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पारा शिक्षकों ने मांगों को लेकर एक बार फिर दी आंदोलन की चेतावनी, विभाग ने कहा- मांगें की जा चुकी हैं पूरी - Welfare Fund

राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन को तेज करने जा रहे हैं, हालांकि अब राज्य सरकार का शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों की मांग मानने को तैयार नहीं दिख रही है. विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने सख्त लहजे में कहा है कि उनकी तमाम मांगों को शिक्षा विभाग ने मान लिया है, लेकिन फिर भी लोग आंदोलन की धमकी देते हैं.

विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह
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Published : Sep 2, 2019, 10:54 PM IST

रांचीः एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एक बार फिर राज्य के तमाम पारा शिक्षकों ने आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई है. जबकि समझौते के अनुरूप उनकी कई मांगों को राज्य सरकार ने मान ली है. सरकार के साथ समझौते के अनुसार पारा शिक्षकों की कई मांगे विभाग ने पूरी कर दी है. पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है. बढ़े हुए मानदेय के अनुरूप ही राशि का भुगतान किया जा रहा है. आंदोलन के दौरान जिन पारा शिक्षकों का निधन हुआ था, उनके परिजनों को एक-एक लाख का मुआवजा भी दे दिया गया है.

विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने कही ये बात


पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष का गठन भी अंतिम चरण में है. जिसके बाद भी अगर पारा शिक्षक अपने आंदोलन को तेज करते है, तो शिक्षा विभाग अब कुछ भी मानने को तैयार नहीं है. मामले को लेकर विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि मांगों को मानने के बाद भी आंदोलन किया जा रहा है तो इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता है.

रांचीः एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एक बार फिर राज्य के तमाम पारा शिक्षकों ने आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई है. जबकि समझौते के अनुरूप उनकी कई मांगों को राज्य सरकार ने मान ली है. सरकार के साथ समझौते के अनुसार पारा शिक्षकों की कई मांगे विभाग ने पूरी कर दी है. पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है. बढ़े हुए मानदेय के अनुरूप ही राशि का भुगतान किया जा रहा है. आंदोलन के दौरान जिन पारा शिक्षकों का निधन हुआ था, उनके परिजनों को एक-एक लाख का मुआवजा भी दे दिया गया है.

विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने कही ये बात


पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष का गठन भी अंतिम चरण में है. जिसके बाद भी अगर पारा शिक्षक अपने आंदोलन को तेज करते है, तो शिक्षा विभाग अब कुछ भी मानने को तैयार नहीं है. मामले को लेकर विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि मांगों को मानने के बाद भी आंदोलन किया जा रहा है तो इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता है.

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रांची।

राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन को तेज करने जा रही है. हालांकि अब राज्य सरकार के शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों के तमाम मांगों को मानने को तैयार नहीं दिख रही है. विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने सख्त लहजे में कहा है कि इनकी तमाम मांगों को शिक्षा विभाग द्वारा मान लिया गया है .लेकिन फिर भी लोग आंदोलन का धमकी देते हैं यह कहीं से भी जायज नहीं है.


Body:एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एक बार फिर राज्य के तमाम पारा शिक्षक आंदोलन को तेज करने को लेकर रणनीति बना रही है .जबकि समझौते के अनुरूप इनकी कई मांगों को राज्य सरकार द्वारा मान ली गई है .सरकार के साथ समझौते के अनुसार पारा शिक्षकों की कई मांगे विभाग द्वारा पूरी की गई है .पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है. बढ़े हुए मानदेय के अनुरूप ही राशि का भुगतान किया जा रहा है. आंदोलन के दौरान जिन पारा शिक्षकों का निधन हुआ उनके परिजनों को एक-एक लाख का मुआवजा भी दे दिया गया है .सेवा शर्त नियमावली बनने के लिए विभिन्न राज्यों की नियमावली के आधार पर रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है. पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष का गठन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. फिर भी अगर पारा शिक्षक अपने आंदोलन को तेज करती है तो अब शिक्षा विभाग मानने को तैयार नहीं है इसी मामले को लेकर विभाग के प्रधान सचिव ने कहा है कि इनकी मांगे मानने के बाद भी आंदोलन के मूड में है इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकती है.




Conclusion:बाइट- ए पी सिंह, प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग झारखंड सरकार
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