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छटनी से नाराज अंशकालिक शिक्षक, विरोध में करेंगे आंदोलन

राज्य भर में संचालित कस्तूरबा विद्यालयों में अंशकालिक शिक्षकों की छटनी करने का निर्णय लिया गया है. इसके विरोध में विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है. शिक्षकों ने इसे गलत ठहराते हुए शिक्षा विभाग को फरमान वापस लेने की मांग की है.

शिक्षकों की आपात काल बैठक
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Published : Aug 11, 2019, 5:40 PM IST

रांचीः राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य में संचालित कस्तूरबा विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों की छटनी का फरमान जारी किया है. जैसे ही यह फरमान जारी हुआ, शिक्षकों के बीच आक्रोश देखा गया. शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने रांची पहुंचकर एक आपात बैठक किया. इसे लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई. मौके पर राज्य भर के कस्तूरबा विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों के प्रतिनिधि पहुंचे.

देखें पूरी खबर

गौरतलब है कि झारखंड में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षिकाओं की नियुक्ति नियमित रूप से है. जबकि कक्षा 9 से 12 तक का शिक्षण कार्य विषयवार अंशकालिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के भरोसे ही संचालित होती है. यहां नियमित शिक्षकों को जहां 40 हजार से 60 हजार रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है. अंशकालिक शिक्षकों को प्रति घंटी का 150 रुपये ही दिया जाता है.

ये भी पढ़ें-उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का किया शुभारंभ, जताया झारखंड की जनता का आभार

शिक्षा विभाग का फरमान

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने अंशकालिक शिक्षकों को हटाने का फरमान जारी किया है. विभाग का तर्क है कि इन शिक्षकों के कारण ही कस्तूरबा का रिजल्ट सही नहीं हो रहा है. इधर इस निर्णय के बाद अंशकालिक शिक्षकों में रोष व्याप्त है .तमाम शिक्षक प्रतिनिधियों ने राजधानी में एक बैठक कर इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार की है.
गौरतलब है कि राज्यभर के 203 कस्तूरबा विद्यालयों में लगभग तीन हजार अंशकालिक शिक्षक नियुक्त किए गए थे. ऐसे में अगर अचानक इन्हें हटा दिया जाता है तो इनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इसे देखते हुए विभाग को ठोस निर्णय लेने की जरूरत है.

रांचीः राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य में संचालित कस्तूरबा विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों की छटनी का फरमान जारी किया है. जैसे ही यह फरमान जारी हुआ, शिक्षकों के बीच आक्रोश देखा गया. शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने रांची पहुंचकर एक आपात बैठक किया. इसे लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई. मौके पर राज्य भर के कस्तूरबा विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों के प्रतिनिधि पहुंचे.

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गौरतलब है कि झारखंड में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षिकाओं की नियुक्ति नियमित रूप से है. जबकि कक्षा 9 से 12 तक का शिक्षण कार्य विषयवार अंशकालिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के भरोसे ही संचालित होती है. यहां नियमित शिक्षकों को जहां 40 हजार से 60 हजार रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है. अंशकालिक शिक्षकों को प्रति घंटी का 150 रुपये ही दिया जाता है.

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शिक्षा विभाग का फरमान

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने अंशकालिक शिक्षकों को हटाने का फरमान जारी किया है. विभाग का तर्क है कि इन शिक्षकों के कारण ही कस्तूरबा का रिजल्ट सही नहीं हो रहा है. इधर इस निर्णय के बाद अंशकालिक शिक्षकों में रोष व्याप्त है .तमाम शिक्षक प्रतिनिधियों ने राजधानी में एक बैठक कर इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार की है.
गौरतलब है कि राज्यभर के 203 कस्तूरबा विद्यालयों में लगभग तीन हजार अंशकालिक शिक्षक नियुक्त किए गए थे. ऐसे में अगर अचानक इन्हें हटा दिया जाता है तो इनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी. इसे देखते हुए विभाग को ठोस निर्णय लेने की जरूरत है.

Intro:रांची।

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य में संचालित कस्तूरबा विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों की छटनी का फरमान जारी किया है .जैसे ही यह फरमान जारी हुआ शिक्षकों के बीच आक्रोश देखा गया .शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी रांची पहुंचकर एक आपात बैठक किया .साथ ही इसे लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई .मौके पर राज्य भर के कस्तूरबा विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों के प्रतिनिधि पहुंचे.


Body:गौरतलब है कि झारखंड में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षिकाओं की नियुक्ति नियमित रूप से है जबकि कक्षा 9 से 12 तक का शिक्षण कार्य विषय वार अंशकालिक शिक्षक शिक्षिकाओं के भरोसे ही संचालित होती है .यहां नियमित शिक्षकों को जहां 40 हजार से 60 हजार रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है. तो अंशकालिक शिक्षकों को प्रति घण्टी का 150 रुपये ही दिया जाता है .

शिक्षा विभाग का फरमान:

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने अंशकालिक शिक्षकों को हटाने का फरमान जारी किया है. विभाग का तर्क है कि इन शिक्षकों के कारण ही कस्तूरबा का रिजल्ट सही नहीं हो रहा है. इधर इस निर्णय के बाद अंशकालिक शिक्षकों में रोष व्याप्त है .तमाम शिक्षक प्रतिनिधियों ने राजधानी रांची में एक बैठक कर इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार की है.

बाइट-रितेश कुमार सिंह,अंशकालिक शिक्षक, कस्तूरवा गांधी विद्यालय।


Conclusion:गौरतलब है कि राज्यभर के 203 कस्तूरबा विद्यालयों में लगभग तिन हजार अंशकालिक शिक्षक नियुक्त किए गए थे .ऐसे में अगर अचानक इन्हें हटा दिया जाता है तो इनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाएगी .इसे देखते हुए विभाग को ठोस निर्णय लेने की जरूरत है.
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