रांचीः झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) की ओर से निजी स्कूलों के फीस वसूली के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. यह निर्णय रविवार को संघ के अध्यक्ष अजय राय की अध्यक्षता में आयोजित जूम एप मीटिंग में लिया गया है. अजय राय ने कहा कि हमारी भी सुनो हेमंत सरकार, निजी स्कूल दे रहे हैं दुख अपार कार्यक्रम के तहत तीसरे चरण की आंदोलन की जाएगी. यह आंदोलन 26 जुलाई से लगातार चार दिनों तक चलेगा.
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अभिभावक संघ ने उठाया सवाल
अजय राय ने कहा कि झारखंड में 77 प्रतिशत बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास करने के संसाधन उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि जो सरकार और निजी स्कूल बच्चों को मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन से दूर रहने की सलाह देते थे, वह आज हमारे बच्चों के स्वास्थ्य को ताक पर रखकर ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई करने के लिए मजबूर कर रहे हैं. ऑनलाइन क्लास के लिए अभिभावकों से अनुमति भी नहीं ली गई.
सत्ता में बैठे लोग हैं चुप्प
अजय राय ने कहा कि ऑनलाइन क्लास के अनुसार फीस निर्धारण की मांग की, लेकिन हमारी मंगों पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि सर्विस के अनुरूप पैसे निर्धारित होते हैं. सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधियों को मालूम हैं. इसके बावजूद सब चुप्पी साधे बैठे हैं. उन्होंने कहा कि नो प्रॉफिट नो लॉस के फार्मूले पर निजी स्कूलों को रजिस्ट्रेशन किया जाता है, लेकिन निजी स्कूलों ने शिक्षा देने के कार्य को व्यवसाय बना दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने के बदले हाथ पर हाथ रख बैठी है.
अभिभावक संघ की प्रमुख मांगें
- पिछले साल निकाले गए विभागीय पत्र का शत-प्रतिशत अनुपालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो.
- शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाए
- सम्बद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसे, विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो
- झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को राज्य के सभी जिले में पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू किया जाय, एक्ट के तहत पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हो
- निजी विद्यालयों की पिछले 5 साल का ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करें, ताकि जिस स्कूल के आर्थिक स्थिति सही है. उन स्कूलों की ओर से विभिन्न मदों में वसूले जा रहे फीस पर रोक लगे और आर्थिक रूप से कमजोर स्कूल को आर्थिक पैकेज दें
- स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स, इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करे
- स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन पूर्व की तरह सुनिश्चित हो.