रांची: झारखंड के अभिभावक एसोसिएशन ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन के अलावा पीएमओ को भी पत्र लिखकर निजी स्कूलों पर नकेल कसने की मांग की है. क्योंकि इस विकट परिस्थिति में भी राज्य के कई निजी स्कूल मनमानी रवैया अपना रहे हैं. इसे देखते हुए एसोसिएशन ने यह कदम उठाया है.
झारखंड सरकार और निजी स्कूलों के बीच लगातार स्कूल फीस माफ करने के अलावा बच्चों के पठन-पाठन को लेकर विचार-विमर्श का दौर जारी है, तो वहीं लॉकडाउन की वजह से किताब की दुकानों को खुलवाने को लेकर भी बात चल रही है. क्योंकि शहर के जितने स्कूलों में ऑनलाइन पठन-पाठन हो रहे हैं, वह नाकाफी हैं. अभिभावकों का कहना है कि किताब कॉपी के बिना पढ़ाई कराना कैसे संभव हो सकता है. वहीं, अभिभावकों का कहना है कि इस मामले को लेकर जिला प्रशासन को संज्ञान लेना होगा, नहीं तो बच्चों के पठन-पाठन में काफी परेशानी हो सकती है.
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इधर, झारखंड अभिभावक एसोसिएशन ने राज्य सरकार से और विभिन्न निजी स्कूल प्रबंधकों से मांग की है कि इस विकट परिस्थिति में सामंजस्य बनाकर स्कूलों की फीस माफ किया जाए और टीचर्स नॉन टीचिंग स्टाफ को उनका वेतन भी भुगतान किया जाए. जानकारी मिल रही है कि ऐसे कई स्कूल है जो टीचर्स को वेतन देने में आनाकानी कर रही है. इसे लेकर अभिभावक एसोसिएशन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार, जिला प्रशासन और पीएमओ से भी इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है. गौरतलब है कि शहर के अधिकतर स्कूल डिजिटल माध्यम से पठन-पाठन कराने की बात कह रहे हैं. वहीं, शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न निजी स्कूलों से लॉकडाउन के दौरान फीस नहीं लेने का आदेश भी जारी किया है. लेकिन अब तक इस पर किसी भी निजी स्कूल ने पहल नहीं की है. ऐसे में अभिभावक एसोसिएशन ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.