रांची: झारखंड में अब तक स्कूल फीस का मामला सुलझा नहीं है, जिससे अभिभावक परेशान हो रहे हैं. अभिभावकों को डर है कि स्कूल प्रबंधक उनसे फीस ना वसूल ले. मामले को लेकर शिक्षा मंत्री के साथ स्कूल एसोसिएशन की एक बैठक जरूर हुई है, लेकिन बैठक बेनतीजा निकला था और मुख्य सचिव के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने की बात कही गई थी, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आ रहा है.
एसोसिएशन का सुझाव
निजी स्कूल और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के बीच मनमुटाव जगजाहिर हो चुका है, लेकिन इससे निजी स्कूल प्रबंधकों के कानों में जूं नहीं रेंग रहा है. अभिभावक परेशान है. स्कूल प्रबंधक अभी भी फीस को लेकर दबाव बना रहे है, लेकिन अब तक बीच का रास्ता नहीं निकाला जा सका है. मामले को लेकर शिक्षा मंत्री और निजी स्कूल एसोसिएशन के बीच एक बैठक हो चुकी है. वह बैठक बेनतीजा निकला था. बैठक के दौरान कहा गया था कि एसोसिएशन का सुझाव और विभाग के निर्देश से संबंधित एक और बैठक होगी. इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे.
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बढ़ सकती है अभिवावको की परेशानी
पहले बैठक के दौरान कहा गया था कि एक-दो दिनों के अंदर बैठक कर मामले को सुलझा लिया जाएगा. खुद शिक्षा मंत्री ने यह बातें कही थी, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी मुख्य सचिव, शिक्षा मंत्री और निजी स्कूल एसोसिएशन के बीच होने वाली बैठक को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है, जिससे अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही है. अगर निजी स्कूल और विभाग के बीच मामला नहीं सुलझा तो अभिभावकों को एक मुस्त तीन महीने का फीस स्कूल प्रबंधकों को देना ही होगा.
बैठक कर विचार विमर्श करने की आवश्यकता
हालांकि, शिक्षा मंत्री के साथ बैठक के बाद निजी स्कूल एसोसिएशन ने बस भाड़ा माफ करने की बात कही थी, साथ ही एक्स्ट्रा खर्च को भी कटौती करने को लेकर पहल करने की बात कही गई थी, लेकिन विभाग की ओर से अब तक न तो एसोसिएशन को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया है और न ही स्कूल एसोसिएशन ने अपनी ओर से कोई कदम उठाया है. बार-बार अभिभावक मंच की ओर से मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही जा रही है. निजी स्कूल एसोसिएशन और शिक्षा विभाग को बैठकर विचार विमर्श करने की भी आवश्यकता है. नहीं तो आने वाले समय में अभिभावकों पर अतिरिक्त स्कूल फीस का बोझ बढ़ेगा.