. वहीं, दूसरी ओर रिम्स में क्रिटिकल मरीजों को तत्काल कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. कोरोना जांच के लिए उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को कोरोना जांच के नाम पर अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार न किया जाए.

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मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि कोरोना जांच रिपोर्ट के इंतजार में संबंधित मरीजों को उचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने में विलंब न किया जाए. निजी और सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी अपना चिकित्सकीय धर्म निभाएं. मेयर ने राज्य सरकार से यह भी कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीज मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं. हाल ही में रिम्स में भर्ती एक मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. लिहाजा रिम्स में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जाए, ताकि मानसिक तनाव से जूझ रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जान बचाई जा सके.

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