रांची: झारखंड में कोविड मरीजों का ग्राफ नीचे गिरते देख सरकार ने धुर्वा के पारस एचईसी को रांची के कोविड अस्पताल से मुक्त कर दिया है. एचईसी के यूनिट हेड डॉक्टर नितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने कोविड मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है, इसीलिए 2 नवंबर 2020 से रांची का पारस एचईसी अस्पताल अब गैर कोविड मरीजों के इलाज के लिए भी फिर से तैयार हो गया है.
इसे लेकर हॉस्पिटल को पूरी तरह से सेनेटाइज कर दिया गया है, ताकि समान्य मरीज निर्भीक होकर अस्पताल में इलाज करा सकें. एचईसी के यूनिट हेड ने बताया कि सरकार के आदेश के बाद पारस अस्पताल ने कोविड मरीजों की सेवा में कोई कमी नहीं की है. अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टरों ने सरकार के निर्देशानुसार उम्मीद से बेहतर कार्य किया है, इसीलिए लगभग एक हजार से ज्यादा मरीज कोरोना से ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं.
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300 बेड का अस्पताल बनाने का लक्ष्य
कोविड हॉस्पिटल से मुक्त होने के बाद यूनिट हेड डॉ नितेश कुमार ने बताया कि अब आम मरीजों की बेहतर सुविधा के लिए अस्पताल में अगले 6 महीने के अंदर नए विभाग खोले जायेंगे, जिसमें 8 बेड का डायलिसिस सेंटर भी शामिल होगा.
उन्होंने बताया कि रांची का पारस एचईसी अस्पताल की पिछले साल ही नींंव रखी गई है और अगले दो वर्षो में इस अस्पताल को 300 बेड का अस्पताल बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि निश्चित रूप से आने वाले समय में राजधानी सहित झारखंड के मरीजों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बेहतर विकल्प बनेगा.
रांची सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद ने भी बताया कि पारस अस्पताल को अब डेडीकेटेड कोविड अस्पताल की सूची से हटा दिया है. पारस अस्पताल में भेजे जाने वाले कोरोना मरीजों को अब सदर अस्पताल में भर्ती किया जायेगा.